हम भारतीय लोगों में एक बात बेहद ही खास होती है हम किसी भी विपरीत परिस्थिति में कुछ ना कुछ सकारात्मक ढूंढ ही लेते हैं और तो और आपदा जैसी स्थिति में भी कुछ ना कुछ सकारात्मक ढूंढ ही लेते हैं ""हमारी जिजीविषा ही हमारी पहचान है ""तो बात शुरु होती है दिसंबर 2020 की जैसा कि सभी को ज्ञात है क्या स्थिति थी महामारी का दौर था लोग बाहर जाने से बच रहे थे कुछ भी समझ नहीं आ रहा था कि क्या होगा कैसे होगा कब होगा कब हालात सुधरेंगे अप्रैल के महीने में कोरोना महामारी के कारण जॉब से हाथ धो बैठा था ....स्टॉप ...स्टॉप थोड़ा रुकिए कहानी शुरू करने से पहले एक छोटा सा संक्षिप्त परिचय दे देता हूं अपना मैं 32 वर्षीय पढ़ा लिखा सुंदर सुशोभित संस्कारी आज्ञाकारी (जरूरत से ज्यादा) नौजवान हूं बस एक ही दिक्कत है एक ही परेशानी है कि घुमक्कड़ई नामक एक गंभीर बीमारी से पीड़ित हूं तो कहानी आगे बढ़ाते हैं जॉब छोड़ने के बाद भी वैसे तो मैं अविवाहित हूं तो ज्यादा चिंता करने वाली बात नहीं थी कुछ पैसे की बचत भी थी अप्रैल से लेकर दिसंबर तक जैसे तैसे करके समय काटा लेकिन अब पानी सिर से ऊपर हो चुका था पैरों में कुलबुलाहट होनी शुरू हो चुकी थी बस बहुत हुआ अब कोई नहीं रोक सकता अब तो जा कर ही रहूंगा कुछ ऐसे ही खतरनाक ख्याल दिमाग में आ रहे थे बस फिर क्या था गूगल पर सर्च करना शुरू किया क्या किया जा सकता है कहां जा सकते हैं कहां कहां खुला है जहां दिक्कत ना हो सफर पर जाने से पहले जो तैयारियां करनी होती हैं मुझे बहुत पसंद है बहुत मजा आता है मुझे इसमें टिकटों को लेकर जानकारी करना होटल और रुकने की जानकारी करना कहां-कहां घूमना है इस समय बहुत मजा आता है मैं सफर में ज्यादा खर्च करने से बचता हूं मुझे सस्ती और टिकाऊ चीजें ही पसंद है मुझे सोचता हूं पीएचडी कर लूं इस विषय में और हां एक व्यक्तिगत राय है आप कहीं घूमने जा रहे हैं सैर सपाटा करने देशाटन करने घुमक्कड़ करने तो देखें कि आपके साथ कौन जा रहा है यह बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि अगर आपका संगी साथी आपके जैसा नहीं हुआ तो मजा किरकिरा हो सकता है इसलिए कृपया कोशिश करें की आपका साथी आपके जैसा हो या आप उसके जैसे हो मैं हमेशा अपने परिवार के साथ जाता हूं मेरा छोटा भाई और मेरा भांजा यह दोनों मेरे पसंदीदा है क्योंकि दोनों हमेशा जोश से लबरेज रहते हैं उम्र में दोनों मुझसे बहुत छोटे हैं लेकिन दोस्ती जैसा ही व्यवहार चलता है साथ में कई सारी यात्राएं भी की हैं इसीलिए मैं इन दोनों के साथ ट्रैवल करना पसंद करता हूं तो तीनों की सहमति से मिलाकर मैंने इस बार फैसला किया कि जैसलमेर की मरूभूमि को देखने चलना है बस फिर क्या था ट्रेन की बुकिंग की और थोड़ा जरूरी सामान लिया और चल दिए पहला स्टॉप हमारा पुष्कर में था 2 दिन हमने पुष्कर के लिए रखे थे पुष्कर जाते ही हमने पहले से ही एक हॉस्टल में बुकिंग ले रखी थी पहली बार हॉस्टल में रुक रहे थे तो थोड़े एक्साइटिड भी थे बहुत सुना था इन सब के बारे में लेकिन जब वहां जाकर लोगों से मिले जितने भी और लोग उस हॉस्टल में रुके हुए थे ज्यादातर नशे की ही बात कर रहे थे क्या तुमने वह नशा लिया है क्या तुमने ट्राई किया है तुम्हारा कैसा अनुभव था सब कुछ इसी तरह की बातें चल रही थी जो कि हमारे लिए व्यर्थ ही थी हर कोई अपने आपे को फन्ने खां बता रहा था ज्यादातर लोग शो ऑफ कर रहे थे मैंने काफी कोशिश की घुलने मिलने की लेकिन मुझे लगा मेरा स्तर ही नहीं है . तो बस पुष्कर घूमने निकल पड़े बहुत ही शानदार शहर है इस शहर की अपनी ही एक गति है जो मैंने महसूस की बहुत ही रुका हुआ मद्धम सी गति है इस शहर की कुछ अच्छे पुराने मंदिर देखें और सबसे खास ब्रह्मा जी का मंदिर देखा और पहाड़ों पर दो प्रसिद्ध मंदिर भी थे ब्रह्म सरोवर में स्नान भी किया और पुष्कर की गलियों में घूमे अनुभव शानदार था बयां नहीं किया जा सकता लेकिन कुछ अटपटा खाने के कारण मेरे भाई की तबीयत थोड़ी बिगड़ गई मुझे लगा ऐसे ही कुछ छोटा मोटा होगा कुछ तो उसको थोड़ी दवाई दिलाई और आराम करवाया उसको तीन चार बार उल्टी हो गई थी शायद अपच के कारण क्योंकि यहां पर हमने काफी सारे नए-नए चटकारे लिए थे शायद यही कारण था हमारे पुष्कर में 2 दिन भी हो गए थे अब हमें आगे की ट्रेन पकड़नी थी जैसलमेर के लिए तो हम पुष्कर से वापस अजमेर आए और जैसलमेर के लिए ट्रेन पकड़ ली ट्रेन ने हमें रात में 12:00 बजे लगभग जैसलमेर स्टेशन पर छोड़ा एक खास बात बताना चाहूंगा जब हम ट्रेन से जैसलमेर आ रहे थे तब कुछ लोगों ने हम से संपर्क किया किया की आप जैसलमेर में कहां रुकेंगे मैंने पहले से कोई एडवांस बुकिंग नहीं कराई थी तो मैंने उनके कहने पर होटल बुक कर लिया मार्केटिंग करने का ऐसा तरीका मैंने पहली बार ही देखा था कि लोगों को ट्रेन से ही सफर के दौरान ही होटल की बुकिंग करवा ली जाए होटल वालों ने अपने कुछ लोग पहले से ही ट्रेन में सफर करने के लिए छोड़े हुए थे जो लोगों से बात करके सफर के दौरान ही बुकिंग करवा रहे थे यह बड़ा ही अनूठा अंदाज था जो मैंने नहीं देखा था हालांकि मैं भी मार्केटिंग का स्टूडेंट रहा हूं तो उनके कहने पर हमने जैसलमेर में किले के नजदीक कमरा ले लिया 4 दिन के लिए ज्यादा महंगा भी नहीं था मुझे ठीक लगा लेकिन कहानी अगले दिन शुरू होती है होटल वालों ने हम पर दबाव बनाना शुरू किया कि सर आप जैसलमेर में क्या करेंगे यहां कुछ देखने के लिए नहीं है हम आपको रेगिस्तान की सैर कराएंगे कैंपिंग कराएंगे ऊंट की सवारी करेंगे आप उसके लिए भी हमसे पैकेज ले लो जो कि काफी महंगे थे इसीलिए मेरा सिर चकराया कि अब इन लोगों से कुछ बात नहीं करनी है उस होटल में जितने भी लोग रुके थे ज्यादातर लोगों ने उनका वह पैकेज ले लिया था कैंपिंग वाला शायद अत्याधिक दबाव के कारण लेकिन मैंने सोचा कि अपने हिसाब से करूंगा किसी के कहने पर नहीं लेकिन इस दौरान ही मेरे भाई की तबीयत थोड़ी ज्यादा बिगड़ गई उसको बार-बार उल्टी हो रही थी शायद फूड प्वाइजनिंग थी मैं उसे हॉस्पिटल ले गया डॉक्टर ने दवाई भी दी और आराम करने के लिए कहा अब मैं और मेरा भांजा सोच रहे थे कि आगे क्या करें वापस चला जाए या फिर यहीं रुके एक दिन वही आराम करने के बाद मैंने भाई से पूछा क्या करना है तबीयत ठीक है तुम्हारी आगे कहीं चल सकते हैं यही रुकना है तब उसने साहस का परिचय देते हुए कहा कि यहां बैठने थोड़ी आए हैं आगे चलना है डेजर्ट देखना है रेगिस्तान देखना है मरुभूमि देखनी है बस उसके इतना कहते ही मेरी जान में जान आई फिर मैंने आगे की प्लानिंग शुरू की मैंने दो बाइक किराए पर ली 2 दिन के लिए और निकल पड़ा आगे के सफर पर सबसे पहले हम लोग कुलधरा नामक एक भुतहा गांव में गए बहुत ही अच्छी जगह थी थोड़ी डरावनी अभी क्योंकि यहां आप सिर्फ खंडहर ही बचे हैं कुछ लोगों से कहानियां सुनी तो पता चला की यह कभी पालीवाल ब्राह्मणों का एक गांव था किसी कारणवश यहां के सभी ब्राह्मणों को इस गांव को छोड़कर जाना पड़ा तभी से यह गांव ऐसा ही विरान था यहां कुछ समय बिताने के बाद हम आगे की तरफ निकल पड़े अगला पड़ाव था सम गांव जिसे की सम सैंड ड्यून्स भी कहा जाता है दोपहर में यहां पहुंच गए थे रेत के टीले देखें मरुस्थल देखा बता नहीं सकता कितनी खुशी हुई एक अलग ही जगह है यह लगता है किसी पुराने कालखंड में आ गए हो ऊंट पर बैठकर काफी दूर तक गए रेत के टीले पर फोटो खिंचवा एवीडियोस बनाएं एक अच्छी शाम देखी गुजरता हुआ सूरज देखा रात एक कैंप साइट में काटी कुल मिलाकर अच्छा अनुभव था और उससे भी अच्छा था कि मैंने पहले से कोई पैकेज नहीं लिया था खुद बाइक चलाकर यहां तक आया अपने पास से कैंपसाइट बुक की यह सब कुछ ही मुख्य आकर्षण था और एक बात मजा तो सफर का है मंजिल का नहीं जो रास्ता आप तय करते हैं किसी मंजिल पर पहुंचने के लिए वही रोमांच होता है अगले दिन सुबह जल्दी ही हम लोग आगे के लिए हिंदुस्तान पाकिस्तान बॉर्डर की तरफ लोंगे वाला पोस्ट की तरफ निकले रास्ता बेहद ही शानदार था और खाली भी ना आदमी ना आदमी के जात कहीं-कहीं पर गूगल देवता भी नाराज हो जाते हैं कई बार गलत जगह गया गलत रास्ते लिए बॉर्डर के पास तनोट माता का मंदिर भी है जो कि काफी विख्यात है बॉर्डर भी काफी नजदीक से देखा हिंदुस्तानी होने पर गर्व हुआ दोपहर में इतना कुछ करते हुए वापस जैसलमेर की तरफ निकले रात तक जैसलमेर पहुंचे होटल में स्टे किया अब हमारे पास आखिरी दिन था जैसलमेर देखने के लिए तो यहां का किला जिसे सोनार किला भी कहा जाता है बहुत ही खूबसूरत है बेहद ही खूबसूरत है और विश्व का इकलौता किला है जहां अभी भी अंदर लोग और राजशाही के लोग रहते हैं राज परिवार भी रहता है किले के अंदर बहुत ही सुंदर मंदिर हैं प्राचीन जैन मंदिर हैं जो की बहुत ही आकर्षक है कैसे पूरा एक दिन जैसलमेर में कट गया पता नहीं लगा शाम को हमें वापस ट्रेन पकड़नी थी जैसलमेर से दिल्ली के लिए बस इसी तरीके की कहानी रही सफर लंबा था लेकिन बेहद ही रोमांचकारी था मेरे भाई ने साहस का परिचय दिया तभी सब कुछ संभव हो पाया अन्यथा मैं सोच रहा था कि वापस आना पड़ेगा यही तो सफर का संदेश है आपको बस तैयार रहना है कुछ भी कभी भी हो सकता है हौसला बनाए रखें अपने आप को मजबूत बनाएं हर परिस्थिति के लिए घुमक्कड़ई हमें यही तो सिखाती है घर वापस आने के बाद भाई को हॉस्पिटल में एडमिट भी करना पड़ा वह कुछ दिन हॉस्पिटल में ही रहा लेकिन अब लगभग 1 साल बाद इस पूरी यात्रा को देखते हैं और सोचते हैं तो बहुत ही आनंद प्राप्त होता है हंसी आती है रोना भी आता है लेकिन यही तो रोमांच है और इसी रोमांच की पिपासा को शांत करने के लिए मैं बार-बार लगातार कोशिशें करता रहता हूं कि कब कहां कैसे क्यों कुछ नया दिख जाए तो तो अंततः इतना ही कहना चाहूंगा की घुमक्कड़ई आप को मजबूत बनाती है आपको हालातों से लड़ना सिखाती है आपके मनोबल को ऊंचा उठाती है ....अगली बार मिलते हैं फिर किसी नए सफर की कहानी पर तब तक के लिए घूमते रहिए
आभार एवं धन्यवाद
कपिल शर्मा