आज हम आपको शहर लखनऊ के एक ऐसे मन्दिर के दर्शन कराएँगे जो गोमती नदी के मध्य बना हुआ है इस मंदिर का नाम गोमेश्वर शिव मन्दिर है और रोचक बात ये की इस मन्दिर में जाने के लिए हमें नाव का सहारा लेना होता है कुल मिलाके आप कह सकते हो की हम इस शिव मंदिर तक नाव में बैठकर जायेंगे क्यूंकि यह गोमती के मध्य एक टापू पर है इस पोस्ट में हम आपको बताएँगे की इस शिव मन्दिर तक कैसे पहुंचे नाव का किराया क्या है और यहाँ क्या क्या है |
गोमेश्वर शिव मन्दिर -
साल 2021 में घुमक्कड़ी की शुरुआत मै किसी मन्दिर से करना चाह रहा था तो इधर उधर किसी ऐसे मन्दिर को खोज में था जो थोडा सा अनोखा हो फिर मुझे शहर लखनऊ के एक शिव मन्दिर के बारे में जानकारी मिली जो गोमती नदी के बीचोबीच स्थित है और यहाँ नाव पर बैठ के जाया जाता है यस सुनकर मै उत्सुक हुआ की अरे इस तरह का मन्दिर लखनऊ में भी बस फिर क्या था अगले ही दिन निकल पड़ा उत्तर प्रदेश की राजधानी की ओर जो की मेरे मूल निवास से महज 105 किलोमीटर की दूरी पर है |
तो बस मै पहुँच गया लखनऊ और अपने मोबाइल के गूगल मैप में इस मन्दिर को ढूंढा और रास्ते की तरफ निकल लिया यह मेरी वर्ष 2021 की पहली घुमक्कड़ी थी तो उत्साह अत्यधिक था |
कैसे पहुंचे How to reach Gomeshwar Shiv Mandir
गोमती नदी के मध्य बना यह पवित्र शिव मन्दिर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में स्थित है और इसके पते की बात करे तो यह मुकरिमनगर हसनगंज में स्थित है , अब मै आपको यहाँ पहुँचने का तरीका भी बताता हु |
देखिये गोमेश्वर शिव मंदिर जाने के लिए आपको केसरबाग , रेजीड़ेंसी , कारगिल शहीद स्मारक वाटिका से होते हुए डालीगंज पुल को पार करके आपको मनकामेश्वर मंदिर की तरफ आना है वही आपको उपासना स्थल लिखा हुआ एक ग्रीन कलर का बोर्ड दिखाई देगा बस उसी बोर्ड के पास से ही रास्ता है बाकी आप इस मंदिर तक गूगल मैप की सहायता से भी भी आ सकते हो |
इस मन्दिर का सबसे बड़ा लैंडमार्क मनकामेश्वर शिव मन्दिर ही है बस रोड की एक तरफ मनकामेश्वर शिव मंदिर है और दूरी तरफ गोमेश्वर शिव मन्दिर , अच्छा इस मंदिर तक आने के लिए आपको रोड से नीचे आना होगा यदि आप उपासना स्थल वाले बोर्ड के पास से नीचे उतारोगे तो आप अपने बाइक या अन्य किसी साधन से भी आ सकते हो अब आप थोडा आगे आयेंगे तो आपको गोमती नदी दिखाई देगी जहाँ से आपको नाव द्वारा इस मन्दिर तक आना है |
हालाँकि यहाँ कोई बहुत ज्यादा दूरी नहीं है नाव से आपको महज 5 मिनट ही लगेंगे और जहाँ से नाव मिलेगी वहां से मंदिर दिखाई देता है बस नाव इसलिय क्यूंकि मंदिर नदी के मध्य है रही नाव के किराए की बात तो मैंने तो 50 रूपये दिए थे जिसमे आना जाना दोनों शामिल था , नाविक हमें मंदिर तक लेके गया फिर जब हम दर्शन कर चुके तो वही नाविक हमें वापस छोड़ गया |
इस यात्रा का यात्रा वृतान्त
जैसा की आप सबको बता दिया है की वर्ष 2021 की यह मेरी पहली घुमक्कड़ी थी तो उत्साह का होना तो बनता हम घोमने के शौखीन लोगो के लिए कोई भी घुमक्कड़ी छोटी या बड़ी नहीं होती खैर मै खड़ा था लखनऊ के बस स्टैंड केसरबाग में और वहा से गूगल मैप ने मुझे बताया की आज आप जो Lko Me Ghumne Ki Jagah के दर्शन करना चाहते है वह लखनऊ के एक प्रतिष्ठित शिव मन्दिर मनकामेश्वर के समीप है तो मै आगे बढ़ चला |
अब मै इस मन्दिर के समीप आ गया था यहाँ आके देखा तो वाकई में मंदिर गोमती नदी के मध्य में बना हुआ है और वहां सिर्फ नाव से ही जा सकते है तो मैंने वहां खड़े एक व्यक्ति से बात की तो उसने बताया की आप 50 रूपये दीजिये मै आपको भोलेबाबा के दर्शन करवा के लाता हु मैंने बोला ओके चलिए और फिर मै नाव पे बैठ गया नाव को अच्छे से सजाया था मतलब नाव देखने में अच्छी लग रही थी जैसे ही नाव आगे बढ़ी हमारे सामने एक सुन्दर नजारा था गोमती नदी में ढेर सारी बतखे मौज मस्ती कर रही थी जो देखना वाकई में आनंददायक था |
बस 5 मिनट की नाव की सैर के बाद हम मन्दिर आ गए थे इस गोमेश्वर मंदिर में अत्यधिक शान्ति थी और चारो तरफ आँखों को सकून देने वाली हरियाली थी सबसे पहमे मैंने मुख्य मंदिर में जाकर भोलेबाबा के दर्शन किया यह मन्दिर ज्यादा बड़ा तो नहीं था लेकिन इसमें फूलो की सजावट देखते ही बन रही था मंदिर के अन्दर अत्यधिक सुन्दरता थी मैंने शिवलिंग पर मत्था टेका और बाहर निकल आया |
सच मानिये यहाँ आकार आपको एक अलग सा सकूं मिलेगा क्यूंकि चारो और हरे भरे पेड़ , सुन्दर बतखे और चारो और गोमती नदी है तो आप बिलकुल प्रकृति से रूबरू हो जायेंगे अच्छा यह शिव मंदिर अति प्राचीन है क्यूंकि मुख्य मन्दिर में मंदिर का स्थापना वर्ष 1932 लिखा हुथा , गोमती नदी के मध्य बने एक टापू पर स्थित गोमेश्वर शिव मंदिर प्रांगण में एक तो शिव मन्दिर और इसके लगे में ही एक बरामदा सा है जहाँ आप हवन इत्यादि भी कर सकते है एवं इसी बरामदे में अन्य देवी देवताओ की भी मूर्तियाँ है आप उन सभी के दर्शन कर सकते हो |
Gomeshwar Shiv Mandir
कुल मिलाके मुझे तो यह टापू पर बना मन्दिर बहुत ही सुन्दर लगा क्यूंकि लखनऊ की भागमभाग से आके आप बिलकुल प्रकृति की गोद में आ जाते हो अब मैंने सम्पूर्ण मन्दिर के दर्शन कर लिए थे और वापस नाव में बैठकर उसी जगह आ गए जहा से नाव में बैठे थे अब सोचा क्यों न आसपास भी देखा जाय क्या है तो आपको बता दू यह पूरा स्थल पर्यटन स्थल ही है और इस मन्दिर के आसपास एक सुन्दर पार्क बना है जहाँ हरी भरी घास है मैंने थोड़ी देर यहाँ घुमक्कड़ी की और यहाँ पर बने एक आरती स्थल को देखा जो वाकई में सुन्दर था |
अब मेरी ये समझ आ रहा था की इस मन्दिर का नाम तो गोमेश्वर शिव मंदिर है लेकिन इस क्षेत्र का नाम उपासना स्थल है और Lko Me Ghumne Ki Jagah में अप इसे छोड़ नहीं सकते है तो इस तरह मेरी सन 2021 की पहली घुमक्कड़ी सफल रही और मुझे बहुत ही मजा आया , और मन्दिर का वातावरण देखके मुझे लगा की गर्मियों में यहाँ ठंडा रहता होगा |
निष्कर्ष
दोस्तों लखनऊ के अन्दर गोमती नदी के मध्य में एक ऐसा मन्दिर जहाँ आप नाव द्वारा जाए यह एक सुखद अनुभव है और सबसे अच्छी बात की इस क्षेत्र में एक बेहद ही सुन्दर पार्क बना हुआ है तो आप अपने परिवार के साथ यहाँ आकर कुछ अच्छा समय व्यतीत कर सकते है और लखनऊ के अन्दर इस तरह का अनुभव आपको पसंद आएगा तो गोमेश्वर शिव मंदिर की जानकारी आपको कैसी लगी कमेन्ट करके अवश्य बताये |