गाँव की सुंदरता

Tripoto
24th Mar 2022
Day 1

जहां सुकून मिलता है
जहाँ प्यार मिलता है
अपने गाँव को मैं कैसे बयां करू
गाँव वो है जहां इंसान को अपना पहचान मिलता है “

गांव और शहर के लोगो मे..
उतना ही अंतर होता है..
जितना धरती और गमले मे..
उगे हुए पौधे मे होता है “

भारत को गाँवों का देश कहा जाता है और कहा भी क्यों ना जाए आखिर भारत की पहचान इसके खूबसूरत गाँवों से ही तो है। आप भले ही विदेश घूम लें लेकिन जो बात आपको अपने देश के गाँवों में मिलेगी वो और कहीं नहीं। भारत के गाँवों की सुंदरता, संस्कृति और सादगी आपका मन मोह लेगी। हमारे देश में कई ऐसे गाँव हैं जो सुंदरता में किसी भी बड़े से बड़े टूरिस्ट स्पॉट को मात दे सकते हैं। प्रकृति की गोद में बसे ये गाँव धरती पर किसी स्वर्ग से कम नहीं। शहरों के शोर-गुल और प्रदूषण से दूर बसे इन गाँवों की खूबसूरती और शांत वातावरण आपको अपनी तरफ आकर्षित लेंगे हमारा यहाँ की अधिक जनसँख्या गाँव में ही निवास करता है | हमारे देश की जनसँख्या लगभग ६५ % प्रतिशत लोग आज भी गाँव में ही रहते हैं | गाँव का जीवन शहर के जीवन से अलग होता है |

गाँव हमारे समाज की छोटी इकाई है, गाँव का जीवन बहुत ही सादगी और सरल होता है | गाँव में भारतीय संस्कृत देखने मिलते हैं, गाँव  की परम्पराएँ सदियों से चली आ रही हैं | गाँव  के लोगों में अपनापन और सामाजिक एकता पाई जाती है |गाँव में रहने वाले लोग सीधा-साधा जीवन जीते हैं और वहां के रहने वाले लोग बेहतर ही मेहनती और ईमानदार ह्रदय के होते है |

गाँव का दृश्य लहराते हुए खेत और खेतों में रंग-बिरंगे फूल की खुश्बू जो हर किसी को मदहोश कर देती है | जैसे लगता है गाँव की धरती सोना उगल रही हो | गाँव में किसानों के कड़ी मेहनत बाद भी गाँव के लोगों का विकास अधूरा रह जाता है |
भारत की अर्थव्यवस्था के विकास में कुटीर उद्योग, पशुपालन और मुर्गीपालन आदि है | हमारे गाँव में मजदूर किसान निवास करते हैं | खेतों में अनाज और सब्जियाँ उगाई जाती है, गाँव में तालाब और नहरे होती हैं |

Photo of गाँव की सुंदरता by Harshit Yadav

मेरा घर नगर मे है लेकिन मैं रोज सुबह गाँव के तरफ घूमने चला जाता हूँ सुबह को गाँव के तरफ घूमने का मजा ही अलग है
सुबह को रोज नदी के बाँध पर बैठ कर सूर्य उदय देखना ।  एक दिन
मैंने देखा की किसान सुबह कैसे फावड़ा लेकर अपने खेतो के तरफ  जाता है उसके बाद वो किस तरह मेहनत करता है तब जाकर हम  जैसे लोगो को अन्न उपलब्ध होता है गेहूँ  की फसल को तैयार होने मे तकरीबन 85 दिनों का समय लगता है हम उसको बर्बाद करने मे 1 मिनट नही सोचते है

Photo of गाँव की सुंदरता by Harshit Yadav

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