प्रेम मन्दिर, एक प्रेम की पहचान

Tripoto
30th Jul 2022
Photo of प्रेम मन्दिर, एक प्रेम की पहचान by zeem babu
Day 1

हमारा सफर राधानगरी मथुरा वृंदावन की शुरुवात अद्भुत रहा है यहां का अनुभव अपने आप में सबसे अलग रहा।
शुरुवात तो सिर्फ आगरा जाने को था परंतु भारतीय संस्कृति में से एक प्यारा सा किस्सा इस क्षेत्र में पला था जिसे हम सभी रेडियो, दूरदर्शन या फिर टेलीविजन चैनल पर देखा और सुना था जहा भगवान कृष्णा और मामा कंस की कहानियां सुनी थी तो जानने की इच्छा वहा तक लेते गई
जहां शान्ति और सुकून का वास होता हो ऐसी नगरी कृष्ण नगरी
वृन्दावन गोकुल धाम नही बल्कि एक नई ऊर्जा का स्वरूप है वहा के लोगो में अपने पन का अहसास था मैं तो मथुरा वृंदावन तक जा सका गोकुल फिर कभी जायेंगे

जैसी नगरी का नाम वैसे एक किस्सा मेरे साथ हो गया नटखट नगरी की एक नटखट कहानी
हुआ ऐसा जब वृन्दावन गए तब वहां लोकल मार्केट होते हुऐ मन्दिर की ओर बढ़े तभी वहीं के कई भाइयों ने हमको कहा की सारी समान हटा कर रख लो नही तो बंदर ले जायेंगे तब हमने कुछ तो रख लेकीन चश्मा नही रखे क्यूंकि हमे चश्मा की आवश्यकता जो थी इसी आवश्यकता के करण एक वानर महोदय आए चश्मा ले गए
चश्मा रिटर्न कर पाना मतलब रिश्वत देना कहने का तत्यपर्य यह है कि पहले वानर महाराज को कुछ देना पड़ेगा तब चश्मा मिलेगा वैसा ही हुआ परंतु हमने थोडा देरी क्या की हर्जाने के रूप मे थोडा सा चश्मा कट कर्दिया जैसे तैसे मिला फिर यही घटना एक महिला के साथ हुई जिनकी चुनरी ले गए और वहीं महोदय का फोन, परंतु फोन तो दे दिया और चुनरी को घाट उतार दिया

अब कुछ जानकारी के साथ वहीं पास में स्थापित सुंदर सा मन्दिर जिसका नाम प्रेम मन्दिर है जो देखने में बहुत प्यारा लगता है जिसकी अपनी कला सैली से परिपूर्ण है or यहां कृष्ण लीला का भाव भंगिमा से दरसाया गया है और गोकुल की कथाओं का कभी अच्छे ढंग से निरूपित किया है जो आस्था और घुमक्कड़ी दुनियां के लिए काफी सुंदर है एक बार अवश्य जाएं

प्रेम मंदिर वृंदावन के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है जो आकार में बहुत बड़ा है। आपको बता दें की इस मंदिर को आकार जगदगुरु श्री कृपालुजी महाराज ने वर्ष 2001 में आकार दिया था। यह मंदिर अपनी भव्यता और खूबसूरती के लिए जाना जाता है। वृंदावन का प्रेम मंदिर एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है जो राधा कृष्ण और सीता राम को समर्पित है। उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में स्थित इस मंदिर की यात्रा करने के लिए दूर दूर से भक्त यात्रा करते हैं। प्रेम मंदिर वृंदावन एक नवनिर्मित मंदिर है जो पूरे बृज क्षेत्र में सबसे सुंदर है। आरती के समय इस मंदिर में भक्तों की बड़ी भीड़ होती है। प्रेम मंदिर एक आकर्षक संरचना है जो सफेद संगमरमर से निर्मित है और इस पर बहुत जटिल नक्काशी की गई है।

प्रेम मंदिर में में भगवान कृष्ण के जीवन का चित्रण करती हुई कई मूर्तियाँ स्थित हैं, यहां कृष्ण के जीवन के विभिन्न दृश्य, जैसे गोवर्धन पर्वत को उठाना को मंदिर की परिधि पर चित्रित किया गया है।

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प्रेम मंदिर का इतिहास ज्यादा वर्ष पुराना नहीं है। आपको बता दें कि इस मंदिर की आधारशिला 14 जनवरी 2001 को जगदगुरु श्री कृपालु जी महाराज के द्वारा हजारों भक्तों की उपस्थिति में रखी थी। प्रेम मंदिर श्री वृंदावन धाम को समर्पित था जिसे जगद्गुरु कृपालु प्रतिष्ठा (जेकेपी) के प्रायोजन के तहत बनाया गया था, जो एक अंतरराष्ट्रीय, गैर-लाभकारी, आध्यात्मिक, शैक्षिक, सामाजिक और धर्मार्थ संगठन है। इस संगठन की स्थापना स्वयं जगदगुरु श्री कृपालु जी महाराज द्वारा की गई थी। आपको बता दें कि प्रेम मंदिर का निर्माण होने में लगभग 11 से 12 साल का समय लग गया था। मंदिर का निर्माण पूरा होने के बाद इसे 15 फरवरी से 17 फरवरी 2012 तक उद्घाटन समारोह के बाद 17 फरवरी को जनता के लिए खोल दिया गया।

Photo of प्रेम मन्दिर, एक प्रेम की पहचान by zeem babu
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वृंदावन का प्रेम मंदिर एक बेहद भव्य संरचना है जिसका निर्माण पूरा होने में हज़ारों कारीगरों ने दिन-रात काम किया था। आपको बता दें कि मंदिर का निर्माण होने में लगभग 150 करोड़ रूपये खर्च हुए थे। प्रेम मंदिर की वास्तुकला अपनी सुंदरता से हर किसी को मंत्रमुग्ध कर देती है। प्रेम मंदिर का निर्माण राजस्थानी सोमनाथ गुजराती स्थापत्य शैली में किया गया है जो वृंदावन के बाहरी इलाके में 54 एकड़ की एक साइट पर स्थित है। मंदिर की पूरी संरचना का निर्माण अच्छी क्वालिटी के इतालवी संगमरमर का इस्तेमाल करके किया गया है। यह मंदिर ‘प्राचीन भारतीय कला और वास्तुकला में पुनर्जागरण’ का प्रतिनिधित्व करता है।मंदिर में एक परिधि मार्ग भी है, जिसमें 48 फलक हैं जो श्री राधा कृष्ण के अतीत को दर्शाते हैं। इसके अलावा मंदिर के बाहरी हिस्से में 84 पैनल भी लगाए गए हैं और श्री कृष्ण के प्रेमपूर्ण अतीत को प्रदर्शित किया गया है। इसके मंदिर में कृष्ण लीला और चमत्कार के चित्र भी मंदिर के अंदर देखें जा सकते हैं। बता दें कि प्रेम मंदिर की पहली मंजिल में भगवान कृष्ण और राधा की आकर्षक मूर्तियां स्थित हैं और दूसरी मंजिल भगवान राम और सीता को समर्पित है।

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