वृंदावन के शैतान बंदर

Tripoto
3rd Mar 2021
Day 1

यूँ तो वृंदावन नगरी कान्हा की नगरी है,लेकिन आज हम चर्चा वहां के बंदरो के बारे में करेंगे।बंदर तो हर जगह के नटखट होते हैं फिर चाहे वो अयोध्या के बंदर हों,काठमांडू के बंदर हों,आपके शहर के बंदर हों या फिर राधा - किशन के प्रेम की नगरी वृंदावन हो

साल 2019 के आखिरी दिनों में मैं दिल्ली में था,सोचा था दिल्ली में पुराने दोस्तों के साथ पार्टी करूँगा,2020 का अच्छे से स्वागत करूंगा
30 दिसम्बर को अपने मासी के घर निहाल विहार,जो कि दिल्ली के नांगलोई क्षेत्र में पड़ता है,वहां गया हुआ था,उस दिन शायद दिल्ली का सबसे ठंड वाला दिन था,अचानक प्लान बना कि 31 को चलते हैं वृंदावन

मैं और मौसेरा भाई मनीष हम दोनों 31 को निकल लिए मथुरा के लिए,हम लोगों की प्लानिंग थी, पहले हम गोवर्धन जाकर वहां पैदल गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा करेंगे,फिर रात में ही वृंदावन आकर 1 जनवरी की सुबह बाँके बिहारी का दर्शन करेंगे
अब रात में हमने 2 बजे तक गोवर्धन के दोनों पर्वतों की परिक्रमा करके मथुरा पहुंचे,थक तो बहुत गए थे,ये प्लान हमने किया कि अब कोई होटल लेकर कुछ घण्टे यहीं मथुरा में विश्राम करते हैं।लेकिन साल का आखिरी दिन होने की वजह से सभी होटल बुक्ड थे

अब हमने ये सोचा वृंदावन पहुँच कर कोई होटल या धर्मशाला में कुछ घण्टे विश्राम के बाद दर्शन करेंगे बाँके बिहारी के।वृंदावन जब हम पहुंचे सुबह के 4 बज चुके थे,खैर काफी प्रयासों के बाद एक धर्मशाला पास में बाँके बिहारी मंदिर के मिल गया।सुबह 9 बजे तक नहाकर हम निकले मंदिर की तरफ

अब बात आती है बंदरो की,मनीष ने बोला भैया एटीएम से मैं पैसे निकाल लेता हूँ,वो एटीएम में गया मैं बाहर खड़ा होकर फ़ेसबुक पर पोस्ट डालने लगा।तब तक मुझे पता ही नही चला कब एक बंदर एटीएम के ऊपर से कूद कर मेरे फोन पर झपट्टा मारा, खैर फोन तो हाथ से नही छूटा,लेकिन मैंने जो चश्मा लगाया था,वो बन्दर लेकर एटीएम के रूफ पर पहुंच गया
तब तक दो तीन छोटे बच्चे जो एकदम ट्रेंड होते हैं,जेब से एक बच्चे ने फ्रूटी निकालकर बंदर की तरफ फेका, बंदर ने फ्रूटी एक सधे हुए क्रिकेटर की तरह कैच कर लिया,और चश्मा फेक दिया
ये बच्चे ,हमेशा जेब मे फ्रूटी रखते हैं,जैसे ही कोई बंदर किसी भी श्रद्धालु का फोन ,पर्स,या चश्मा लेकर भागता है,ये तुरन्त फ्रूटी फेककर बंदर से सेटिंग बनाकर सामान ले लेते हैं,फिर जिसका सामान रहता है,उस सामान के कीमत के हिसाब से डील करते हैं,मेरा चश्मा 200 में डील हुआ था

मेरे सामने ऐसे कई केस हुए ,एक लोग निधिवन में वीडियो बना रहे रहे,बंदर आया,उनका फोन लेकर पलभर में ओझल हो गया।और ताज्जुब ये है कि ये बंदर फ्रूटी के दीवाने होते हैं,और कोई खाद्य पदार्थ नही पसंद आता।आपके हाथ मे खाने पीने वाला कोई सामान हो,बंदर उसे नही छीनते, लेकिन फोन,चश्मा और पर्स से ज़रा भी आपको सावधानी हटी,दुर्घटना घटी

ऐसे शरारती हैं,कान्हा की नगरी के बंदर
                          
                                    मनोज पंकज सिंह

Photo of Vrindavan by Manoj pankaj singh