वो शहर जहां कभी दशहरा नहीं मनाया जाता, बैजनाथ हिमाचल प्रदेश

Tripoto
24th Apr 2023
Photo of वो शहर जहां कभी दशहरा नहीं मनाया जाता, बैजनाथ हिमाचल प्रदेश by Rajwinder Kaur

शिव भगतों के लिए पूजनीय स्थान है बैजनाथ।
कहां है यह बैजनाथ?
क्यों है खास?
क्या है इस से जुड़ी दंत कथा?
क्यों यहां दशहरा नहीं मनाया जाता?
क्यों यहां पर स्वर्ण आभूषणों की कोई दुकान नहीं है?

इस सब के उत्तर आप को मेरे इस ब्लॉग में मिल जाएंगे।

Photo of वो शहर जहां कभी दशहरा नहीं मनाया जाता, बैजनाथ हिमाचल प्रदेश by Rajwinder Kaur

कहां है यह बैजनाथ?
शिव नगर जहां माना जाता है शिव आप निवास करते है, बैजनाथ एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है जो भारत के हिमाचल प्रदेश में कांगड़ा ज़िले में स्थित है।बैजनाथ का यह ऐतिहासिक शिव मंदिर विश्व भर के शिव भक्तों की आस्था का केंद्र है।
यह मंदिर पंजाब के पठानकोट  से करीब 129 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। अगर आप दिल्ली से आ रहे हो तो आप पठानकोट या फिर चंडीगढ़-ऊना होते बैजनाथ आ सकते हो। रेलमार्ग, बस, निजी वाहन या टैक्सी से पहुंचा जा सकता है। हवाई जहाज से भी आ सकते हो ,गग्गल हवाई अड्डे पर उतर कर टैक्सी द्वारा पहुंच सकते हैं।
पालमपुर, धर्मशाला, बीड़, पपरोला बैजनाथ के निकट टूरिस्ट स्पॉट है। पालमपुर से बैजनाथ की दूरी 16 किलोमीटर है।

Photo of वो शहर जहां कभी दशहरा नहीं मनाया जाता, बैजनाथ हिमाचल प्रदेश by Rajwinder Kaur
Photo of वो शहर जहां कभी दशहरा नहीं मनाया जाता, बैजनाथ हिमाचल प्रदेश by Rajwinder Kaur

क्यों है खास ?
धोलाधर की पहाड़ियों में घिरा बैजनाथ मंदिर बहुत ही खूबसूरत मंदिर है । इस मंदिर का निर्माण बलुआ पत्थरों से किया गया है।  शिव भक्त यहां भगवान शिव का आशीर्वाद लेने आते हैं। यह मंदिर अपनी  वास्तुकला और सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है। पौराणिक कथाओं  के अनुसार इस मंदिर का निर्माण 1204 में ‘आहुका’ और ‘ममुक’ नाम के दो व्यापारी भाइयों ने करवाया था।
हमें इस मंदिर के दर्शन करने का सौभाग्य 3 अप्रैल 2023 को मिला। इस से पहले भी एक बार जब मैं छोटी थी तब बैजनाथ जाने का अवसर मिला था। 3 अप्रैल को जब हम बीड़ से बैजनाथ के लिए निकले थे, हल्की बारिश थी, रास्ते में बारिश बहुत तेज़ हो गई थी हमें एक बुद्ध मोनेस्ट्री में रुकना भी पढ़ा। बैजनाथ का मंदिर भी हम ने हल्की बारिश में ही देखा। बारिश में मंदिर की वास्तुकला बहुत सुंदर लग रही थी, जैसे कुदरत ने मंदिर को पवित्र जल से इश्नान करवाया हो। है भी शिव का दिन सोमवार था। सब कुछ नया नया और सुंदर दिख रहा था।
बैजनाथ को मंदिर की वास्तुकला और इस से जुड़ी पौराणिक कथा बहुत खास बना देती है।

Photo of वो शहर जहां कभी दशहरा नहीं मनाया जाता, बैजनाथ हिमाचल प्रदेश by Rajwinder Kaur
Photo of वो शहर जहां कभी दशहरा नहीं मनाया जाता, बैजनाथ हिमाचल प्रदेश by Rajwinder Kaur
Photo of वो शहर जहां कभी दशहरा नहीं मनाया जाता, बैजनाथ हिमाचल प्रदेश by Rajwinder Kaur

क्यों है बैजनाथ से जुड़ी दंत कथा?
पौराणिक कथा के अनुसार रावण जो लंका का राजा था और शिव का परम भक्त भी। लंकापति रावण ने विश्व विजयी होने के उद्देश्य से भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कठिन तपस्या की थी। इस तपस्या में रावण अपना सिर शिव जी को हवन कुंड में समर्पित करने वाला था, तभी भगवान शिव वहां प्रकट हुए और रावण से वर मांगने के लिए कहा। लंका पति रावण ने भगवान शिव से उसको साथ लेकर चलने की प्रार्थना की।
अपने भगत के  आग्रह पर भगवान शिव ने लिंग का रूप धारण कर लिया और रावण को उसे ले जाने को कहा, साथ में यह शर्त रखी कि वह उन्हें लंका पहुंचने तक कहीं भी रास्ते में न रखे। अगर रावण  यह शिवलिंग रास्ते में कही रख देगा तो वह उसी स्थान पर स्थापित हो जाएगा। रास्ते में थकने पर  रावण विश्राम के लिए रुका तथा शिवलिंग पास में ही काम कर रहे किसान को पकड़ाते हुए उससे शिवलिंग को नीचे न रखने का आग्रह किया लेकिन किसान ने शिवलिंग को वहीं रख दिया। कहते है वह किसान विष्णु जी स्वयं आप थे जो देवतों के कहने पर रावण को शिवलिंग ले जाने से रोकने के लिए आए थे। इस तरह शिवलिंग उसी स्थान पर स्थापित हो गया। यह स्थान ही बैजनाथ बन गया।

Photo of वो शहर जहां कभी दशहरा नहीं मनाया जाता, बैजनाथ हिमाचल प्रदेश by Rajwinder Kaur
Photo of वो शहर जहां कभी दशहरा नहीं मनाया जाता, बैजनाथ हिमाचल प्रदेश by Rajwinder Kaur
Photo of वो शहर जहां कभी दशहरा नहीं मनाया जाता, बैजनाथ हिमाचल प्रदेश by Rajwinder Kaur

क्यों यहां दशहरा नहीं मनाया जाता?
दशहरे के दिन श्री राम ने रावण का वध किया था। बैजनाथ जो लंकापति रावण के साथ संबंध रखता है, यहां दशहरा नहीं मनाया जाता। रावण शिव का प्रिय भक्त था। कहा जाता हैं एक बार कुछ स्थानीय लोगों ने दशहरे के दौरान रावण का पुतला जलाया था और  उनके परिवारों को अनिष्ट झेलना पड़ा था। उसके बाद किसी ने भी यहां दशहरा मनाने की कोशिश नहीं की। इस लिए आज तक यहां कभी दशहरा नहीं मनाया गया।

Photo of वो शहर जहां कभी दशहरा नहीं मनाया जाता, बैजनाथ हिमाचल प्रदेश by Rajwinder Kaur
Photo of वो शहर जहां कभी दशहरा नहीं मनाया जाता, बैजनाथ हिमाचल प्रदेश by Rajwinder Kaur

क्यों यहां पर स्वर्ण आभूषण की दुकान नहीं है?
एक ओर मान्यता के अनुसार शिव नगर बैजनाथ में किसी भी स्वर्णकार की दुकान नहीं है, जबकि पपरोला जो बैजनाथ के पास ही गांव है वहां स्वर्ण आभूषणों की काफी दुकानें है। इस को भी शिव भक्त रावण की सोने की लंका से जोड़ कर देखते हैं।

विशेष कथन
1.पार्किंग के लिए अलग से पैसे लगते है हमसे 70 रुपए लिए थे। 2.मंदिर में चढ़ाने के लिए आप प्रसाद दुकानों से ले सकते है।
3. सावन मास में बहुत ज्यादा श्रद्धालु बैजनाथ में भगवान शिव के दर्शन के लिए आते है, इस लिए यदि आप एकांत में भगवान के दर्शन चाहते हो तो सावन के मास में आने से गुरेज करे।

धन्यवाद।

Photo of वो शहर जहां कभी दशहरा नहीं मनाया जाता, बैजनाथ हिमाचल प्रदेश by Rajwinder Kaur

More By This Author

Further Reads