प्लेन से पहली बार बाबा धाम दर्शन, PM मोदी कर रहे देवघर एयरपोर्ट का उद्घाटन

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Photo of प्लेन से पहली बार बाबा धाम दर्शन, PM मोदी कर रहे देवघर एयरपोर्ट का उद्घाटन by Nikhil Vidyarthi

हवाई यात्रा का प्रारंभ जल्द ही PM मोदी करने वाले हैं!

बैद्यनाथ मंदिर है सिद्धपीठ, पूर्ण होती है सभी कामनाएं

झारखंड के देवघर में स्थित बाबा बैद्यनाथ धाम मंदिर एक सिद्धपीठ है। ऐसी मान्यता है कि यहां आने वाले भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इसलिए इसे कामना लिंग भी कहा जाता है। बैद्यनाथ धाम की पवित्र यात्रा श्रावण मास (जुलाई-अगस्त) में शुरू होती है. सबसे पहले तीर्थ यात्री सुल्तानगंज में एकत्र होते हैं, जहां वे अपने-अपने पात्रों में पवित्र गंगाजल भरते हैं. इसके बाद वे गंगाजल को अपनी-अपनी कांवर में रखकर बैद्यनाथ धाम और बासुकीनाथ की ओर बढ़ते हैं. यहां हर साल 5 करोड़ श्रद्धालु बाबा का दर्शन करने पहुंचते हैं।

न्यूज, बाबा धाम के तीर्थयात्रियों के लिए खुशखबरी!

अब श्रद्धालु झारखंड (Jharkhand) के देवघर (Deoghar) में स्थित बाबा बैद्यनाथ ( Baba Baidyanath) के मंदिर का दर्शन शीघ्र ही फ्लाइट से जाकर भी कर सकेंगे। अभी तक इस तीर्थ स्थल के दर्शन के लिए जाने का साधन रेल या सड़क मार्ग ही है। लेकिन अब पीएम नरेंद्र मोदी अपने जन्मदिन पर देवघर वासियों और बैद्यनाथ धाम के भक्तों के लिए तोहफा देंगे। जी हां, 17 सितंबर 2021 को मोदी जी का जन्मदिन है। पीएम इस दिन देवघर इंटरनेशनल एयरपोर्ट का उद्घाटन करने वाले हैं। यह काम जोरों पर है। 31 जुलाई तक सभी काम फाइनल कर लेना है। सितंबर के पहले तक बाकी सुविधाएं भी बहाल हो जाएंगी।

भगवान शिव ने दी थी रावण को वरदान, लेकिन रावण की गलती से सिद्धपीठ देवघर में स्थापित हो गए

हिंदू धर्म के पवित्र शास्त्रों और पौराणिक कथाओं की मानें तो लंकापति रावण भोले बाबा को प्रसन्न करने हेतु हिमालय में तपस्यारत था। भोले शंकर को खुश करने के लिए दशानन रावण एक-एक कर अपना सिर काट शिवलिंग पर चढ़ाने लगा। जब रावण 10 वां सिर चढ़ाकर अपने प्राण देने लगा उसी वक्त भगवान शिव उसकी परीक्षा से खुश हो हुए। भगवान शिव ने उसे अपना दर्शन दिया और वरदान मांगने के लिए कहा। रावण ने वरदान मांगा कि शिव उसके साथ लंका चलें। लेकिन शिव कहां मानने वाले थे। रावण के कठिन परीक्षा से खुश हो कर शिव ने रावण को एक शिवलिंग अपने साथ ले जाने को कहा। साथ ही उसमें एक शर्त रख दी। शर्त यह कि रास्ते में कहीं भी शिवलिंग जमीन से नहीं छूनी चाहिए। अन्यथा, वो वहीं विराजमान हो जाएंगे।

हुआ भी यूं ही। देव लोक में सभी देवी-देवता शिव के इस शर्त से परेशान! भगवान विष्णु को एक साधन सूझी। उन्होंने एक पथिक का रूप धारण कर रावण के सामने पहुंच गए। रावण को लघुशंका लगी थी, उसने शिवलिंग को भगवान विष्णु को सौंप अपनी लघुशंका मिटाने लगा। लेकिन, माया देखिए, रावण का पेशाब रुकने का नाम ही नहीं ले। मौका देख भगवान विष्णु ने शिवलिंग को वहीं जमीन ओर रह देवलोक लौट आए। इसी वजह से देवघर में ही बैद्यनाथ धाम सिद्धपीठ विराजमान हैं।

बैद्यनाथ धाम यात्रा, समय और पड़ाव

हर साल बिहार तथा झारखंड की राज्य सरकार दो महीने की श्रावणी मेला का आयोजन करती है। देवघर स्थित बाबा धाम की पवित्र यात्रा हर साल श्रावण महीने (जुलाई-अगस्त) में आयोजित की जाती है। सबसे पहले श्रद्धालु सुल्तानगंज में गंगा में डुबकी लगाते हैं और अजगैबी बाबा मंदिर के दर्शन करते हैं। फिर अपने-अपने जल पात्रों में पवित्र गंगाजल भरते हैं। इसके बाद कांवरिए गंगाजल को अपनी कांवर में रखकर बैद्यनाथ धाम और बासुकीनाथ धाम की ओर पैदल/गाड़ी से बढ़ते हैं। बैद्यनाथ धाम मंदिर में दर्शन करने तक इस बात का ध्यान रखा जाता है जिन पात्र में पवित्र गंगाजल है, वह भूमि से न सटने पाए।

एक रिपोर्ट के मुताबिक यहां हर साल करीब 5 करोड़ तीर्थालु, बाबा का दर्शन करने पहुंचते हैं।

झारखंड के जसीडीह जिला के मशहूर शहर देवघर में स्थित बाबा धाम का हिंदू धर्म में खासा महत्व है। यह समूचे उत्तर भारत समेत विभिन्न प्रदेशों तथा देश-दुनिया में पवित्र तीर्थ वैद्यनाथ धाम के नाम से जाना जाता है। बैद्यनाथ धाम मंदिर जिस जगह पर स्थित है उस स्थान को देवघर कहा जाता है। देवताओं का अर्थ होता है। बाबा धाम मंदिर में स्व-स्थापित शिवलिंग एक सिद्धपीठ माना जाता है। कहा जाता है, कि यहां भगवान शिव के दर्शन करने वालों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इस पौराणिक आस्था के कारण मंदिर के शिव लिंग को 'कामना लिंग' के नाम से भी जाना जाता है।

एयरपोर्ट से भक्तों को होगी सुविधाएं

देवघर अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा शुरू होने से झारखंड के साथ-साथ बिहार और बंगाल के यात्रियों को बहुत सहूलियत होगी। वहीं, कोलकाता, पटना, बागडोगरा और रांची एयरपोर्ट के बीच में देवघर एयरपोर्ट होगा। देवघर एयरपोर्ट के चालू होने से इस इलाके में धार्मिक स्थानों के साथ-साथ आर्थिक विकास भी तेजी से होगा और भक्तों को काफी सुविधाएं होगी।