''सर्दियों में फ्लाइट से उतरते ही वहाँ हालत खराब हो जायेगी '' ,"सर्दियों में वहाँ पानी भी नहीं मिलता ",''जनवरी में वहाँ ख़ास जगहों के तो रास्ते ही बंद रहते हैं' जाकर पैसा क्यों पानी में बहाना '',''लद्दाख घूमना हैं तो केवल गर्मियों के समय ''
ऊपर लिखी ये सारी बातें लद्दाख में सर्दियों में ना जाने के लिए सुनी होगी।पर मेरी मानों तो लद्दाख में जो मजा गर्मियों में आता हैं उस से कई गुना ज्यादा आंनद सर्दियों में आता हैं।असल में अधिकतर लोग लद्दाख में गर्मियों के दौरान रोडट्रिप करने जाते हैं।वहाँ पहुंचने के लिए श्रीनगर और मनाली दोनों जगह से सारे रास्ते भी उस समय चालु रहते हैं।लेकिन उस समय लद्दाख का वो रंग नहीं दिखाई देता हैं जो कि सर्दियों में दिखता हैं।लद्दाख उस समय एक सफेद रेगिस्तान में बदल जाता हैं।
सर्दियों में लद्दाख घूमने के ये फायदे हो जाते हैं
1. उस समय लद्दाख पहुंचने के लिए केवल एक ही तरीका रहता हैं ,वह है -फ्लाइट। क्योंकि उस समय लद्दाख के सारे रोड्स बर्फ से ढक जाने के कारण सड़क मार्ग कुछ महीनों के लिए एकदम बंद हो जाता हैं।फ्लाइट से इस बर्फीले रेगिस्तान का दृश्य बहुत ही रोमांचित करने वाला होता हैं।हज़ारों फ़ीट निचे आपको केवल और केवल बर्फ के सैकड़ों पहाड़ दिखेंगे और लेह शहर का भी बर्फीला रूप देखने को मिलेगा।
2. सर्दियों में दिल्ली से लेह की फ्लाइट का टिकट भी काफी कम होता हैं तो पैसों की बचत तो हो ही जाती हैं। साथ ही साथ जिन्हे पहली बार फ्लाइट का अनुभव लेना हो उनके लिए तो यह एक सस्ता और रोमांचित करने वाला अनुभव हो जाता है।ध्यान रहे इस समय विंडो सीट ही बुक करवाए।
4. ठंड के दौरान यहाँ पानी की वाकई काफी कमी रहती हैं।सभी पानी के पाइप बर्फ से जाम हो जाते हैं। इसीलिए यहाँ की होटल्स में हर यात्री को एक निश्चित मात्रा में ही पानी (नहाने और अन्य काम के लिए )दिया जाता हैं। आप को यकीन नहीं होगा लेकिन पानी जैसे ही गलती से गिर जाता हैं ,आपकी आँखों के सामने कुछ ही सेकण्ड्स में जम कर बर्फ बन जाता हैं। देखा हैं आपने कभी ऐसा ? देखते ही देखते पानी आपकी आँखों के सामने कुछ ही सेकण्ड्स में जम कर बर्फ बन जाता है। देखा हैं आपने कभी ऐसा ?
5. जिन्होंने बर्फ़बारी नहीं देखी ,तो वो मौका भी यहाँ सर्दियों में तो आसानी से मिल जाता हैं।
6. सर्दियों में लद्दाख में एक नया पर्यटन पॉइंट बन जाता हैं ,वह हैं -आइस स्तूप /बर्फ के स्तूप। यह एक वैज्ञानिक अविष्कार हैं जो कि पानी स्टोर कर के रखता हैं। ये स्तूप 100 फ़ीट से भी ज्यादा ऊँचे होते हैं और देखने में बहुत ही शानदार लगते हैं। इन्ही पर चढ़ने के लिए यहाँ प्रतियोगिताएं भी होती हैं।
7.अगर आपको आइस ऐज की फीलिंग लेनी हैं तो सर्दियों में लद्दाख बेस्ट हैं। जहाँ जहाँ आप घूमेंगे वहां हर जगह बर्फ मिलेगी ,नालियां बर्फ से जमी हुई ,लम्बे लम्बे पेड़ भी बर्फ से ढ़के ,मकानों के बाहर के नलों में से निकलता हुआ पानी भी बर्फ बना हुआ ,खेतों में कई फ़ीट तक बर्फ,मकानों और होटल्स की छतों पर बर्फ। मतलब हर तरफ केवल सफ़ेदी ही दिखेगी। यहाँ तक कि जल्दी जल्दी भाग कर बाथरूम में जाओगे तो जमीन पर गिरे पानी से बनी बर्फ से फिसल कर गिरकर भी आप बोलोगे -'यहाँ भी बर्फ !!'
8. सर्दियों में भी आप मेगनेक्टिक हिल ,पत्थर साहिब गुरुद्वारा ,निम्मू संगम ,हॉल ऑफ़ फेम ,शांति स्तूप ,लेह पैलेस ,मॉल रोड हर जगह घूम पाएंगे। लेकिन ये हर उस समय बर्फीली मिलेगी।
9. विश्व के सबसे खतरनाक ट्रेक्स में से एक 'चादर ट्रेक ' भी केवल उसी समय किया जाता हैं। चादर ट्रेक के दौरान -30 डिग्री तापमान में बर्फ के बीच टेंट में सोना और सुबह उठकर देखना कि खुद पर ही बर्फ जम गयी हैं ,ट्रेक के रास्ते रात भर में टूट गए ,बन गए ,बदल गए ,ये सब अनुभव इस ट्रेक पर सर्दियों में ही मिलेंगे।
वैसे सर्दियों में भी लद्दाख सड़क मार्ग से पहुंचाने के लिए जोजिला टनल (दो टनल ) का कार्य प्रगति पर हैं जो शायद अगले साल तक शुरू हो जाएगा। उसके बाद श्रीनगर से कश्मीर का रूट 12 ही महीने चलता रहेगा। इस पर भी मैंने एक डिटेल्ड आर्टिकल कुछ महीनों पहले ही यहाँ लिखा था।मेरा मानना हैं हर एक घुम्मकड़ को कम से कम एक बार सर्दी में लेह का यह रोमांचक अनुभव लेना चाहिए।
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