आज बात करते है नेपाल के पशुपतिनाथ मंदिर के बारे में ..
विश्व में दो पशुपतिनाथ मंदिर प्रसिद्ध है एक नेपाल के काठमांडू का और दूसरा भारत के मंदसौर का। दोनों ही मंदिर में मुर्तियां समान आकृति वाली है। नेपाल का मंदिर बागमती नदी के किनारे काठमांडू में स्थित है और इसे यूनेस्को की विश्व धरोहर में शामिल किया गया है।
पशुपति का अर्थ :
पशु अर्थात जीव या प्राणी और पति का अर्थ है स्वामी और नाथ का अर्थ है मालिक या भगवान। इसका मतलब यह कि संसार के समस्त जीवों के स्वामी या भगवान हैं पशुपतिनाथ। दूसरे अर्थों में पशुपतिनाथ का अर्थ है जीवन का मालिक।
यह मंदिर 2 से 3 बार दोबारा बनाया गया है एक बार तो दीमक की वजह से ख़राब हो गया था पर हाँ 2015 मे आया विनाशकारी भूकंप इसका कुछ नहीं बिगाड़ पाया ।
पशुपतिनाथ मंदिर में भगवान की सेवा करने के लिए नेपाल के राजाओं ने भारतीय ब्राह्मणों को आमंत्रित किया था लेकिन बाद में नेपाल सरकार के काल में भारतीय ब्राह्मणों का एकाधिकार खत्म कर नेपाली लोगों को पूजा का प्रभाव सौंप दिया गया है।
यह मंदिर प्रत्येक दिन सुबह 5 बजे से रात्रि 8 बजे तक खुला रहता है। केवल दोपहर के समय 2:30 pm से 05:00 pm तक मंदिर के पट बंद कर दिए जाते है। पुरे मंदिर परिसर का भ्रमण करने के लिए 90 से 120 मिनट का समय लगता है।
मंदिर में भगवान शिव की एक पांच मुंह वाली मूर्ति है। पशुपतिनाथ विग्रह में चारों दिशाओं में एक मुख और एकमुख ऊपर की ओर है। प्रत्येक मुख के दाएं हाथ में रुद्राक्ष की माला और बाएं हाथ में कमंदल मौजूद है। मान्यता अनुसार पशुपतिनाथ मंदिर का ज्योतिर्लिंग पारस पत्थर के समान है।
इस मंदिर में भगवान शिव की मूर्ति तक पहुंचने के चार दरवाजे बने हुए हैं। वे चारों दरवाजे चांदी के हैं। पश्चिमी द्वार की ठीक सामने शिव जी के बैल नंदी की विशाल प्रतिमा है जिसका निर्माण पीतल से किया गया है।