किसी समय में राजस्थान के शानदार मेवाड़ राजवंश की राजधानी, उदयपुर, अपने समृद्ध अतीत के साथ, सीना तान कर ज्यों की त्यों खड़ा है। ऐसा महसूस होता है मानों सदियों से यहाँ कुछ बदला ही नहीं। अपनी सुंदरता में इतराता सिटी पैलेस, अरावली पहाड़ियों की तरह ही शान से खड़ा कुंभलगढ़ का किला, और मानव निर्मित पिछोला झील शहर की भव्यता का एक नमूना है। यही भव्यता, और बरसों पुराने इतिहास को भी किसी नई किताब की तरह पेश करता उदयपुर देश-विदेश से पर्यटकों को अपनी ओर खींचता है।

उदयपुर के बाजार हस्तशिल्प, मिट्टी के बर्तन, मोती, आभूषण, रंग - बिरंगी मोजरी, टाई और डाई ,बंधेज और लहरिया चुनरी, पारम्परिक राजस्थानी पगड़ियाँ और रंग बिरंगी चूड़ियों के साथ-साथ अतीत की पहचान कराते हुए सभी प्रकार की प्राचीन वस्तुओं की पेशकश करते हैं।
तो चलिए उदयपुर यात्रा का कार्यक्रम बनाते हैं जिसमें हम आपको किले, रंगीन बाज़ारों से गुज़रते हुए दिल को छूने वाले शाही व्यंजनों के बीच ले जाएँगे, जिनमें से दाल भाटी चूरमा, केर सांगरी, गट्टे का हलवा, मावा कचौरी और बून्दी लड्डू विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं।

उदयपुर कैसे पहुँचे?
हवाई यात्रा- महाराणा प्रताप हवाई अड्डा, उदयपुर शहर से लगभग 20कि.मी. की दूरी पर स्थित है। यह दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और जयपुर सहित भारत के सभी अहम शहरों से जुड़ा है।
बस यात्रा- दिल्ली, जयपुर, इंदौर, कोटा और अहमदाबाद जैसे शहरों से नियमित रूप से बसें भी चलती है। दिल्ली से उदयपुर का सफर तय करने में आपको 11.30 घंटे लगते हैं।
रेल यात्रा- रेल मार्ग से भी जयपुर, दिल्ली, कोलकाता, इंदौर, मुंबई और कोटा जैसे शहरों से उदयपुर अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।
एक और महत्वपूर्ण बात है : सबसे ज्यदा मशहूर और शान-औ-शौक़त का प्रतीक आलिशान रेल 'पैलेस ऑन व्हील्स' से भी आप यहाँ की यात्रा कर सकते हैं।
यदि आप राजस्थान या आसपास के शहरों में ही रहते हैं, तो आप आसानी से किसी भी टूर ऑपरेटर से किराए पर टैक्सी ले सकते हैं। उदयपुर में भी आस-पास के किलों और पर्यटक स्थलों को देखने के लिए आप आसानी से एक निजी टैक्सी किराए पर ले सकते हैं।
उदयपुर यात्रा : पहला दिन
उदयपुर की यात्रा शुरू करने का सबसे अच्छा तरीका है केबल कार रोपवे, क्योंकि रोपवे से अरावली पहाड़ों के बीच बसे उदयपुर की प्रसिद्ध पिछोला झील, फतेह सागर लेक, सिटी पैलेस, सज्जनगढ़ किले का अद्भुत नज़ारा दिखाई पड़ता है। पानी के प्रेमी पिछोला झील और फतेह सागर झील में नाव की सवारी कर सकते हैं। लेक पैलेस को दोपहर के बाद देखें क्योंकि उसके साथ साथ फिर आप लाइट एंड साउंड शो और झीलों और पहाड़ियों के पीछे मंत्रमुग्ध करता हुआ सूर्यास्त भी देख सकते हैं। इसी के पास देखने के लिए जगदीश मंदिर और कार म्यूज़ियम जैसे दूसरे आकर्षण भी हैं।
उदयपुर में और क्या-क्या करें?

1. पिछोला झील में नाव की सवारी करने से एक तो उसके किनारे पर बनें भव्य महलों का नज़ारा ही कुछ और होता है साथ ही लेक पैलेस और जगदीश मंदिर की खूबसूरती को भी करीब से देखने का मौका मिल जाता है, जो झील में ही बना हुआ है। इसके अलावा उदयपुर पर्यटन को बढ़ावा देने वाले लग्ज़री निवास, लीला और ओबेरॉय उदयविलास भी इस झील के आसपास स्थित हैं और इन्हें भी नाव से देखा जा सकता है।
2. उदयपुर का सिटी पैलेस ज़रूर देखें जो कि, मुग़ल और राजपूत शैली की वास्तुकला में निर्मित महलों, संग्रहालय और मंदिरों का अद्भुत समूह है। यहाँ की कुछ जगहों से झीलों, पहाड़ियों और पूरे शहर के मनोरम दृश्य का भरपूर आनंद लिया जा सकता है। इस पूरे परिसर के अंदर सब कुछ देखने में लगभग 4 घंटे लग जाते हैं लेकिन अंत में आप मेवाड़ राजवंश का वैभव, चमक, वीरता के किस्से और उसके गौरवशाली इतिहास की सराहना करते नहीं थकेंगे।

उदयपुर में ठहरने के लिए सबसे बढ़िया जगह
1. द ओबेरॉय उदयविलास - 60,000 रु

2. ताज लेक पैलेस उदयपुर - .33,000 रु

बजट स्टे
1. रोजी रिट्रीट होमस्टे (लेकसाइड) - 6,514 रु

2. जयवाना हवेली उदयपुर - 3,579 रु

3. कोटरा हवेली उदयपुर - Rs.2,800 रु

उदयपुर में खाने की पसंदीदा जगहें
1. ट्रिब्यूट - पुराने शहर में, झील के किनारे, रण सागर द्वीपों को निहारते हुए, 'ट्रिब्यूट' में भोजन का आनंद,उदयपुर की सबसे अच्छी चीजों में से एक है। यहाँ पर राजस्थानी, अंतर्राष्ट्रीय, भारतीय और एशियाई व्यंजनों की वेरायटी तो है ही इसके अलावा यह जगह माइग्रेटरी तथा सर्दियों के पक्षियों को देखने के लिए भी जाना जाता है।
2. कृष्णा डाइनिंग - दाल, बाटी, चूरमा, छास, चटनी तथा अन्य राजस्थानी व्यंजनों को चटकारे लेकर खाने लिए कृष्णा डाइनिंग जैसी और कोई जगह नहीं । आपका खाने का शौकीन मन यहाँ पर काफी खुश हो उठेगा।
उदयपुर यात्रा: दूसरा दिन
चीन की विशाल दीवार के बाद, कुम्भलगढ़ किले की दीवार को दुनिया की दूसरी सबसे विशाल दीवार के रूप में जाना जाता है।उदयपुर से यह किला सिर्फ 82 कि.मी. दूर है। इसलिए उदयपुर घूमने की सूची में यह जगह ज़रूरी है।
यह किला चित्तौड़गढ़ किले के बगल में ही है, जो मेवाड़ राज्य के गौरवशाली अतीत की याद दिलाता है।
रणकपुर, जैन मंदिरों के लिए बहुत प्रसिद्ध है जो तीर्थंकार आदिनाथ की पूजा करने का स्थान है। इसकी अद्भुत वास्तुकला बीते युग के शिल्पकारों के हुनर को बयाँ करती है। उदयपुर के पास इन जगहों को घूमने के लिए एक दिन की यात्रा का कार्यक्रम बनाया जा सकता है और मानसून महल और सज्जनगढ़ किला, जो रास्ते में ही पड़ते हैं, उनको वापस आते समय देखा जा सकता है। सज्जनगढ़ किले से सूर्यास्त का शानदार नज़ारा देख सकते हैं।


आप शाम के समय, राजस्थानी लोक नृत्य देखने के लिए बागोर हवेली भी जा सकते हैं।
कुम्भलगढ़- रणकपुर में करने के लिए कुछ मज़ेदार चीजें
1. कुम्भलगढ़ किले को देखना मानों चीन की महान दीवार का अनुभव करने जैसा ही होता है । पर्यटन विभाग द्वारा यहाँ आयोजित लाइट एंड साउंड शो को ज़रूर देखना चाहिए जो मेवाड़ योद्धाओं के गौरवशाली इतिहास और उनकी वीरता की कहानियों को बखूबी दर्शाता है।

2. रणकपुर का भव्य जैन मंदिर संगमरमर के पत्थर से तराशा गया है। यह विशाल मंदिर मध्यकालीन युग की समृद्ध कारीगरी को दर्शाता है। यहाँ शांति का एक अलग ही अनुभव होता है।

कुम्भलगढ़-रणकपुर में खाने की सबसे पसंदीदा जगहें
1. करणी पैलेस होटल - कुंभलगढ़ किले के पास में ही स्थित, इस होटल में सबसे बेहतरीन शुद्ध शाकाहारी राजस्थानी और मारवाड़ी थाली मिलती है।
2. वारी - राजस्थानी खाना खाते खाते अगर आपका मन भर गया हो तो अन्य विकल्पों के लिए ‘ वारी ’आपके लिए हाज़िर है। घर के जैसा स्वाद देते हुए यहाँ अंतर्राष्ट्रीय व्यंजन परोसे जाते हैं।
उदयपुर यात्रा: तीसरा दिन
उदयपुर की यात्रा, भारत के सबसे बड़े और सबसे अद्भुत किले यानी चित्तौड़गढ़ किले की सड़क यात्रा के बिना अधूरी है। यह किला जो मेवाड़ की एक शासक राजधानी था, मेवाड़ के शासकों द्वारा प्रदर्शित राष्ट्रीय गौरव, उनके अदम्य साहस, शौर्य और बलिदान का प्रतीक है।
उदयपुर वापस आते समय रास्ते में प्रसिद्ध एकलिंगजी मंदिर के दर्शन कर सकते हैं और बाकी समय लोकल बाजारों से खरीदारी कर सकते हैं जो कि कलाकृतियों का एक भंडार पेश करते हैं जिसमें राजस्थानी संस्कृति की खूबसूरती झलकती है।
चित्तौड़गढ़ के आकर्षण

1. चित्तौड़गढ़ किला न केवल विशाल है, बल्कि इसकी वास्तुकला भी बहुत आकर्षक है।
यह किला अपनी ऊँचाई के कारण बेहतरीन फोटोग्राफी के लिए बहुत सही है। इसकी ऊँचाई जमीन से करीब 1 कि.मी. के उठान पर है। यहाँ का लाइट एंड साउंड शो भी ज़रूर देखना चाहिए !
2. विजय स्तम्भ पर जाएँ जो मेवाड़ शासकों की विजय को याद करता है। यह अपनी तरह का एक 9 मंजिला टॉवर है जिसमें नक्काशी और शिलालेख हैं जो वीर शासकों और हिंदू देवताओं की कहानियाँ बताते हैं!

चित्तौड़गढ़ में खाने की सबसे पसंदीदा जगहें
1. ग्रीन लीफ रिज़ॉर्ट- यह जगह चित्तौड़गढ़ में अपनी ही तरह का है जिसमें एक स्विमिंग पूल, बेबी गार्डन, चारों ओर घूमने के लिए लॉन और मौज मस्ती के लिए एक गेम ज़ोन की बेहतरीन व्यवस्था के साथ-साथ स्वादिष्ट खाने का भी इंतज़ाम है। अगर आप परिवार के साथ चित्तौड़गढ़ की यात्रा कर रहे हैं , तो अब आप जानते हैं कि आपको कहाँ जाना है!
2. होटल राइट चॉइस - अगर आप कुछ ही मिनटों में ताज़ा गरमागरम भारतीय भोजन खाना चाहते हैं तो यह सड़क किनारे का ढाबा लाजवाब है ।अगर आपको बिना तय करे कुछ ऑर्डर करना है, तो यहाँ के परांठे और दाल ज़रूर चखें।
उदयपुर की यात्रा : चौथा दिन
माउंट आबू, राजस्थान और पड़ोसी राज्य गुजरात का एकमात्र हिल स्टेशन है, इसलिए यह जगह यहाँ के पर्यटकों के बीच तो मशहूर है ही साथ ही जो कोई भी उदयपुर घूमने आता है वह माउंट आबू को भी अपने कार्यक्रम में शामिल करने से नहीं चूकता। यहाँ का बढ़िया मौसम और उदयपुर से केवल 5 घंटे की ड्राइव ! आप इस हिल स्टेशन पर ज़रूर जाएं। जाना-माना दिलवाड़ा मंदिर यहाँ का मुख्य आकर्षण है और सबसे ऊँची चोटी ‘गुरु शिखर’ 1722 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है, जो फोटोग्राफी के लिए बहुत बढ़िया है।
माउंट आबू के आकर्षण
1. दिलवाड़ा मंदिर भारत के उन गिने-चुने मंदिरों में से एक है, जिनकी सजावट बहुत बारीक़ और उत्कृष्ट है, विशेष रूप से संगमरमर की गहन नक्काशी, जो इतनी जटिल और अद्भुत हैं कि एक नज़र में ही हैरान कर देती है। इन मंदिरों की खूबसूरती आत्मा और आँखों को अंदर तक तृप्त कर देती है।

2. नक्की झील से पार्क, पहाड़ियों और पत्थरों की अजीब- ओ-गरीब संरचनाओं के अद्भुत दृश्य दिखाई देते हैं जो इस सुंदर झील को घेरे हुए हैं। खासकर सर्दियों में, आकर्षक प्रवासी पक्षियों को देखने के लिए नाव की सवारी ज़रूर करें। एक पत्थर की बनावट तो बिलकुल मेंढक जैसी है मानों झील में जैसे गोता लगाने के लिए तैयार हो।

माउंट आबू में ठहरने की कुछ बढ़िया जगहें
प्रीमियम
1. रतन विला माउंट आबू - 6,027 रु

2. होटल हिलॉक माउंट आबू - 4,734 रु

बजट होटल
1. होटल कर्णावती माउंट आबू - 2,283 रु

2. हनीमून कॉटेज - 3,508 रु

माउंट आबू में खाने की बढ़िया जगहें
1. कैफे शिकिबो - लेक रोड पर बना, कैफे शिकिबो, माउंट आबू आने वाले कैफे प्रेमियों का एक पसंदीदा कैफ़े है, क्योंकि यह पूरे क्षेत्र में सबसे अच्छी कॉफी, सैंडविच, पास्ता, कप केक और ब्रुस्केटा परोसता है।
2. मलबरी ट्री रेस्तरां - होटल हिलटोन के परिसर में बना, मलबरी ट्री रेस्तरां एक बढ़िया रेस्तरां है जो दुनिया भर के व्यंजन परोसता है। इसके सुंदर इंटीरियर्स और विनम्र स्टाफ आपको एक शानदार डाइनिंग एक्सपीरियंस देते हैं ।
तो अब ज्यादा मत सोचिए और उदरपुर की टिकट करा कर गर्मी की छुट्टियों की पैकिंग शुरू कर दिजिए।
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