राजस्थान में उदयपुर की भीड़ में क्यों जाना जब पास में है मानसून ट्रिप के बेहतर विकल्प!

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Photo of राजस्थान में उदयपुर की भीड़ में क्यों जाना जब पास में है मानसून ट्रिप के बेहतर विकल्प! by We The Wanderfuls

राजस्थान में मानसून की शानदार शुरुआत हो चुकी है। बारिश के मौसम के साथ ही रेगिस्तानी राज्य के तौर पर जाना जाने वाले राजस्थान की एक अलग ही खूबसूरती नज़र आती है। चारों और फैली अरावली की पर्वतमालाएं घनी हरियाली के साथ इतनी शानदार दिखती हैं जैसे मानो प्रकृति ने अपना HD मोड ऑन कर लिया हो। और राजस्थान के ऐसी ही हरियाली भरी वादियों से सुन्दर हुए नज़ारों को देखने के लिए देश विदेश से लाखों लोग मानसून को राजस्थान आने का सबसे बेहतरीन समय मानते हैं।

अब राजस्थान की बात करें तो उदयपुर को कैसे भुला जा सकता है और बारिश के मौसम में तो इसकी खूबसूरती वैसे भी कई गुना बढ़ जाती है। लेकिन इतने खूबसूरत होने के साथ-साथ उदयपुर भारत ही नहीं बल्कि दुनिया में भी एक बेहद लोकप्रिय पर्यटन स्थल बन चूका है और इसीलिए आपको यहाँ पर्यटकों की भरी भीड़ का भी सामना करना पड़ता है।

अब आपकी इसी समस्या का हल हम आज हमारे इस आर्टिकल में लेकर आएं हैं। हम आपको उदयपुर के पास ही मौजूद कुछ ऐसी कुछ शानदार जगहों के बारे में बताने वाले हैं जो खूबसूरती के तौर पर उदयपुर से बिलकुल कम नहीं है और साथ ही यहाँ आपको पर्यटकों की वैसी भीड़ भी बिलकुल नहीं मिलने वाली है। अब उत्सुक तो आप हो ही गए होंगे उन सभी स्थानों को जानने के लिए तो चलिए बिना किसी देरी के शुरू करते हैं...

फोटो क्रेडिट: Travel See Write

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डूंगरपुर

पहाड़ियों की नगरी के तौर पर जाना जाने वाला डूंगरपुर राजस्थान का सबसे तेज़ी से विकसित होता शहर तो है ही साथ ही यहाँ पर्यटन की दृष्टि से भी अपार संभावनाएं हैं। डूंगरपुर, उदयपुर से सिर्फ 100 किलोमीटर दूर है और अगर मानसून की बात करें तो डूंगरपुर जिले में कुछ ऐसे स्थान भी हैं जो आपको डूंगरपुर रहते हुए ही कश्मीर जैसा अनुभव देने के लिए काफी हैं जैसे की डूंगरपुर शहर से देव सोमनाथ मंदिर जाने का पूरा रास्ता। पर्यटन की दृष्टि से इतना लोकप्रिय न होने की वजह से आपको ज्यादा पर्यटक यहाँ नहीं मिलने वाले लेकिन यहाँ आपको वो सुकून जरूर मिलेगा जिसके लिए आप भीड़ से दूर जाना चाहते हैं। साथ ही यहाँ प्राकृतिक खूबसूरती के साथ कई अन्य पर्यटन स्थल भी हैं जो आपकी डूंगरपुर की यात्रा को यादगार बनाने के लिए काफी हैं।

मानसून में घूमने लायक जगहें

देव सोमनाथ मंदिर

बादल महल

बर्ड सैंक्चुअरी पार्क

गैबसागर झील

श्रीनाथ जी मंदिर

फतेहगढ़ी

कैसे पहुंचे?

आपको बता दें की अगर आप हवाई मार्ग से आना चाहते हैं तो डूंगरपुर में कोई एयरपोर्ट नहीं है और साथ ही रेल मार्ग से आना चाहते है तो हालाँकि डूंगरपुर में रेलवे स्टेशन स्थित है लेकिन देश के बाकि सभी बड़े शहरों से इसकी कनेक्टिविटी इतनी अच्छी नहीं है तो सबसे अच्छा विकल्प यही रहेगा की आप हवाई या रेल मार्ग से पहले उदयपुर पहुँच जाएँ और फिर उदयपुर से आसानी से किसी भी टैक्सी या बस से आप सड़क मार्ग से डूंगरपुर पहुँच सकते हैं। उदयपुर के अलावा मध्यप्रदेश का रतलाम यहाँ से करीब 180 किलोमीटर और गुजरात के अहमदाबाद शहर की डूंगरपुर की दुरी सिर्फ 170 किलोमीटर है।

फोटो क्रेडिट: Dainik Bhaskar

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बांसवाड़ा

अगर बांसवाड़ा को अगर राजस्थान में मानसून का स्वर्ग कहा जाये तो ये बिलकुल गलत नहीं होगा। 'राजस्थान के चेरापूंजी' के नाम से जाना जाने वाला बांसवाड़ा को "100 द्वीपों का शहर" भी कहते हैं। दक्षिणी राजस्थान के लाइफलाइन माही नदी के सहारे बसा बांसवाड़ा राजस्थान ही नहीं बल्कि पुरे भारत का एक ऐसा छिपा हुआ हिस्सा है जिसे खास तौर पर मानसून में देखने पर वास्तव में आपके होश उड़ जायेंगे। उदयपुर से सिर्फ 150 किलोमीटर दूर स्थित इस जिले में अनेकों ऐसी जगहें हैं जो प्राकृतिक खूबसूरती से भरी हैं। चाहे गोल गोल पहाड़ियों के बीच बहती सुन्दर माही नदी वाला अद्भुत चाचा कोटा हो या फिर महाबलेश्वर जैसे नज़ारों वाली जगमेर हिल्स, इन सभी खूबसूरत जगहों को अगर आप मानसून में देख लेंगे तो यकीन मानिये हर साल सावन की पहली ट्रिप पर वहीं जायेंगे।

मानसून में घूमने लायक जगहें

चाचा कोटा

जगमेर हिल्स

अरथूना ग्रुप ऑफ़ टेम्पल्स

कागदी पिकअप वियर

मानगढ़ धाम

माही बांध

मंदारेश्वर मंदिर

साई मंदिर

कैसे पहुंचे?

डूंगरपुर की तरह ही बांसवाड़ा में भी कोई एयरपोर्ट नहीं है और साथ ही यहाँ भौगोलिक परिस्थितियों की वजह से अभी तक कोई रेलवे स्टेशन भी नहीं है लेकिन बांसवाड़ा सड़क मार्ग से उदयपुर ही नहीं बल्कि मध्यप्रदेश के रतलाम से भी काफी अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है और बारिश के मौसम में इन मार्गों पर लॉन्ग ड्राइव की तो सच में बात ही अलग है। उदयपुर से बांसवाड़ा की दुरी करीब 150 किलोमीटर और रतलाम से बांसवाड़ा सिर्फ 80 किलोमीटर दूर है।

जयसमंद

झीलों की नगरी उदयपुर शहर की झीलों में आपको पर्यटकों की काफी भीड़ मिल सकती है लेकिन फिर भी बारिश के इस सुहावने मौसम में अगर आप सुन्दर झील के के नज़ारों का आनद लेना चाहते हैं तो एशिया की दूसरी सबसे विशाल मानव निर्मित झील, जयसमंद झील से बेहतर और कुछ नहीं होगा! देशी-विदेशी पक्षियों को देखने के लिए एक बेहतरीन स्थान के तौर पर जानी जाने वाली जयसमंद लेक बारिश के मौसम में बेहद खूबसूरत दृश्यों के लिए भी जानी जाती है। चारों ओर फैली हरियाली से भरी अरावली की पहाड़ियों के बीच इतनी खूबसूरत ओर विशाल झील का नज़ारा आपको और कहीं देखने को नहीं मिलेगा। इसके साथ ही आप यहाँ बोटिंग वगैरह का भी आनंद यहाँ ले सकते हैं।

मानसून में घूमने लायक जगहें

जयसमंद झील

जयसमंद वन्यजीव अभ्यारण्य

रूठी रानी का महल

जयसमंद आइलैंड रिसॉर्ट

हवा महल, जयसमंद

कैसे पहुंचे?

निकटतम एयरपोर्ट उदयपुर एयरपोर्ट है जिसकी दूरी जयसमंद लेक से करीब 50 किलोमीटर है जिसके लिए आप आसानी से एयरपोर्ट से टैक्सी वगैरह कर सकते हैं। साथ ही रेलवे मार्ग या फिर सड़क मार्ग से आने के लिए भी आप पहले उदयपुर शहर पहुँच सकते हैं जहाँ से जयसमंद झील की दुरी सिर्फ 60 किलोमीटर है। इसके साथ ही आपको बता दें की जयसमंद झील मध्य प्रदेश और गुजरात के प्रमुख शहरों से भी सड़क मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।

कुम्भलगढ़

दुनिया की सबसे सबसे बड़ी दीवार "ग्रेट वॉल ऑफ़ चाइना" के बारे में तो आप जानते ही होंगे लेकिन आपको पता है की उसके बाद दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी दीवार भारत के राजस्थान राज्य में है। जी हाँ सही पढ़ा आपने, राजस्थान में उदयपुर से सिर्फ 80 किलोमीटर दूर कुम्भलगढ़ में दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी दीवार मौजूद है। किले के चारों ओर बनी इस विशाल दीवार के अलावा भी यहाँ आप इस बेहद ऊंचाई पर पहाड़ी पर मौजूद इस विशाल किले को भी देख सकते हैं। कुम्भलगढ़ घूमने के अलावा यहाँ आने के रास्तों के नज़ारे भी हमेशा के लिए आपके मन में समां जायेंगे। साथ ही बारिश के मौसम में किले में सबसे अधिक ऊंचाई पर बने बादल महल से चारों ओर का प्राकृतिक नज़ारा आपके होश उड़ाने के लिए काफी रहेगा।

मानसून में घूमने लायक जगहें

कुम्भलगढ़ फोर्ट

परशुराम महादेव मंदिर

कुम्भलगढ़ जंगल सफारी

मुछल महावीर मंदिर

रणकपुर जैन मंदिर

कैसे पहुंचे?

कुम्भलगढ़ अगर आप ट्रैन से आना चाहते हैं तो आप राजस्थान के 'फालना' स्टेशन जो की एक जंक्शन स्टेशन है वहां आ सकते हैं ओर वहां से कुम्भलगढ़ करीब 65 किलोमीटर है इसके अलावा कुम्भलगढ़ उदयपुर से भी बेहद अच्छी तरह से सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है। उदयपुर से कुम्भलगढ़ करीब 80 किलोमीटर दूर है। अगर आप हवाई मार्ग से आना चाहते हैं तो आपको पहले उदयपुर ही आना होगा।

हल्दीघाटी

अगर आपने राजस्थान के इतिहास को थोड़ा भी पढ़ा है तो महाराणा प्रताप की वीर गाथाएं भी जरूर सुनी होगी और उन्ही से जुड़ा हल्दीघाटी के युद्ध के बारे में भी शायद आपने कभी सुना होगा। हल्दीघाटी अरावली पर्वतमाला की पहाड़ियों में स्थित एक प्रसिद्ध पहाड़ी दर्रा है। उदयपुर से लगभग 40 किलोमीटर दूर यह दर्रा राजस्थान के राजसमंद और पाली जिलों को जोड़ता है। दर्रे का नाम इस क्षेत्र की पीले रंग की मिट्टी से मिला है। अगर आपका हरी भरी पहाड़ियों से हटकर कुछ देखने का मन का तो इस वीर भूमि से अच्छा कुछ नहीं हो सकता। कुछ वर्षों पूर्व ही सरकार ने यहाँ महाराणा प्रताप म्यूजियम का भी निर्माण करवाया है ओर इसके अलावा भी यहाँ कई देखने योग्य स्थान है।

घूमने लायक जगहें

महाराणा प्रताप म्यूजियम

चेतक समाधि

लाइट एंड साउंड शो

बादशाही बाग़

महाराणा प्रताप की गुफा

कैसे पहुंचे?

हल्दीघाटी पहुँचने के लिए सबसे आसान तरीका उदयपुर से सड़क मार्ग के द्वारा ही है क्योंकि उदयपुर से हल्दीघाटी की दुरी सिर्फ 45 किलोमीटर है। तो आप पहले हवाई, सड़क या रेल मार्ग से उदयपुर पहुँच सकते हैं और वहां से आसानी से टैक्सी या फिर खुद के वाहन से हल्दीघाटी पहुँच सकते हैं।

रतलाम

अगर राजस्थान के थोड़ा बाहर जाएँ और उदयपुर के पास के एक बेहतरीन मानसून डेस्टिनेशन की बात करें तो रतलाम का नाम जरूर उसमें आएगा। खास तौर पर राजस्थान के बांसवाड़ा से रतलाम की ओर का जो सड़क मार्ग है वो आपको महाराष्ट्र के मुंबई-लोनावला मार्ग की याद दिला देगा। इसी मार्ग में स्थित केदारेश्वर महादेव मंदिर और सैलाना का कैक्टस गार्डन आपकी यादों में हमेशा के लिए बस जायेगा इसका विश्वास हम आपको जरूर दिला सकते हैं। उदयपुर से करीब 240 किलोमीटर दूर स्थित रतलाम बांसवाड़ा से सिर्फ 80 किलोमीटर दूर है इसलिए आप बांसवाड़ा के साथ रतलाम की ट्रिप भी कर सकते हैं।

मानसून में घूमने लायक जगहें

केदारेश्वर महादेव मंदिर, सैलाना

कैक्टस गार्डन, सैलाना

J V L मंदिर ( मांगल्य धाम मंदिर)

धोलावाड़ बांध

कैसे पहुंचे?

रेल मार्ग से रतलाम पहुंचना सबसे सुविधाजनक हो सकता है क्योंकि रतलाम देश के सभी बड़े शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है इसके साथ ही अगर आप हवाई मार्ग से आना चाहते हैं तो इंदौर एयरपोर्ट जो की रतलाम शहर से सिर्फ 140 किलोमीटर दूर है वाहन पहुंचकर आप आसानी से टैक्सी या बस के द्वारा रतलाम पहुँच सकते हैं। साथ ही सड़क मार्ग से भी रतलाम मध्यप्रदेश और राजस्थान के सभी निकटवर्ती शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।

अगर आप ऐसे ही कुछ और बेहतरीन स्थानों और जानकारियों के बारे में जानना चाहते हैं तो आप हमारे यूट्यूब चैनल WE and IHANA पर या फिर हमारे इंस्टाग्राम अकाउंट @weandihana पर भी जा सकते हैं।

इसके साथ ही बांसवाड़ा के सबसे खूबसूरत स्थानों को देखने के लिए आप हमारा वीडियो भी देख सकते हैं:

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