हिंदू धर्म-अध्यात्म की खोज में स्विट्जरलैंड से भारत पैदल: 18 देश, 6000 km, योग की जगा रहे अलख

Tripoto
2nd Jun 2021
Photo of हिंदू धर्म-अध्यात्म की खोज में स्विट्जरलैंड से भारत पैदल: 18 देश, 6000 km, योग की जगा रहे अलख by Pooja Tomar Kshatrani
Day 1

कहीं जाना चाहते हैं तो आज चले जाए,

क्यूंकि किसी ने सच ही कहा है क्या पता कल हो ना हो।

लंबे-लंबे बाल, तन पर भगवा वस्त्र और कमर के साथ लटकी चटाई और लोटा. उम्र 33 साल। कुछ ऐसे ही दिखते हैं बेन बाबा। भारत का सनातन धर्म सदैव से ही दूसरे देशों में रहने वाले खोजी प्रवृत्ति के लोगों को आकर्षित करता आया है। भारत के योग, ध्यान और अध्यात्म से प्रेरित होकर न जाने कितने ही विदेशी भारत आते हैं। उनमें से एक हैं बेन बाबा, जो स्विट्जरलैंड के रहने वाले हैं और पेशे से वेब डेवलपर हैं।

Tripoto हिंदी के इंस्टाग्राम से जुड़ें और फ़ीचर होने का मौक़ा पाएँ

Photo of हिंदू धर्म-अध्यात्म की खोज में स्विट्जरलैंड से भारत पैदल: 18 देश, 6000 km, योग की जगा रहे अलख by Pooja Tomar Kshatrani

हरिद्वार के महाकुंभ से बेन बाबा का वीडियो वायरल हुआ था। बेन स्विट्जरलैंड से पैदल ही भारत के लिए निकल पड़े और 18 देशों को पार करके 4 साल बाद भारत पहुँचे हैं। फिलहाल बेन हिमाचल प्रदेश में रहते हैं। बेन बाबा का कहना है कि यूरोप में पैसा है, लग्जरी जिंदगी है, लेकिन खुशी नहीं है. खुशी तो योग और ध्यान से मिलती है.

वेब डिजाइनर से बेन बाबा तक का सफर-

Photo of हिंदू धर्म-अध्यात्म की खोज में स्विट्जरलैंड से भारत पैदल: 18 देश, 6000 km, योग की जगा रहे अलख by Pooja Tomar Kshatrani

33 वर्षीय बेन स्विट्जरलैंड में वेब डिजाइनर थे और वहाँ अच्छी खासी कमाई भी करते थे लेकिन उन्होंने बताया कि उन्हें वहाँ कभी सुख की प्राप्ति नहीं हुई। भौतिक सुख तो उनके पास बहुत था किन्तु बेन आध्यात्मिक और आत्मिक सुख प्राप्त करना चाहते थे। जिस सुख की तलाश बेन कर रहे थे उन्हें वह भारतीय संस्कृति, सभ्यता, योग और अध्यात्म के माध्यम से प्राप्त हुआ।

इसी सुख को प्राप्त करने के लिए बेन स्विट्जरलैंड की आराम भरी जिंदगी छोड़ कर भारत की ओर निकाल पड़े। 4 साल के लंबे सफर और 18 देशों की सीमाओं को नापकर बेन भारत पहुँचे और यहाँ उन्होंने सनातन धर्म और योग का प्रचार-प्रसार प्रारंभ कर दिया और बन गए ‘बेन बाबा’।

6000 किमी का सफर और 18 देश-

Photo of हिंदू धर्म-अध्यात्म की खोज में स्विट्जरलैंड से भारत पैदल: 18 देश, 6000 km, योग की जगा रहे अलख by Pooja Tomar Kshatrani

बेन बाबा ने बताया कि उन्होंने स्विट्जरलैंड से भारत तक पहुँचने के लिए 6 हजार किमी से अधिक का सफर पैदल ही तय किया। उनकी इस यात्रा में उन्होंने तुर्की, ईरान, आर्मेनिया, जॉर्जिया, रूस, किर्गिस्तान, उज्बेकिस्तान, चीन और पाकिस्तान समेत 18 देशों की सीमाओं को पार किया। बाबा ने आगे बताया की, जब भी वो जिस देश में पहुंचते थे और जो भी बॉर्डर आने वाला होता था, वो उसके लिए पहले ही वीजा अप्लाई कर देते थे।

भारतीय संस्कृति, योग और ध्यान से है प्रेम-

Photo of हिंदू धर्म-अध्यात्म की खोज में स्विट्जरलैंड से भारत पैदल: 18 देश, 6000 km, योग की जगा रहे अलख by Pooja Tomar Kshatrani

बेन बाबा ने बताया कि उन्होंने स्विट्जरलैंड में ही भारतीय संस्कृति, योग, ध्यान और अध्यात्म के विषय में पढ़ना प्रारंभ कर दिया था। इसमें उन्हें जिस सुख की अनुभूति हुई, उसके कारण उन्होंने स्विट्जरलैंड और वहाँ की विलासितापूर्ण जिंदगी को छोड़ दिया। बेन बाबा भारत में भ्रमण करके मंदिरों, मठों और धर्मस्थलों में भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म का अध्ययन कर रहे हैं। बेन पतंजलि संस्थान से योग भी सीख रहे हैं। बेन न केवल फर्राटेदार हिन्दी बोलते हैं बल्कि उन्हें गंगा आरती करते हुए देखा जा सकता है।

पूरा सन्यासियों का जीवन जीते हैं बेन बाबा-

Photo of हिंदू धर्म-अध्यात्म की खोज में स्विट्जरलैंड से भारत पैदल: 18 देश, 6000 km, योग की जगा रहे अलख by Pooja Tomar Kshatrani

बेन बाबा का कोई ठिकाना नहीं है। जहाँ भी थक जाते हैं, वहीं अपना डेरा जमा लेते हैं। जंगल, फुटपाथ और निर्जन स्थानों पर भी रात बिता चुके हैं। बाबा भिक्षा माँग कर अपना पेट भरते हैं। नंगे पैर ही सफर करते हैं। हरिद्वार में भी वो गंगा के किनारे टहलते हुए दिखाई दिए।

किताबों के उपयोग से हिन्दी सीखने वाले बेन बाबा भारत में धर्म और अध्यात्म में रमे हुए हैं लेकिन उनके जीवन का उद्देश्य है सनातन धर्म और योग का प्रचार करना। उनका कहना है कि भविष्य में वह अपने देश स्विट्जरलैंड लौट कर अपने लोगों को धर्म और अध्यात्म के मार्ग पर ले जाने का प्रयास करेंगे।

फोन नहीं रखते, नंगे पांव घूमते हैं-

Photo of हिंदू धर्म-अध्यात्म की खोज में स्विट्जरलैंड से भारत पैदल: 18 देश, 6000 km, योग की जगा रहे अलख by Pooja Tomar Kshatrani

29 साल का स्विट्जरलैंड का रहने वाला यह वेब डिजाइनर रोज नंगे पैर ही कई किलोमीटर तक पैदल घूमता है. खास बात यह है कि बेन अपने पास मोबाइल फोन भी नहीं रखते. सिर्फ एक छोटा सा झोला और एक स्टील का लोटा ही उनकी जरूरत है. बेन का कहना है कि वह भिक्षा मांग कर अपना गुजारा करते हैं. उनका कोई भी ठोर ठिकाना नहीं है. जहां भी रात हो जाती है वे खुले आसमान के नीचे वहीं सो जाते हैं। चौंकाने वाली बात है कि वह फर्राटेदार हिंदी भी बोलते हैं. कहते हैं किताब पढ़कर हिंदी सीखी है। हिमाचल के धर्मशाला के मैकलौडगंज में उन्होंने अपना स्थायी ठिकाना बनाया है.

कैसा लगा आपको यह आर्टिकल, हमें कमेंट बॉक्स में बताएँ।

बांग्ला और गुजराती में सफ़रनामे पढ़ने और साझा करने के लिए Tripoto বাংলা  और  Tripoto  ગુજરાતી फॉलो करें

Tripoto हिंदी के इंस्टाग्राम से जुड़ें और फ़ीचर होने का मौक़ा पाएँ।