पनगोट एक छोटा सा हिल स्टेशन जो कि नैनीताल शहर से 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। जो अपने आप में एक बहुत ही खूबसूरत और एक बहुत ही शांत वातावरण वाला पर्यटन स्थल है।
तो आइए हम बात शुरू करते हैं पनगोट की।
मेरा लास्ट ट्रिप पनगोट का 25 दिसंबर क्रिसमस डे पर था। हम चार लोग मैं, विकास, विकास की वाइफ और मोहित। मैं थोड़ा सा अपने बारे में बताना चाहूंगा, मैं चंदन गुप्ता गाजियाबाद से हूं और मैं डिजिटल मार्केटिंग मैनेजर हूं एक अच्छी कंपनी में। मुझे घूमने फिरने का काफी शौक है और पनगोट का यह मेरा चौथा अनुभव है। मेरा जब भी कहीं जाने का मन करता और मेरे पास टाइम कम होता तो मैं पनगोट चला जाता हूं। मुझे यह जगह बहुत ही ज्यादा पसंद है।
गाजियाबाद से कैसे पहुंचेंगे आप पनगोट और वहां पहुंचने के बाद आपको क्या-क्या करने को और देखने को मिलेगा?
तो हमने अपने इस ट्रिक की प्लानिंग करी कार से जाने की। जैसा कि हम सभी जानते हैं दिसंबर के महीने में बहुत ज्यादा ठंड और बहुत ज्यादा कोहरा पड़ता है।
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वैसे तो गाजियाबाद से पनगोट की दूरी 270 किलोमीटर है और 6 घंटे का रास्ता है। लेकिन कोहरा ज्यादा होने की वजह से हमने जल्दी निकलने का फैसला किया और हम सुबह सुबह 3:00 बजे चल दिए।
कोहरा बहुत ज्यादा था जिस वजह से हम लोग ज्यादा तेज नहीं चल पाए और धीरे-धीरे चल के हम 9:00 बजे नैनीताल पहुंच गए हैं।
नैनीताल के पास स्थित एक मैंबुआ गांव में रुक कर हम लोगों ने सुबह सुबह का नाश्ता किया, नाश्ते में पकौड़े चाय और पहाड़ों की जान कहीं जाने वाले डिश मतलब आप लोग समझ ही गए होंगे, जी हां बिल्कुल वही जो आप समझे हमने मैगी खाई।
उसके बाद हम लोगों ने पनगोट के लिए चलना शुरू किया और 11:00 बजे हम लोग पनगोट पहुंच गए। वहां पहुंचकर हमने नेचर ड्रॉप कैंप बुक करवाया और दो टेंट लिए। यह बाकी सभी लोगों का पहला अनुभव था पनगोट का।
वहां पहुंचकर सबसे पहले हमने वेलकम ड्रिंक ली उसके बाद हम सभी लोगों का सामान अपने-अपने टेंट में पहुंचा दिया।
हम काफी थक चुके थे और थोड़ी देर आराम करने के बाद और नहाने के बाद हम लोग अपने टेंट से बाहर आए और हमारा लंच तैयार था। यह एक बहुत ही सुंदर अनुभव था लंच का क्योंकि खुले आसमान के नीचे लांच करना और सामने पहाड़ों का होना।
लंच के बाद हमने कुछ एडवेंचर एक्टिविटीज करी और उसके बाद शाम को 5:00 बजे हम लोग सनसेट पॉइंट देखने के लिए गए और अब सनसेट देखने जाने के लिए हमें ट्रैकिंग भी करनी थी। सनसेट का दृश्य आप नीचे दी हुई फोटो में भी देख सकते हैं कि है कितना सुंदर है।
सनसेट देखने के बाद हम लोग अपने कैंप पर वापस आए और उसके बाद हम लोगों ने शाम का नाश्ता किया जिसमें गरम-गरम पकोड़े और साथ में चाय।
यहां पर बताना चाहूंगा कि अब रात हो चुकी थी तो अब दृश्य कैंपसाइट का कुछ ऐसा था कि एक तरफ डी.जे. चल रहा था, दूसरी तरफ बोनफायर हो रहा था और साथ में हम लोगों का खाना भी। ठंड बहुत ज्यादा थी।
और उसके बाद वह हुआ जिसकी हमें उम्मीद भी नहीं थी। जी हां कैंप वाले भैया ने एक सरप्राइज प्लान किया था क्योंकि उस दिन क्रिसमस था और उन्होंने हमारे पास सेंटा को भेजा जिसके पास बहुत सारी टॉफी और चॉकलेट थी।
और वह सेंटा हमें डीजे पर ले गया। उसके बाद हमने कम से कम एक घंटा डांस किया और अब टाइम करीब रात के 11:00 बज चुके थे और हमें सोने जाना था क्योंकि हम थक गए थे।
उसके बाद मॉर्निंग हम लोग 5:00 बजे उठे क्योंकि हमें अभी हमें सनराइज भी देखना। वह देखने के बाद हम लोग फ्रेश हुए। और उसके बाद हमने थोड़ी देर इंडोर गेम खेला क्योंकि अभी हमारा नाश्ता तैयार नहीं हुआ था। नाश्ता तैयार होने के बाद हम लोगों ने नाश्ता किया और पनगोट से निकलकर हम थोड़ी देर के लिए नैनीताल भी रुके और हम लोग नैनी लेक पर थोड़ी देर बैठे और वहां का दृश्य देखा जो कि बहुत ही सुंदर था, बहुत ही अच्छा था और फिर हमने वहां से लंच किया और हम गाजियाबाद के लिए चल दिए।
और 9 घंटे में हम गाजियाबाद पहुंचे क्योंकि ठंड बहुत ज्यादा थी। शाम हो चुकी थी और कोहरा बहुत था।
तो यह था दिल्ली से सबसे पास का हिल स्टेशन जो कि बहुत सुंदर बहुत अच्छा था।
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अब हम बात करेंगे सबसे जरूरी चीज की तो अब मैं आपको बताता हूं कि हमने इस ट्रिप के लिए कितना खर्च किया दोस्तों!
कैंपसाइट का खर्चा था आप 1800 रुपए प्रति व्यक्ति जिसमें सब चीजें थी - रुकना, तीन टाइम का खाना, दो टाइम के स्नेक्स, डीजे, बोनफायर और ट्रैकिंग! कार का टोटल खर्चा आया ₹4000।
कुल खर्च था:
शिविर में रहना 1800 x 4 = 7200
कार यात्रा = 4000
विविध खर्च =2000
कुल खर्च= ₹13,200
प्रति व्यक्ति =₹ 3300
तो दोस्तों आपने देखा कि कितना बजट के अनुकूल है यह हमारा ट्रिप, सिर्फ ₹3300 और इतनी सारी मस्ती, इतनी सारी यादें!
आप भी बना सकते है वहां का प्लान और अगर आपको कुछ भी पूछना हो तो आप नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में कमेंट कर सकते है।
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