असली रोमांच क्या होता है? ये आपको हिमालय के इस ट्रेक में समझ आएगा

Tripoto
Photo of असली रोमांच क्या होता है? ये आपको हिमालय के इस ट्रेक में समझ आएगा by Musafir Rishabh

पहाड़ अपनी शक्ल बार-बार बदलते रहते हैं। जब भी इन पर निगाहें पड़ती हैं तो लगता है कि पहली बार पहाड़ों को देख रहे हैं। शायद यही पहाड़ की खूबसूरती है। उत्तराखंड में इन्हीं पहाड़ों को खूबसूरत और पवित्र बनाती है गंगा। गंगा का उद्गम जिस जगह से होता है उसे गोमुख कहते हैं। इस जगह को देखने के लिए आपको हिमालय का सबसे कठिन ट्रेक करना होगा। गौमुख-तपोवन ट्रेक हिमालय के सबसे मुश्किल और सुंदर ट्रेक में से एक है। इस ट्रेक को गंगोत्री ट्रेक के नाम से भी जाना जाता है। अगर आपको पहाड़ और एडवेंचर पसंद है तो उत्तराखंड का ये ट्रेक आपको जल्द ही कर लेना चाहिए।

Photo of असली रोमांच क्या होता है? ये आपको हिमालय के इस ट्रेक में समझ आएगा 1/1 by Musafir Rishabh

गौमुख ग्लेशियर भारत का दूसरा सबसे बड़ा ग्लेशियर है। गौमुख ग्लेशियर 30 किमी. लंबा और 4 किमी. चौड़ा है। यहाँ से दिखने वाले खूबसूरत दृश्य शायद ही आपने कहीं देखे होंगे। यहाँ होने का एहसास ही अलग है। इस ट्रेक के दौरान आपको हिमालय की शिवलिंग, सुदर्शन, मेरू, भागीरथी सिस्टर्स और खर्चकुण्ड जैसी चोटियाँ देखने को मिलेंगी।

गौमुख

गंगोत्री उत्तरकाशी जिले में आता है और समुद्र तल से इसकी ऊँचाई लगभग 3,048 मीटर है। गंगोत्री से 18 किमी. की दूरी पर गौमुख है और गौमुख से 9 किमी. दूर तपोवन है। गौमुख और गंगोत्री हिन्दू पौराणिक कथाओं में बेहद पवित्र हैं। ये भी वजह है कि हर कोई यहाँ आना चाहता है कि लेकिन गौमुख की यात्रा करना हर किसी के वश की बात नहीं है।

कब जाएं?

पहाड़ों में जाने का एक वक्त होता है। अगर आप बिना सोचे-समझे पहाड़ों की ओर निकल पड़ेंगे तो कभी-कभी उसका खामियाजा भुगतना पड़ता है। गोमुख ट्रेक करने का सोच रहे हैं तो उसके लिए सबसे सही समय मई से जून और मिड सितंबर से अक्टूबर का है। बारिश के मौसम में पहाड़ों में घूमना जोखिम भरा है। गर्मियों में मौसम साफ होता है और हिमालय की पीक भी देखने को मिलेंगी।

कहाँ ठहरें?

इस ट्रेक के दौरान ठहरने के लिए आपको साथ में टेंट में जरूर रखना चाहिए। गौमुख उद्गम और ग्लेश्यिर के पास किसी को रात में रूकने की परमिशन नहीं है। गौमुख से 4 किमी. की दूरी पर भोजबसा नाम की जगह है। यहाँ आप जीएमवीएन गेस्ट हाउस में ठहर सकते हैं। यहाँ आप अपने टेंट लगाकर भी रात गुजार सकते हैं। भोजबासा वो आखिरी जगह है जहाँ आपको खाने को भी मिलेगा। इसके लिए अपने साथ खाने के लिए कुछ जरूर रखें।

ऐस करें ट्रेक?

गंगोत्री पहुँचे

उत्तरकाशी उत्तराखंड का सबसे मुख्य कस्बों में से एक है। उत्तरकाशी के लिए आपको देहरादून औरद ऋषिकेश से बस मिल जाएगी। लगभग 7-8 घंटे के सफर के बाद आप उत्तरकाशी पहुँच जाएंगे। अगर आपके पास वक्त हो तो यहाँ एक दिन ठहर सकते हैं या फिर उसी दिन उत्तरकाशी से गंगोत्री की बस भी ले सकते हैं। उत्तरकाशी से गंगोत्री 4-5 घंटे की यात्रा है। गंगोत्री में आप गंगोत्री मंदिर को देख सकते हैं और गंगोत्री नेशनल पार्क का परमिट भी ले लें। इसके बिना आप गौमुख-तपोवन ट्रेक नहीं कर पाएंगे।

दिन 1: गंगोत्री से भोजबासा (14 किमी.)

गंगोत्री से ही गौमुख का ट्रेक शुरू होता है। सुबह-सुबह तैयार होकर आप बाजार से कुछ जरूरी चीजें खरीद सकते हैं। उसके बाद गंगोत्री से दो किमी. की दूरी पर चेक पोस्ट आएगा, जहाँ आपको परमिट दिखाना होगा। उसके बाद आप इन वादियों में पैदल-पैदल भटकने लगेंगे। शुरूआत हमेशा आसान होती है। पहाड़ों और जंगलों से होते हुए लगभग 9 किमी. की ट्रेकिंग के बाद चिरबासा पहुँचेंगे।

अगर आप पहले दिन की 9 किमी. की चढ़ाई में थक जाते हैं तो यहाँ कैंप लगा सकते हैं या फिर कुछ देर आराम करके आगे बढ़ सकते हैं। चिरबासा से भोजबासा 5 किमी. की दूरी पर है। इस ट्रेक के दौरान आपको लगतार भागीरथी चोटी दिखती रहेगी। भोजबासा समुद्र तल से 3,800 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। पहले दिन की थकान की वजह से आपको जल्दी ही नींद आ जाएगी।

दिन 2: भोजबासा टू तपोवन (10 किमी.)

तपोवन पहुँचने के दो रास्ते हैं। पहले रास्ते में आप गौमुख ग्लेशियर पहुँचिए जो भोजबासा से 5 किमी. की दूरी पर है। उसके बाद आप तपोवन पहुँचें। दूसरे रूट में भागीरथी नदी को पार करते हुए तपोवन पहुँच सकते हैं। उसके बाद नंदनवन और गौमुख की ओर जाएं। तपोवन समुद्र तल से 4,400 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। यहाँ से आप शिवलिंग पर्वत का खूबसूरत नजारा देख सकते हैं।

दिन 3ः तपोवन-नंदनवन (7 किमी.)

तपोवन से नंदनवन सिर्फ 7 किमी. की दूरी पर है। गौमुख ग्लेशियर को पार करन के बाद आप नंदनवन पहुँचेंगे। जहाँ आपको हिमालय के खूबसूरत नजारे देखने को मिलेंगे। नंदनवन 4,500 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। यहाँ से आप सुंदर भागीरथी चोटी देख पाएंगे।

दिन 4: नंदनवन से गौमुख (12 किमी.)

नंदनवन तक पहुँचने के बाद नीचे की तरफ चलना शुरू कर दीजिए। सुबह के कोहरे में पहाड़ से हद से ज्यादा खूबसूरत लगते हैं। हर किसी को सुबह में पहाड़ जरूर देखने चाहिए। गौमुख में आप गंगा के उद्गम को देख पाएंगे। कुछ देर गौमुख में रूककर आप आगे बढ़ सकते हैं। इस दिन आप शाम तक भोजबासा पहुँच जाइए। नंदनवन से भोजबासा 12 किमी. की दूरी पर है। भोजबासा में खूबसूरत रात के सुकून में सो जाइए।

दिन 5: भोजबासा टू गंगोत्री

अगले दिन सुबह में खूबसूरत पहाड़ देखिए और निकल पड़िए चिरबासा की ओेर। किसी भी ट्रेक में चढ़ना कठिन है तो उतरना उससे भी ज्यादा कठिन है। लगभग 5 से 6 घंटे चलने के बाद आप चिरबासा होते हुए गंगोत्री पहुँच जाएंगे। इसके बाद आप गंगोत्री में रूक सकते हैं या फिर उसी दिन देहरादून निकल सकते हैं। असली रोमांच क्या होता है? इस ट्रेक को करने के बाद आपको समझ आ जाएगा।

सुझावः

1. गौमख तपोवन ट्रेक अकेले न करें, 1-2 लोगों के साथ या गाइड के साथ बड़ें ग्रुप में करें।

2. अपने साथ गर्म कपड़े और सभी जरूरी सामान रखें।

3. बारिश में इस ट्रेक को करने का प्लाल न बनाएं।

4. अगर आपने पहले ट्रेक किए हैं तभी इस ट्रेक को करने का सोचें।

5. इस ट्रेक पर जाने से पहले अपने दोस्तों और फैमिली को बताकर जाएं।

क्या आपने उत्तराखंड के गौमुख की यात्रा की है? अपने अनुभव को शेयर करने के लिए यहाँ क्लिक करें।

बांग्ला और गुजराती में सफ़रनामे पढ़ने और साझा करने के लिए Tripoto বাংলা और Tripoto ગુજરાતી फॉलो करें।

रोज़ाना Telegram पर यात्रा की प्रेरणा के लिए यहाँ क्लिक करें।