भारत के 7 वॉर मेमोरियल, जिनको हर भारतीय जरूर देखना चाहिए

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Photo of भारत के 7 वॉर मेमोरियल, जिनको हर भारतीय जरूर देखना चाहिए by Rishabh Dev

अपने देश से हर भारतीय को प्यार है और भारतीय होने पर गर्व भी है। हम अपने घर में आराम से सो पाते हैं क्योंकि भारतीय सैनिक बार्डर पर हमारी रक्षा के लिए तैनात हैं। इन सैनिकों ने हमारी रक्षा के लिए कई जंगें लड़ीं और बहुत सारे सैनिक शहीद भी हुए। इन शहीद भारतीय सैनिकों की याद में ही वॉर मेमोरियल बनाए गए हैं। भारत में अलग-अलग जगह पर युद्ध स्मारक हैं। हम आपको भारत के चुनिंदा वॉर मेमोरियल के बारे में बताने जा रहे हैं। आपको इन जगहों पर ज़रूर जाना चाहिए।

भारत के चुनिंदा वॉर मेमोरियल:

1. नेशनल वॉर मेमोरियल, दिल्ली

भारत की राजधानी नई दिल्ली में एक नेशनल वॉर मेमोरियल है। आज़ादी के बाद से लेकर अब तक विभिन्न युद्धों और सैन्य ऑपरेशन में शहीद हुए सैनिकों की याद में इस वॉर मेमोरियल को बनाया गया है। आजादी के बाद से अब तक 22600 से अधिक सैनिक शहीद हुए हैं। दिल्ली का राष्ट्रीय युद्ध स्मारक भारत का पहला आधिकारिक नेशनल वॉर मेमोरियल है। इंडिया गेट के पास में स्थित नेशनल वॉर मेमोरियल का उद्घाटन 2019 में हुआ था। मेमोरियल को देखने के लिए आपको टिकट लेना होगा। भारतीय के लिए 5 रुपए का टिकट है और विदेशी पर्यटक के लिए 100 रुपए का टिकट है।

समय: 10:00 AM - 07:00 PM।

पता: इंडिया गेट के पास, नई दिल्ली।

2. कारगिल वॉर मेमोरियल

केन्द्रशासित प्रदेश लद्दाख में एक जगह है, कारगिल। कारगिल के पास द्रास में घाटी में एक वॉर मेमोरियल है जो वाक़ई में देखने लायक़ है। 1999 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध में शहीद हुए भारतीय सैनिकों की याद में इस मेमोरियल को बनाया गया है। इस वॉर मेमोरियल में गुलाबी शिलाओं पर शहीद हुए सैनिकों के नाम दर्ज हैं। युद्ध स्मारक के अंदर एक अमर ज्योति है, जो हमेशा जलती रहती है। इसके अलावा यहाँ पर एक थिएटर भी है, जिसमें अमिताभ बच्चन की आवाज़ में आप कारगिल युद्ध की पूरी कहानी सुन सकते हैं। बड़ी संख्या में सैलानी इस जगह को देखने के लिए आते हैं।

समय: 09:00 AM - 08:30 PM।

पता: द्रास, कारगिल, लद्दाख।

3. गोरखा वॉर मेमोरियल, दार्जिलिंग

बहुत कम लोगों को पता है कि दार्जिलिंग में भी एक वॉर मेमोरियल है। दार्जिलिंग के बतासिया लूप के पास गोरखा सैनिकों के बलिदान की याद में गोरखा वॉर मेमोरियल बनाया गया है। गोरखा वॉर मेमोरियल दार्जिलिंग शहर से लगभग 5 किमी. की दूरी पर स्थित है। भारत की आज़ादी से लेकर अब तक हुए कई युद्ध और सैन्य ऑपरेशन में 75 से अधिक गोरखा सैनिक शहीद हुए हैं। गोरखा वॉर मेमोरियल 1995 में बनकर तैयार हुआ था। इस युद्ध स्मारक में गोरखा सैनिक की बड़ी सी एक मूर्ति भी है। गोरखा वॉर मेमोरियल को देखने के लिए आपको 5 रुपए का टिकट लेना होगा।

समय: 05:00 AM - 08:00 PM।

पता: बसातिया लूप, दार्जिलिंग।

4. तवांग वॉर मेमोरियल

1962 में भारत और चीन के बीच हुई लड़ाई में शहीद हुए भारतीय सैनिकों की याद में तवांग में युद्ध स्मारक बनाया गया। तवांग वॉर मेमोरियल तवांग से कुछ ही किमी. की दूरी पर स्थित है। तवांग वॉर मेमोरियल को बौद्ध स्तूप की तरह बनाया गया है। इस स्मारक में प्रार्थना चक्र और स्थानीय देवी-देवताओं की भी मूर्तियाँ हैं। भारत और चीन के बीच हुई जंग में 2140 भारतीय सैनिकों की याद में बने इस मेमोरियल विभिन्न प्रकार के झंडे फहराए जाते हैं। तवांग वॉर मेमोरियल में संग्रहालय और सभागार भी है। यहाँ पर रोज़ाना लाइट एंड साउंड शो होता है, ज़िेसे आप देख सकते हैं। अगर आप तवांग आते हैं तो इस मेमोरियल को देखना ना भूलें।

समय: 07:45 AM - 06:00 PM।

पता: तवांग, अरुणाचल प्रदेश।

5. समुद्री युद्ध स्मारक, विशाखापत्तनम

विशाखापत्तनम शहर के बीच रोड पर विक्ट्री एट सी वॉर मेमोरियल स्थित है। 1971 में भारत और पाकिस्तान के युद्ध में भारतीय नौसेना ने जो बहादुरी दिखाई थी, उनके सम्मान में ही 1996 में इस समुद्री युद्ध स्मारक को बनाया गया है। 1971 की लड़ाई के दौरान पाकिस्तान विशाखापत्तनम बंदरगाह पर एक भारतीय विमानवाहक पोत आईएएस विक्रांत को नष्ट करने की योजना बना रहा था। भारतीय सैनिकों ने बहादुरी से लड़ाई लड़ी और पाकिस्तान की पीएनएस गाजी नाम की पनडुब्बी को डुबो दिया। विशाखापत्तनम में स्थित इस सी वॉर मेमोरियल में कई मिसाइलें, विमान, टैंकरों और नौसेना द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले हथियारों के मॉडल रखे हुए हैं। यहाँ आपको देश के लिए लड़ने वाले सैनिकों के लिए सम्मान और गर्व की भावना महसूस होगी।

समय: 24 घंटे खुला।

पता: बीच रोड, विशाखात्तनम।

6. सियाचिन वॉर मेमोरियल

सियाचिन भारत की सबसे ठंडी और कठिन जगहों में से एक है। जब भारत की रक्षा की बात आती है तो भारतीय सैनिक कड़ाके की ठंड में भी डटे रहते हैं। सियाचिन में एक वॉर मेमोरियल बनाया गया है। सियाचिन वॉर मोरियल का निर्माण उन सभी सियाचिन योद्धाओं की स्मृति में किया गया है, जिन्होंने बर्फीली सीमाओं की रखवाली करते हुए बलिदान दिया है। सियाचिन वॉर मेमोरियल 1984 में ऑपरेशन मेघदूत की याद दिलाता है जो भारतीय सेना ने पाकिस्तान के ख़िलाफ़ चलाया था।

7. चंडीगढ़ वॉर मेमोरियल

चंडीगढ़ वॉर मेमोरियल चंडीगढ़ के सेक्टर 3 में बोगेनविलिया गार्डन में स्थित है। इस स्मारक को 1971 के भारत-पाकिस्तान के युद्ध और 1999 की कारगिल की जंग में शहीद हुए सैनिकों के सम्मान में बनाया गया है। इस स्मारक में 8,459 शहीद सैनिकों के नाम अंकित हैं। 2006 में तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने चंडीगढ़ वॉर मेमोरियल का उद्घाटन किया था। स्मारक के केंद्र में 6 मीटर ऊंची एक विशाल संरचना है, जिसकी दीवारें गुलाबी बलुआ पत्थर की हैं और इस सैनिकों के नाम काले ग्रेनाइट पर दर्ज हैं। अगर आप चंडीगढ़ जाते हैं तो वॉर मेमोरियल को देखना ना भूलें।

समय: 09:00 AM - 06:00 PM।

पता: बोगेनविलिया गार्डन, सेक्टर 3, चंडीगढ़।

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