आगरा से मथुरा और वृंदावन कुछ 60 किलोमीटर के आस पास है , काम से अस्त व्यस्त हमने अचानक आगरा से मथुरा यात्रा की योजना बनाई और निकल पड़े अपने वाहन से । चूंकि यात्रा का कोई समय और प्लान नहीं होता है इसलिए यात्रा को अलग ही समूह में रखा गया है ।
आगरा से निकलते ही सिकंदरा कि तरफ से आप मथुरा कि तरफ आगे बढ़ोगे तो रास्ते में एक भालू संरक्षण केंद्र है जो कि विश्व का सबसे बड़ा भालू संरक्षण केंद्र है हमने सर्वप्रथम वहां की सैर की योजना बनाई और अन्दर चल दिए । टिकट का मूल्य बहुत साधारण था ।
अन्दर पहुंच कर हमने भालुओं के बारे में बहुत कुछ जाना और उनको देखा । यहां पर भालुओं को लाकर सारे ऐसो आराम दिए जाते है ताकि वो सुरक्षित रहे और भविष्य में विलुप्त ना हो जो की प्रकृति में समन्वय बनाए रखने के लिए बहुत जरूरी है ।
फिर हम यहां से निकले और मथुरा की तरफ रवाना हो गए ।
वहां पहुंच कर हमने सबसे पहले बांके बिहारी के दर्शन किए । यूं तो दर्शन के।लिए यहां बहुत भीड़ लगती है पर हमें दर्शन अच्छे से हो गए । इसके बाद हम निधिवन गए । अत्यंत ही सुन्दर और शांति भरा माहौल था । निधिवन के बारे में बहुत सी कथाएं प्रचलित है ।
अपनी यात्रा को आगे बढ़ाते हुए हम कुछ मंदिरों में दर्शन करते हुए घाटों की तरफ आगे बढ़े । विश्राम घाट और वासुदेव घाट प्रसिद्ध घाट है । वहां पर हमने कुछ समय बिताया इसके बाद हम वैष्णो देवी मंदिर गए जो कि जम्मू में स्थित मां वैष्णो देवी मंदिर के तर्ज पर बनाया गया है। जो अत्यंत ही सुन्दर है ।
इसके बाद हम पहुंचे बहुत सुंदर और अद्भुत नज़ारे के पास । प्रेम मंदिर, अपनी सुंदरता के लिए प्रसिद्ध प्रेम मंदिर अपने आप में ही एक अलोकिक रूप लिए है । इसकी सुंदरता रात को देखते बनती है । इस वजह से यहां बहुत भीड़ होती है ।
भक्तो का तांता सा लगा रहता है ।
यहां पर लाइटो को इस प्रकार सजाया गया ह की ये रात में रंग बदलता रहता है । और इस नजारे को देखने सैलानी बहुत दूर दूर से आते है । वृंदावन में और भी बहुत सी जगह है जो आपका मन मोह लेंगी । यहीं पर हमने अपनी यात्रा समाप्त की और आगरा के लिए निकल पड़े ।