लद्दाख भारत के सबसे खूबसूरत केंद्र शासित प्रदेश है। लद्दाख भारत के सबसे खूबसूरत पर्यटन स्थलों में से एक है,इसमें कोई संदेह नहीं है।आकर्षक मठों, खूबसूरत वादियां,खूबसूरत पर्यटन स्थलों और शानदार बाजारों की वजह से यह पर्यटकों का पसंदीदा स्थान है। जहां सिर्फ़ देशी ही नहीं विदेशों भी हर साल घूमने आते हैं और यहीं कारण हैं कि लद्दाख सालभर पर्यटकों से गुलजार रहता हैं।वसंत के आगमन होते ही खुबानी के फूलों से लद्दाख की घाटी गुलजार हों उठती हैं।लद्दाख का पर्यटन विभाग अप्रैल में एप्रिकॉट ब्लॉसम फेस्टिवल का आयोजन कर रहा है। जिसे आप 4 से 17 अप्रैल तक देख सकते हैं।लद्दाख पर्यटन विभाग के मुताबिक, इस साल खुबानी ब्लॉसम फेस्टिवल की थीम चुली मेंटोक 2023 है ।अगर आप भी वसंत का स्वागत जश्न के साथ करना चाहते हैं तो एप्रिकॉट ब्लॉसम फेस्टिवल देखने के लिए लद्दाख का ट्रिप प्लान कर लीजिए।
इस फेस्टिवल में आपको सॉफ्ट बेबी पिंक एप्रिकॉट ब्लॉसम बड़ी संख्या में देखने को मिल जायेंगे।आम तौर पर ये फूल लंबे समय तक नहीं रहते हैं, इसलिये अगर आप फोटोग्राफी के शौकीन हैं तो यह फेस्टिवल आप के लिए ही हैं।इस फेस्टिवल में फूलों के साथ साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन विभाग द्वारा किया जायेगा। जहां आपको लद्दाखी लोगों की रंगीन और अनूठी संस्कृति और परंपराओं को देखने और उसे करीब से जीने का मौका मिलेगा। यह फेस्टिवल दर्शनीय स्थलों और सांस्कृतिक गतिविधियों तक ही सीमित नहीं रहेगा, आप यहां खुबानी जाम, सूखे खुबानी, रस और यहां तक कि शराब जैसी स्थानीय रूप से उत्पादित वस्तुओं का भी मज़ा ले सकते हैं।खुबानी को चुली के नाम से भी जाना जाता है।यह त्योहार पर्यटकों को प्रकृति के महत्व के बारे में जानने के लिए स्थाई लोगों द्वारा मनाया जाता हैं।
कैसे पहुंचे
वायुमार्ग द्वारा-देश के प्रमुख शहरों से लेह तक डायरेक्ट फ्लाइट सेवा उपलब्ध हैं। लेह में, लद्दाख पहुंचने के लिए निकटतम हवाई अड्डा कुशोक बकुला रिम्पोची हवाई अड्डा है।
रेलमार्ग द्वारा- लद्दाख से करीबी रेलवे स्टेशन जम्मू तवी है जो लद्दाख से करीब 700 किलोमीटर दूर है। इससे आगे का सफर आपको टैक्सी या बस से करना होगा।
सड़कमार्ग द्वारा- लद्दाख तक आप सड़कमार्ग के जरिए जा सकते हैं लद्दाख तक जाने के लिए दो रूट निकलते हैं पहला श्रीनगर से लेह और दूसरा मनाली से लेह। श्रीनगर से लद्दाख जोजिला पास से होकर गुजरते हैं जबकि मनाली से लद्दाख रोहतांग पास से होकर पहुंचते हैं।
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