उत्तराखंड-हिमाचल से आगे बढ़िए, मणिपुर के इस पहाड़ी कस्बे को देखने का प्लान बनाएँ

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Photo of उत्तराखंड-हिमाचल से आगे बढ़िए, मणिपुर के इस पहाड़ी कस्बे को देखने का प्लान बनाएँ by Rishabh Dev

मणिपुर भारत के उन राज्यों में से एक है जहाँ घूमने के लिए तो बहुत कुछ है लेकिन घुमक्कड़ों की नजरों से बहुत दूर हैं। मणिपुर में अनगिनत जगहें ऐसी हैं जिनके बारे में कम लोगों को ही पता है। कुछ जगहें तो वाकई में देखने लायक हैं। मणिपुर का चंदेल कस्बा ऐसी ही शानदार खूबसूरती के लिए जाना जाता है। अगर आप मणिपुर के नहीं हैं तो शायद ही आपने चंदेल के बारे में सुना होगा। मणिपुर की इस जगह को अपनी बकेट लिस्ट का हिस्सा बनाइए और फौरन देख डालिए।

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चंदेल मणिपुर की उत्तर पूर्व की पहाड़ियों में बसा हुआ है। चंदेल 20 से ज्यादा आदिवासी जनजातियों का घर है। मणिपुर को पड़ोसी देश म्यांमार के प्रवेश द्वार के रूप मे भी जाना जाता है। चंदेल म्यांमार के बॉर्डर पर ही बसा है। चंदेल को लमका के नाम से भी जाना जाता है। छोटी-सी जगह होने के बावजूद चंदेल में देखने को बहुत कुछ है। यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता देखकर आप मंत्रमुग्ध हो जाएँगे।

कब जाएँ?

मणिपुर के चंदेल को आप वैसे तो पूरे साल में कभी भी देखा जा सकता है लेकिन सर्दियों में ये जगह और भी निखर जाती है। चंदेल को एक्सप्लोर करने का सबसे बेस्ट टाइम दिसंबर से फरवरी तक का है। चंदेल में आपको ठहरने में भी कोई दिक्कत नहीं आएगी। यहाँ आपको अपने बजट में रूकने का ठिकाना मिल जाएगा।

क्या देखें?

1- तेंगनोपाल

चंदेल में आप तेंगनोपाल से अपनी घुमक्कड़ी की शुरूआत कर सकते हैं। तेंगनोपाल समुद्र तल से 2,500 फीट से 10,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। तेंगनोपाल से कई प्राचीन राजवंशों और शासकों का इतिहास जुड़ा हुआ है। चीन से लेकर जापानियों तक का इस जगह पर कब्जा रहा। इस ऐतहासिक और खूबसूरत जगह को तो देखना बनता ही है। इस जगह की सुंदरता देखकर आप हैरान रह जाएँगे।

2- यैंगैंगपोक्पी लोकाचाओ सैंक्चुरी

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चंदेल जंगल और हरियाली से भरा हुआ है। अगर आपको प्रकृति से प्यार है तो यैंगेंगपोक्पी लोकाचाओ वाइल्डलाइफ सैंक्चुरी की सैर जरूर करनी चाहिए। 185 वर्ग किमी. में फैली इस वाइल्डलाइफ सैंक्चुरी में हर प्रकार के जानवर, वनस्पति और पक्षी देखने को मिल जाएँगे। इनमें से कुछ तो इतने दुर्लभ हैं कि वो और कहीं देखने को नहीं मिलेंगे। चंदेल आएँ तो यैंगेंगपोक्पी लोकाचाओ वाइल्डलाइफ सैंक्चुरी की सैर जरूर करें।

3- चंदेल देखें

अक्सर ऐसा होता है कि मशहूर जगहों को एक्सप्लोर करने के चक्कर में हम उस जगह को देखना भूल जाते हैं। चंदेल को घूमने जाएँ तो चंदेल कस्बे की सैर जरूर करें। अगर आप पैदल घूमते हैं तो चंदेल को अच्छे से जान पाएँगे। पैदल घूमते हुए आप यहाँ के लोगों से बात कर सकते हैं या फिर उनकी रोजमर्रा के काम को देख सकते हैं।

4- मोरे

चंदेल के आसपास भी कई जगहें हैं जिनको आप देख सकते हैं। चंदेल से मोरे लगभग 70 किमी. की दूरी पर स्थित है। मोरे भारत और म्यांमार की सीमा पर स्थित है। पड़ोसी देश के दूर के नजारे भी आप मोरे से देख सकते हैं। किसी जगह से दूसरे देश को देखने को मिले, वो जगह बेहद खास होती है। हर कोई ऐसी जगह पर जाना चाहता है। मणिपुर घूमने वालों के लिए तो अच्छी जगह है ही इसके अलावा स्थानीय लोगों के लिए व्यापारिक केन्द्र भी है।

5- बराक वाटरफॉल

हर घूमने वाले को झरना जरूर पसंद होता है। अपनी यात्रा के दौरान वाटरफॉल देखने को मिल जाए तो यात्रा और भी खूबसूरत हो जाती है। चंदेल की यात्रा के दौरान आप बराक जलप्रपात को देख सकते हैं। जंगलों के बीचों बीच स्थित ये झरना वाकई में खूबसूरत है। गिरते हुए पानी की आवाज आपको संगीत से कम नहीं लगेगी। एक जगह बैठकर आप इस जगह की सुंदरता को निहार सकते हैं।

कैसे पहुँचे?

फ्लाइट से: अगर आप वायु मार्ग से चंदेल आना चाहते हैं तो सबसे निकटतम इंफाल एयरपोर्ट है। चंदेल से इंफाल लगभग 49 किमी. की दूरी पर है। आप कैब बुक करके अपने गंतव्य तक पहुँच सकते हैं।

ट्रेन से: यदि आप रेल मार्ग से चंदेल जाने का प्लान बना रहे हैं तो सबसे नजदीक में नागालैंड का दीमापुर रेलवे स्टेशन है। चंदेल में कोई रेलवे स्टेशन नहीं है। दीमापुर से चंदेल 178 किमी. की दूरी पर स्थित है। आप दीमापुर से चंदेल आराम से पहुँच जाएँगे।

वाया रोड: आप सड़क मार्ग से भी चंदेल पहुँच सकते हैं। मणिपुर के कई शहरों से आपको चंदेल के लिए बसें मिल जाएँगी। अगर आपके पास खुद की गाड़ी है तब तो चंदेल पहुँचने में कोई खासा समस्या नहीं आएगी।

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