मीठी यादों और भरपूर स्वाद के लिए देश की इन ऐतिहासिक बेकरीज़ से लें अपना इस साल का क्रिसमस केक

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जगमगाती सड़कों पर झूमते लोग, क्रिसमस ट्री चमक, क्रिसमस के मधुर संगीत की मीठी गूंज और हर मोहल्ले से आती वाइन और क्रिसमस केक की सुगंध। क्रिसमस केवल एक उत्सव नहीं है। ये आनंद, हँसी, प्रेम और एकजुटता का समय है। और इन सभी मीठी यादों के लिए पुरानी रम और क्रिसमस केक से बेहतर और क्या हो सकता है? आपका क्रिसमस भी बेहद यादगार हो इसके लिए हमने देश की कुछ प्रतिष्ठित बेकरी की सूची तैयार की है जिनके क्रिसमस केक के चर्चे स्वतंत्रता-पूर्व युग से होते आए हैं।

1. नाहौम एंड संस, कोलकाता

कोलकाता की प्रसिद्ध नाहौम बेकरी 1902 में हॉग्स मार्केट (आज का नया बाजार) में शुरु की गई थी। ये बेकरी हमेशा से अपने खास तरह की चॉकलेट, मार्जिपन और फज के लिए जानी जाती थी। इस बेकरी के क्रिसमस केक को को रिच फ्रूट केक के नाम में भी जाना जाता है। ये केक बेकरी उन चीजों में से है जिसको सर्दियों में तीन सप्ताह तक इस्तेमाल किया जा सकता है। जानने वाली बात ये भी है कि ये केक बेकरी के सबसे अधिक पसंद किए जाने वाली चीजों में से है। रोचक बात ये भी है कि इस केक को कई वर्षों तक राजभवन में गणतंत्र दिवस के दौरान भी परोसा जाता था। नाहौम कोलकाता की एकमात्र यहूदी बेकरी है जो आज भी चालू है। ये बेकरी आज भी एकदम वैसी ही है जैसे शुरुआती समय में थी। टीकवुड और कांच के शोकेस वाली इस बेकरी ने आज भी अपनी लोकप्रियता को बरकरार रखा है। यदि आप इन छुट्टियों में कोलकाता की पसंदीदा बेकरी से केक लेना चाहते हैं तो नाहौम जाना एकदम ना भूलें।

2. थॉम्स बेकरी, बैंगलोर

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श्रेय: मैजिक पिन

यदि आप पुरानी यादों में खो जाना चाहते हैं या पुराने ज़माने के स्वाद वाले केक का स्वाद चखना चाहते हैं, तो आपको बैंगलोर की थॉम्स बेकरी में आना चाहिए। 1960 में शुरू हुई इस बेकरी में आपको न केवल शानदार केक मिलेंगे, बल्कि पैटीज़, समोसे और इन-हाउस ब्रेड जैसे स्वादिष्ट व्यंजनों की भी बढ़िया वैरायटी मिलेगी। हालाँकि, इस बेकरी का सबसे पसंद किया जाने वाले केक उनका लाजवाब प्लम केक है। बेकरी में पास्ता सॉस, मिल्कशेक पाउडर, पनीर और कैंडीज जैसी चीजों की खरीदारी करने के लिए एक सुपरमार्केट भी है। क्रिसमस केक के अलावा बेकरी में आप उनकी मिल्क ब्रेड का स्वाद ले सकते हैं और मुंह में पिघल जाने वाली चॉकलेट एक्लेयर्स भी ट्राई कर सकते रहें।

3. बुशी बेकरी, इलाहाबाद

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अगर आप क्रिसमस पर चलने वाले इलाहाबादी केक के बारे में नहीं जानते हैं तो यकीन मानिए आपने एक बहुत खूबसूरत चीज मिस कर दी है। इस केक की उत्पत्ति खास इलाहाबाद में हुई है। रेलवे के चलते शुरू से इलाहाबाद एक बड़ी ईसाई आबादी के लिए घर जैसा था। यदि आप इसके बारे में नहीं जानते हैं तो बता दें पहले रेलवे का ज्यादातर संचालन एंग्लो-इंडियन समुदाय के द्वारा किया जाता था। ये लोग अपने खाली समय में तरह तरह के व्यंजन पकाते थे जिसमें पश्चिमी और भारतीय संस्कृति का बढ़िया मिश्रण होता था। बुशी बेकरी का क्रिसमस केक देसी घी और मसालों जैसे दालचीनी, जायफल, सौंफ, जावित्री, जायफल और अदरक से सुगंधित होता है। लेकिन इस केक की स्टार सामग्री पेठा (आमतौर पर लौकी से उत्तर भारतीय नरम कैंडी) और मुरब्बा (मैरीनेटेड फल) हैं। मौजूदा मालिक मोहम्मद असलम कहते हैं, ''जो चीज इसे अपना स्वाद देती है, वह कोयले की भट्टी के ऊपर लकड़ी का ओवन है। हमारी बेकरी में आधुनिक ओवन का इस्तेमाल नहीं किया जाता है जिसके कारण केक का स्वाद एकदम अलग होता है। असलम कहते हैं, "अक्सर कहा जाता है कि पीले मक्खन का स्वाद समान नहीं होता है इसलिए केक में इसका इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए लेकिन हमारा मानना है कि ये एक ऐसी सामग्री है जो इलाहाबादी केक को अलग बनाती है।"

4. सल्दान्हा बेकरी, कोलकाता

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एक गोवा के परिवार द्वारा संचालित सल्दान्हा बेकरी लगभग सौ साल पहले उबेलिन सल्दान्हा और उनके पति, इग्नाटियस द्वारा शुरू की गई थी। उस समय, उबेलिन, जो एक कमाल की बेकर थी, पेटीज, केक और पेस्ट्री को छोटे ब्लैक डब्बों में पैक किया करती थीं, जिस पर 'सलदान्हा' लिखा होता था, और बाद में 20-30 लोग उन डब्बों को कलकत्ता के चारों ओर ले जाते थे। आज उनकी पोती देबरा सलदान्हा कारोबार चलाती हैं। वह धीरे-धीरे अपनी दादी द्वारा बनाई गई क्रिसमस से जुड़ी सभी चीजों को वापस से सलदान्हा पर वापस ला रही है। नवंबर और दिसंबर आते हैं, बेकरी उनके फेमस क्रिसमस केक के ऑर्डर से भर जाती है। सलदान्हा के इस खास केक को रिच फ्रूट केक के नाम से जाना जाता है। क्रिसमस के मौके पर सलदान्हा के बाहर लंबी कतार लगनी शुरू हो जाती है। इस बेकरी के सभी बेकर्स अपने ग्राहकों को उनके नाम से जानते हैं। हर आइटम को खास ऑर्डर के बाद ताजा बनाया जाता है। ये बेकरी इतनी लोकप्रिय है कि कभी-कभी लोगों को अपनी शादी के केक का ऑर्डर महीनों पहले देना पड़ता है।

5. मैंबैल्ली रॉयल बिस्कुट फैक्ट्री, केरल

केरल की इस बेकरी की कहानी 1880 में शुरू हुई थी जब एक व्यवसायी मम्बली बापू ने थालास्सेरी में अपनी खुद की बेकरी स्थापित करने का फैसला किया था। तीन साल बाद, बापू को एक अंग्रेज माली ने प्लम केक के बारे में बताया। उस प्लम केक से अपने व्यवसाय की शुरुआत करते हुए उन्होंने काजू सेब और कडालीपजहम केले का इस्तेमाल करके अपना खुद का क्रिसमस केक फ्लेवर बनाया जिसको भारत का पहला क्रिसमस केक भी कहा जाता है। उस दिन से, थालास्सेरी, क्रिसमस केक के उत्साही लोगों के लिए एक लोकप्रिय जगह बन गया और बापू ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में और बेकरी की और शाखाएँ खोलीं। हर साल, थालास्सेरी में दुनिया भर से क्रिसमस केक के ऑर्डर आते हैं। इस बेकरी में इस हद तक क्रिसमस केक के ऑर्डर आते हैं कि साल के इन दिनों में यहाँ अन्य ऑर्डर स्वीकार नहीं किए जाते हैं।

6. नायडू बेकरी, बैंगलोर

पीवी कुप्पुस्वामी नायडू ने 1888 में शिवाजीनगर, बेंगलुरु में अपनी इस बेकरी की शुरुआत की थी। वे अपने मक्खन और मसाला बिस्कुट, शहद केक और विस्तृत रूप से शादी के केक के लिए जाने जाते थे। बेकरी तीन पीढ़ियों तक जीवित रही और 2018 में नायडू के परपोते ने इसे बैंगलोर कनेक्शन 1888 का नाम देकर एक बार फिर चालू कर दिया है। बैंगलोर कनेक्शन 1888 न केवल पुराने मक्खन और मसाला बिस्कुट बनाने ने माहिर है बल्कि अब यहाँ चीज़केक और मूज जैसे अधिक कंटेंपरेरी व्यंजन भी बड़े शौक से तैयार किए जाते हैं।

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