हिमालय के खूबसूरत नजारों से भरी चुराह वैली, घूमने वालों की नजरों से अब तक है दूर

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Photo of हिमालय के खूबसूरत नजारों से भरी चुराह वैली, घूमने वालों की नजरों से अब तक है दूर by Rishabh Dev

कुछ जगहें ऐसी होती हैं जो बेहद खूबसूरत होती हैं लेकिन उनके बारे में कम लोगों को ही पता होता है। अगर वो जगह पहाड़ों में हो तो इससे ज्यादा सुंदर क्या ही होगा? हिमाचल प्रदेश अनगिनत खूबसूरत जगहों की भरमार है। इसी प्रदेश म हीं ऐसी जगहें हैं जिनके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। ऐसी जगहें वाकई कमाल की होती है। भीड़ भाड़ से दूर सुकून के बीच पहाड़ों में होना एक अलग ही अहसास है। अगर आप भी ऐसे ही खूबसूरत सुकून को एहसास करना चाहते हैं तो हिमाचन की चुराह घाटी को एक्सप्लोर करने का प्लान बनाएं।

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चुराह एक तहसील है जो चंबा जिले में है। चंबा से चुराह लगभग 65 किमी. की दूरी पर है। चुराह का शाब्दिक अर्थ है, चार रास्ते। चुराह चार अलग-अलग जगहों को गेटवे है जिनमें पंगी वैली, पंजाब, चंबा, जम्मू और कश्मीर शामिल है। चुराह वैली में खूबसूरती तो है ही इसके अलावा कई ऐतहासिक जगहें भी हैं। इस घाट में कई मंदिर भी है जिनको देखकर आप इसे लैंड ऑफ टेंपल भी कह सकते हैं। चुराह वैली में एक्सप्लोर करने के लिए बहुत कुछ है। आपको एक बार चुराह वैली जरूर आना चाहिए।

कैसे पहुँचे?

चुराह वैली हिमाचल प्रदेश के बड़े शहरों से अच्छी तरह से कनेक्टेड है। आपको चुराह वैली जाने में ज्यादा परेशानी नहीं आएगी।

फ्लाइट सेः अगर आप फ्लाइट से चुराह वैली जाना चाहते हैं तो सबसे नजदीकी पठानकोट एयरपोर्ट है। पठानकोट से चुराह लगभग 160 किमी. की दूरी पर है। आप बस या कैब से चुराह पहुँच सकते हैं।

ट्रेन सेः यदि आप रेल मार्ग से चुराह जाने का प्लान बना रहे हैं तो सबसे निकटतम पठानकोट रेलवे स्टेशन है। जहाँ से आप बस और कैब से चुराह घाटी तक आसानी से पहुँच सकते हैं।

वाया रोडः सड़क मार्ग से चुराह जाने में कोई बड़ी समस्या नहीं आएगी। आप चंबा तक बस से पहुँचे। चंबा से चुराह सिर्फ 65 किमी. की दूरी पर है। चंबा से आप बस या कैब से चुराह जा सकते हैं। अगर आपके पास खुद की गाड़ी है फिर तो चुराह पहुँचने में कोई परेशानी नहीं आने वाली।

क्या देखें?

1. सच पास

चंबा से लगभग 127 किमी. की दूरी पर स्थित है सच पास। हिमाचल के खूबसूरज नजारों को देखना है तो सच पास जरूर आना चाहिए। समुद्र तल से 14,700 फीट की उंचाई पर स्थित सच पास से हिमालय पीर पंजाल रेंज दिखाई देती है। ये जगह पूरे साल बर्फ से ढंकी रहती है सिर्फ जुलाई से अक्टूबर के बीच घूमने वालों के लिए खुली रहती है। हिमालय की ऐसी खूबसूरत देखकर आप मंत्रमुग्ध हो जाएंगे।

2. गडासरू महादेव लेक

नदियां और झील किसी सामान्य-सी जगह को भी सुंदर बना देती हैं। पहाड़ों में जिस जगह पर लेक या नदी होती है, वहाँ हर कोई जाना चाहता है। ऐसी ही खूबसूरत झील है, गडासरू महादेव लेक। समुद्र तल से 4,300 मीटर की उंचाई पर स्थित ये झील लगभग 2 किमी. में फैली हुई है। झील के चारों तरफ हरियाली और पहाड़ हैं। गडासरू महादेव झील को डल लेक के नाम से भी जाना जाता है। इस झील के पास में महाकाली डल लेक है। झील के पास काली मां का मंदिर भी है। चुराह वैली आएं तो आप इस जगह को देख सकते हैं।

3. देव कोठी मंदिर

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चुराह घाटी में कई सारे मंदिर हैं। उन्हीं में से एक है, देव कोठी मंदिर है। देव कोठी मंदिर गडासरू महादेव ट्रेक के रास्ते में मिलता है। ये मंदिर देवी चामुंडा का है। स्थानीय लोगों के लिए ये जगह बहुत पवित्र है। गडासरू महादेव ट्रेक करें तो देव कोठी मंदिर को देखना न भूलें। इस मंदिर से आपको खूबसूरत वादियों के नजारे देखने को मिलेंगे। यहाँ से दिखने वाले खूबसूरत नजारे आपको हैरान कर देंगे। चुराह जाएं तो इस मंदिर को देखना न भूलें।

4. चंजु माता मंदिर

देव कोठी की तरह चुराह में जंजु माता मंदिर है। ये मंदिर काली माता को समर्पित है। मंदिर के आसपास हरियाली और खूबसूरत पहाड़ है। मंदिर के धार्मिक माहौल में पहाड़ों की सुंदरता को निहारना वाकई खूबसूरत है। मंदिर का आर्किटेक्चर बेहद पुराना है। चंजु माता मंदिर लकड़ियों से बना है। उत्तराखंड के पुरान मंदिर कैसे होते हैं? ये आपको चंजु माता मंदिर को देखने पर समझ आएगा।

5. ट्रेकिंग

पहाड़ों में आओ और ऐडवेंचर न हो तो कुछ कमी-सी लगती है। चुराह घाटी में इस कमी को पूरा करने के लिए आपक ट्रेकिंग कर सकते हैं। चुराह घाटी में एक नहीं बल्कि कई ट्रेकिंग रूट हैं जिसमें गडासरू महादेव ट्रेक है। ये ट्रेक लगभग 16 किमी. लंबा है। इसके अलावा गोइया नाग वैली ट्रेक और भनोदी मोनेस्टी ट्रेक भी कर सकते हैं। ट्रेकिंग के दौरान आप हिमालय के सबसे खूबसूरत नजारों से रूबरू होंगे। पहाड़ मे होना एक अलग एहसास है और ट्रेकिंग करना उससे भी खूबसूरत अनुभव है। चुराह वैली में आप इस अनुभव को महसूस कर सकते हैं।

कब जाएं?

चुराह घाटी हिमाचल प्रदेश की सबसे ठंडी जगहों में से एक है। साल के 6 महीने ये जगह बर्फ से ढंकी रहती है। आपको गर्मियों में चुराह वैली को एक्सप्लोर करने का प्लान बनाना चाहिए। बारिश में चुराह आने की बेवकूफी न करें। चुराह वैली आने का सबसे बेस्ट टाइम मार्च से जून तक का है। उस समय आपको चारों तरफ हरियाली ही हरियाली दिखाई देगी।

कहाँ ठहरें?

चुराह वैली हिमाचल प्रदेश की उन जगहो में आती है जिनके बारे में कम लोगों को पता है। यही वजह है कि यहाँ पर ठहरने के बहुत ज्यादा विकल्प नहीं है। आपको यहाँ पर कुछ होटल मिल जाएंगे। जिनमें आप ठहर सकते हैं। इसके अलावा यहाँ पर सरकारी गेस्ट हाउस और होमस्टे भी हैं जिनमें आप रात गुजार सकते हैं।

क्या आपने हिमाचल प्रदेश की चुराह वैली की यात्रा की है? अपने अनुभव को शेयर करने के लिए यहाँ क्लिक करें।

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