पहाड़ों की वो अनुछई जगहें जो सिर्फ एक पहाड़ी ही आपको बता सकता है!

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Photo of पहाड़ों की वो अनुछई जगहें जो सिर्फ एक पहाड़ी ही आपको बता सकता है! by Musafir Rishabh

एक घुमक्कड़ को ज़िंदगी में क्या चाहिए? बहुत सारी घूमने की जगहें। घूमने में सबसे कठिन होता है पहाड़ों में घूमना, जहाँ सुविधाएँ कम होती है और रोमांच ज़्यादा। ट्रैवल के लिए इंडिया में हिमाचल प्रदेश बहुत आगे जा रहा है। हर रोज़ नई जगहें पुरानी होती जा रही हैं और जगहों को खोजा रहा है। फिर भी कुछ अनछुई जगहें रह ही जा रही हैं जिन्हें सिर्फ वहाँ के लोग ही जानते हैं। ऐसी जगहों पर जाने का रिस्क तो होता है लेकिन रोमांच भी सबसे ज्यादा इन्हीं का होता है? तो चलिए आज हिमाचल की ऐसी ही कुछ अनछुई जगहों पर ले चलते हैं। जिन्हें सिर्फ हिमाचली ही जानते हैं।

1. पब्बर वैली

पब्बर घाटी प्रकृति का एक सुंदर उदाहरण है। जो सबको कुछ ना कुछ देती ही रहती है। यहाँ फलों के बाग आपका मन मोह लेंगे। ये बाग ब्रिटिश वायसरॉय को बार-बार यहाँ खींच लाते थे। वो यहाँ आते और कैंप लगाते थे। पब्बर वैली में ऐसे ट्रेक हैं जिन्हें बहुत कम लोग जानते हैं। अगर आप इन ट्रेक पर जाएँगे तो हिमाचल के उन गाँवों से होकर जाएँगे जिनके बारे में आपने सुना भी नहीं होगा। अनछुए गाँवों से होते हुए देवदार और चीड़ के जंगलों से होकर बर्फ से ढंके पहाड़ों तक जाता है। यहाँ आप कैम्पिंग, ट्रेकिंग, फिशिंग जैसी कई गतिविधियों का भी अनुभव कर सकते हैं। इसके अलावा आप यहाँ राफ्टिंग का भी मज़ा ले सकते हैं। इस सफर में गाँवों के लोगों से मिलने का अनुभव है। पहाड़ों की चोटी से चांदनी रात को देखने का अलग मजा है।

दूरीः शिमला से 107 किमी.

2. थानेदार

अपने सुंदर सेब और चेरी के बागों के साथ भरपूर थानेदार प्रकृति प्रेमियों के लिए एक मनचाही जगह है। यहाँ आप देश के सबसे रसदार और मीठे सेबों का स्वाद चख सकते हैं। यहाँ आपको सेब खरीदने नहीं पड़ेंगे बल्कि यहाँ के लोग आपको प्यार से खिलाएँगे। इसके अलावा आप यहाँ सेब चबाने वाले स्लाइस भी चख सकते हैं। जो स्थानीय लोग अपनी छतों पर सूखते हैं। बागों के बीच में रहने के लिए यहाँ कई होटल और रिसॉर्ट्स हैं। ये जगह प्रकृति के पास रहने का अनुभव देती है। थानेदार में कुछ जगहें हैं जिनको आप देख सकते हैं। यहाँ नाग देवता मंदिर, तानी-जुब्बर लेक और सेंट मैरी चर्च है। ये चर्च भारत के सबसे पुराने चर्चों में से एक है। यहाँ से आप हाथु पीक की बर्फ से ढंकी हुई चोटी को देख सकते हैं।

दूरीः शिमला से 395 किमी.।

3. शोजा

आजकल खूबसूरत जगहों पर लोगों का हुजूम लगा रहता है। लेकिन उस टूरिज़म से दूर है हिमाचल का शोजा। पर्यटन से बेपरवाह, शोजा आराम करने के लिए एक अच्छी जगह देता है। शहर के जीवन से दूर ये जगह ताजगी में साँस लेना सिखा देता है। सेराज घाटी में स्थित, यह अपनी सर्लोस्कर लेक के लिए फेमस है। यहाँ हर कोई इत्मीनान से घूम सकता है या फिर इस इलाके के गतिविधियों को समझ सकता है। यहाँ घूमने के लिए कोई जगह तो नहीं है लेकिन प्रकृति के बीच पैदल चल सकते हैं। इसके अलावा धूप में बैठकर आसपास के खूबसूरत नजारों को भी देख सकते हैं।

दूरीः शिमला से 154 किमी.।

4. बरोट

बरोट सिर्फ खूबसूरत ही नहीं है बल्कि बाहरी गतिविधियों के लिए भी जाना जाता है। यहाँ की उहल नदी लोगों के लिए जीवनदायिनी है। यहाँ वे मछलियाँ पकड़ते है। उहल नदी के पार नारग वन्यजीव अभयारण्य है। जहाँ कई प्रकार के तीतर और हिमालयी काले भालू भी हैं। शेल्टर से कुल्लू जाने के लिए एक यात्रा मार्ग अलग कट जाता है। आसपास के सदाबहार जंगल देवदार के पेड़ों से भरा हुआ है। यहाँ आप अगर पैदल चलेंगे तो आपको ट्रेकिंग का अनुभव होगा। इसी वजह से ये जगह लोगों को पसंद आ रही है। यहाँ आप देव पाशाकोट का मंदिर का मंदिर भी है, जिसे आप देख सकते हैं।

दूरीः शिमला से 207 किमी.।

5. गुशैनी

कुल्लू जिले के तीर्थन नदी के पास बसे गुशैनी की अपनी खासियत है। गुशैनी को ट्राउट के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि यहाँ बहुत बड़ी मात्रा में ट्राउट मछली पकड़ने का काम होता है। ये जगह उन लोगों को बहुत पसंद आएगी जो नदी किनारे कैंप लगाकर रहना चाहते हैं। आउटडोर कैंपिंग के लिए ये जगह सबसे अच्छी मानी जाती है। गुशैनी से सिर्फ 20 कि.मी. दूर ‘द फैंटास्टिक हिमालयन नेशनल फॉरेस्ट’ भी है जहाँ लगभग 30 प्रकार के जीव और 300 किस्म के पक्षी पाए जाते हैं। देवदार के पेड़ों के बीच चलना एक अलग सुकून देगा। इस जगह को धीरे-धीरे लोग जान रहे हैं कि लेकिन अभी भी ये जगह टूरिज़म से काफी दूर है।

दूरीः शिमला से 206 किमी.।

6. जालोरी जोत

अगर आप हिमाचल में ट्रेकिंग के लिए बेहतरीन और कम जानने वाली जगह पर जाना चाहते हैं तो जालोरी जोत का ही नाम आता है। जालोरी जोत प्रकृति के सबसे अच्छे नज़ारों को दिखाता है। यहाँ आने के लिए बीच में शोजा पड़ता है। आप एक बार वहाँ रूककर जालोरी आ सकते हैं। यहाँ जालोरी जोत मंदिर के बगल में फेमस सरयोल झील जा सकते हैं। इसके अलावा यहाँ के प्राचीन किले को भी देखा जाना चाहिए। दोनों की जगहें बेहतरीन हैं लेकिन आसापास तो बिल्कुल नहीं। इन दोनों के ट्रेक के लिए आपके पास अच्छी पकड़ वाले जूते होने चाहिए। ताकि आपको चढ़ने में दिक्क्त का सामना न करना पड़े। लेक तक का पूरा ट्रेक 4 किमी. लंबा है। रास्ते में आपको एक दुकान मिलेगी जहाँ आप अपने आपको रिचार्ज कर सकते हैं। इन बातों को ध्यान में रखकर ही जालोरी के सफर पर निकलें।

दूरीः शिमला से 149 किमी.।

7. रेणुकाजी

कई वजहों से रेणुकाजी हिमाचल के सबसे अच्छे सीक्रेट जगहों में से एक है। इस जगह की सबसे बड़ी खासियत है यहाँ की वास्तुकला। जो आपका मन मोह लेगी। ये वास्तुकलाएँ कलाकारों की नाज़ुक नक्काशी को दर्शाता है। रेणुका झील की तरह एक और आईना है जो इसकी सुंदरता में भगवान की छवि को दर्शाता है। रेणुका झील भारत में हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले में है और यह समुद्र तल से 672 मीटर ऊपर है। यह हिमाचल प्रदेश की सबसे बड़ी झील है। यहाँ आकर आप शांति से कुछ दिन गुज़ार सकते हैं। प्रकृति के बीच, झील के किनारे ठहरने का मौका देता है रेणुकाजी।

दूरीः शिमला से 161 किमी.।

जंजैहली वैली

जंजैहली घाटी प्रकृति की सुंदरता से भरपूर एक सुंदर और हरी-भरी जगह है। ये जगह 2,150 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। यह स्थान मंडी शहर से लगभग 70 कि.मी. दूर है। ये ऐसी घाटी है जिसमें चारों ओर हरियाली और बर्फीले कोहरे की चादर फैली हुई। अगर ये सब आप अपनी आँखों से देखें तो आप इस जगह पर बार-बार आने का सोचेंगे। जंजैहली में कैम्पिंग भी की जा सकती है। यहाँ आसपास का शांत माहौल आपको शहर के शोर से बहुत दूर कर देता है। शायद इन खूबसूरत पहाड़ों को इसलिए ही तो बनाया गया है। ये हिमाचल प्रदेश के सबसे अच्छे अनछुए जगहों में से एक है। यदि आप एक शांत जगह की तलाश में हैं तो यहाँ जरुर रूकें।

दूरीः शिमला से 137 किमी.।

प्रिनी

प्रिनी गाँव भारत में हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले की मनाली तहसील में स्थित है। इस छोटे से गाँव के मनाली-जगत्सुख मार्ग में एक शानदार झरना है। गाँव धान के खेतों से भरा रहता है और यहाँ आने के लिए परिवहन की व्यवस्था भी बढ़िया है। पहाड़ों में गाँव की जिंदगी कैसी होती है? ये आप इस गाँव में देख सकते हैं। पहली बारिश के बाद मिट्टी की सौंधी खूशबू को यहाँ महसूस किया जा सकता है। हरे-भरे वातावरण और इस गाँव की ज़िंदगी को देखने के लिए इस गाँव में ज़रूर रूकें। इस गाँव के बारे में अभी बहुत कम लोगों को पता है। इसलिए इस जगह पर तो सबसे पहले आना बनता है।

दूरीः शिमला से 250 किमी.।

चुराह वैली

हिमाचल प्रदेश के एक विचित्र कोने में बसे चंबा की चुराह घाटी सड़क से कहीं दूर है। हिमाचल में छुपी ये जगह अपने दूसरे छोर से जम्मू और कश्मीर को जोड़ता है। बाइक ट्रिप पर निकले लोगों के लिए इस घाटी में पहुँचना बहुत मुश्किल होता है। ये घाटी कठिन तो है साथ में खूबसूरत भी बहुत है। इस वैली में कई ग्लेशियर, झीलें और नदियाए हैं। अगर आप सड़क से हटकर उबड़-खाबड़ रास्ते पर जाना चाहते हैं तो चुराह वैली जाना चाहिए। यहाँ आप खूबसूरती के साथ, रोमांच का भी अनुभव करेंगे।

दूरीः शिमला से 425 किमी.

तो अब आप लॉकडाउन और कोरोने के खत्म होने पर इन छिपे खज़ानों की सैर करने का प्लान बना लें। लेकिन हाँ, जितनी खुशी हमें इन खूबसूरत जगहों को देखने पर होती है, उतनी ही ज़िम्मेदारी भी है कि हम यहाँ की सुंदरता सहेज कर रखें। तो जब भी कहीं घूमने जाएँ, वहाँ कूड़ा ना फैलाएँ और वहाँ की स्थानीय ज़िंदगी का सम्मान करें।

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