दोस्तों दक्षिण भारत यात्रा के दौरान तेलंगाना राज्य की राजधानी हैदराबाद में मशहूर गोलकुंडा किले की यात्रा करने का मौका मिला, बात होगी फरवरी 2015 की जब नांदेड़ से हैदराबाद शहर घूमने गया। आज की पोस्ट में गोलकुंडा किले की यात्रा की बात करूंगा। दोस्तों यह शानदार किला कुतब शाही राजाओं की राजधानी रहा, लेकिन इसका संबंध काकितया और यादवों से भी रहा हैं, काकितया रियासत आंध्रप्रदेश की एक मशहूर रियासत थी, हम इसको सोलवहीं सदी के ईतिहास से ही जयादा जानते हैं, मेरी नजर में गोलकुंडा किले को यूनैसको वल्र्ड हैरीटेज साईट में होने चाहिए, हो सकता है आगे चलकर यह इस लिस्ट में शामिल भी हो जाये।
गोलकुंडा किला 120 मीटर ऊंची पहाड़ी पर बना हुआ है। यह किला देखने के लिए बहुत ही शानदार है और हर जगह ईतिहास बिखरा पड़ा हैं, मुझे ईतिहासिक ईमारतें, किले देखना बहुत पसंद हैं, जब भी मुझे मौका मिलता हैं मैं जरूर किले को देखता हूँ। गोलकुंडा किला बहुत ही बड़ा है, कहते हैं इस किले में पानी और आवाज सुनने के लिए बहुत बढिय़ा प्रबंध था, पानी के लिए पाईप बिछाए हुए थे। आवाज सुनने के लिए बहुत शानदार ईको सिस्टम बनाया हुआ था, कहते है अगर किले के बाहरी गेट पर अगर ताड़ी बजती थी तो यह ताड़ी ईको सिस्टम से राजा के महल में भी सुनती थी जो दूर सामने वाली पहाड़ी पर बना हुआ था, ऐसी बहुत सारी दिलचस्प बातें है जो आपको गोलकुंडा आकर ही पता चलेगी। रात को इस किले के ईतिहास की जानकारी देने के लिए लाईट एंड साऊंड शो भी दिखाया जाता हैं। हैदराबाद से ही आप तेलंगाना टूरिज्म का एक दिन का हैदराबाद सिटी टूर ले सकते हो जिसमें आप को गोलकुंडा किला भी दिखाया जाएगा और साथ में हैदराबाद की दूसरी जगहें भी । आप भी अगर हैदराबाद जाते हो तो गोलकुंडा किले को देखना मत भूलना।
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