Jallian wala bagh

Tripoto
21st Nov 2019

जलियांवाला बाग हत्याकांड साल १९१९ में हुआ है  यह एक रॉयल एक्ट अधिनियम कानून द्वारा हुआ था इस एक्ट के आधार पर ऐसा होता है के किसी को भी शक के आधार पर गिरफ्तार किया जा सकता है और २ साल के लिए जेल में डाला जा सकता है यह एक भारतीयों क्रांतिकारियों पर काबू करने के लिए लागू किया गया था  इस एक्ट के विरोध में गांधी जी ने सत्याग्रह आंदोलन की शुरुआत की थी इस आंदोलन में भारतीयों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया था और यह आंदोलन कई हाथ  तक सफल हुआ था  |
११ अप्रैल १९१९ मैं यह हत्याकांड हुआ जब जेल में बंद क्रांतिकारी को निकालने के लिए भीड़ जमा हुई तब उनका विरोध किया गया आप उन्हें मिलने तक नहीं दिया गया गुस्से में भीड़ ने सरकारी दफ्तरों में आग लगा दी जिससे कि सरकार का भारी नुकसान हो गया इसी को देखते हुए सरकार ने माशल लो नामक अधिनियम शुरू किया जिसमें ३ से अधिक लोग झुंड बनाकर नहीं खड़े हो सकते थे इस नियम में गोली मारने तक की भी इजाजत दी गई थी
जब यह हत्या कांड हुआ था वह दिन वैशाखी का दिन था कुछ लोग बाग में घूमने गए थे तो कुछ तो हार बनाने और कुछ लोग क्रांतिकारियों की चर्चा करने के लिए एकत्रित हुए थे  और उसने अपने सिपाहियों को साथ ले जाकर बिना किसी आदेश के गोलियां चलवा दे उस समय  बाग में २०००० लोग मौजूद थे जिनमें से १०००० की मृत्यु हो गई और १८ सो लोग घायल हो गए जिनमें औरतें और बच्चे भी शामिल थे देखते ही देखते पूरी जमीन खून से लाल हो गई इस तारे इस घटना का अंत हुआ आज भी भारतीय इतिहास में इस घटना को शोक के साथ याद किया जाता है

Photo of Jallian wala bagh by Ankita Sharma