सिक्किम और दार्जिलिंग को एक्स्प्लोर करने के लिए चाहिए सिर्फ 5 दिन, ऐसे बनाएँ अपना ट्रैवल प्लान!

Tripoto

मेरी बकेट लिस्ट मे उत्तर-पूर्वी राज्यों पर टिक नहीं लगे होने का दोष मैं अगर मेरी बेकार किस्मत को दूँ तो जाहीर है की ये एक बेकार सा बहाना ही है । इस जगह के सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और प्राकृतिक जगहों के बारे में पढ़ने मे मैंने कई शामें बिताई हैं लेकिन फिर भी मे कभी पूर्वी हिमालय को एक्सप्लोर करने नहीं जा पाया । और जब मेरा प्लान, भारत के स्वर्ग से लगने वाले उस क्षेत्र में जाने का बना, तो मुझे लगा कि पूर्वी सिक्किम शुरू करने के लिए सबसे अच्छी जगह होगी।

वैसे तो सिक्किम में, अपने लोगों और राष्ट्र के बाकी हिस्सों की सुरक्षा की वजह से काफी शस्त्र-बल तैनात है । लेकिन कोई भी बैरिकेड्स, प्रतिबंध और सशस्त्र कर्मी आपको इसकी सुंदरता को आपकी आत्मा में बस जाने से नहीं रोक सकते है । पूर्वी हिमालय और पहाड़ियों की रानी की यह मेरी पहली यात्रा है।

12,300 फीट की ऊँचाई पर स्थित, त्सोंगमो झील मानो एक सफेद वंडरलैंड है । यह झील पूरी तरह से जमी हुई थी और स्थानीय लोग उत्साहित बच्चों और लोगों को याक की सवारी करवा रहे थे। यह झील बर्फ की इतनी मोटी परत से ढकी हुई है कि कोई भी इस पर आसानी से चल सकता है, लेकिन त्सोंगमो सिक्किम की सबसे पवित्र झील है, यहाँ तक कि इस पर कदम रखने की कोशिश भी करना भी निंदनीय काम होगा ।

Photo of बाबा हरभजन सिंह मन्दिर, East Sikkim, Sikkim, India by Saransh Ramavat

एलीफेंट लेक 14,000 फीट की ऊँचाई पर है और ये इस यात्रा का सबसे ऊँचा पॉइंट है। यहाँ से ज़ूलुक गाँव तक रोड खड़ी घुमावदार चढ़ाई शुरू होती है।

Photo of एलिफेंट लेक व्यू पॉइंट, Kupup, Sikkim, India by Saransh Ramavat

गंगटोक से जूलुक तक ज़ुलुक की यात्रा का पूरा फ़ोटोब्लॉग देखें! - द रोडट्रिप फ़्रोम गंगटॉक टू जुलूक

ज़ूलुक, दिल्लीवासियों के लिए एक अंजान जगह होने के बावजूद, बंगाली यात्रियों के बीच एक बेहद लोकप्रिय जगह है। ऑफ-सीज़न मे भी, कई बंगाली फैमिली ने इस शांत शहर में अपना रास्ता ढूँढ ही लिया था। इस जगह सेना की मौजूदगी होने से यहाँ कोई होटल नहीं हैं। यात्री केवल लोकल होमस्टे में रह सकते हैं जो वहाँ के गाँव के लोगों ने बिज़नस के रूप में विकसित कर लिया है। ज़ुलुक एक बहुत छोटा गाँव है और आप पैदल ही पूरी जगह को एक्सप्लोर कर सकते हैं। निश्चित रूप से 9,500 फीट पर क्रिकेट मैदान देखना भी अपने आप में एक अलग ही अनुभव है ।

Photo of सिक्किम और दार्जिलिंग को एक्स्प्लोर करने के लिए चाहिए सिर्फ 5 दिन, ऐसे बनाएँ अपना ट्रैवल प्लान! by Saransh Ramavat

मेरे दोस्त और मैंने 25 जनवरी को अपनी यात्रा शुरू की। हम नई दिल्ली से बागडोगरा के लिए फ्लाइट में थे और 1.5 घंटे का ये वक्त बहुत जल्दी बीत गया।

Day 1

बागडोगरा एयरपोर्ट, पुटिमारी

बागडोगरा हवाई अड्डे से बाहर निकलते ही, आप सीधे सिलीगुड़ी के लिए एक ऑटो लें, ऑटो ड्राइवर आपको सिलीगुड़ी टैक्सी स्टैंड पर छोड़ देगा और आपसे ₹100 से ₹200 के बीच लेगा । यहाँ से कई जीपें गंगटोक और दार्जिलिंग जाती हैं, सिलीगुड़ी से गंगटोक की यात्रा के लिए आपको ₹200 से ज्यादा खर्च नहीं करना चाहिए। इस यात्रा को पूरा करने में आपको 5 घंटे लगेंगे।

जब आप सिलीगुड़ी से गंगटोक की तरफ चलेंगे तो आपका रास्ता तीस्ता नदी के साथ साथ चलता है । इस नदी का अनूठा फ़िरोज़ा रंग ही पहला संकेत है कि पहाड़ियों की यह यात्रा आपकी दूसरी यात्राओं से काफी अलग होने वाली है ।

टैक्सी बीच में एक बार स्नैक ब्रेक के लिए रुकेगी जहाँ आपको वहाँ चिप्स, बिस्कुट आदि बेचने वाली छोटी-छोटी दुकानें मिल जाएँगी । आप वहाँ के स्थानीय सूखे फलों का मज़ा भी ले सकते है जो सिक्किम और दार्जिलिंग की लगभग हर दुकान में मिल जाएँगे । लंच ब्रेक के कुछ घंटों बाद, बौद्ध रूपांकनों वाला एक रंगीन मेहराब सिक्किम में आपका स्वागत करेगा।

सिक्किम टूर पैकेज बुक करने के लिए यहाँ क्लिक करें।

हमने जहाँ स्टे किया वहाँ से गंगटोक एक घंटे की दूरी पर है । हमने सिलिगुड़ी से गंगटोक तक के सफर में ही एक ऑनलाइन होटल बुक किया, यह हमारा एक ऐसा निर्णय था जिसने हमें बहुत फायदा हुआ । यकीन माने गंगटोक में आपको बजट और होटल्स के हिसाब से आपको बहुत सारे विकल्प मिलेंगे । नॉर्मल से लेकर लक्ज़री तक, यह होटल पूरे शहर में फैले हुए हैं और आपको हर जगह बेहतरीन स्वागत देखने को मिलेगा । इसलिए, यह सुझाव दिया जाता है कि आप गंगटोक पहुँचने से पहले ही होटल की प्री-बूकिंग करें ताकि आपका कीमती समय बर्बाद ना हो।

Photo of गंगटोक, Sikkim, India by Saransh Ramavat

मनाली और शिमला जैसी अन्य लोकप्रिय हिल स्टेशनों की तरह ही, गंगटोक में भी सिंगल रोड मार्केट बनाया गया है। इस रास्ते पर किसी भी गाड़ी को जाने की इजाज़त नहीं है और हर तरह की दुकानें पर्यटकों का हर समय स्वागत करती है। क्योंकि हम शाम 6 बजे के आसपास गंगटोक पहुँचे थे, इसलिए हमारे पास बहुत ही कम समय था कि हम अपनी उत्तर-पूर्व सिक्किम की यात्रा की ओर आगे बढ़ें। हमने होटल मैनेजर से 26 जनवरी को लकेन या जुलुक के बारे में पूछना शुरू किया। यह राष्ट्रीय अवकाश था, इसलिए हम कन्फ़र्म नहीं थे कि परमिट मिलेगा या नहीं । जब हमे दोनों में से किसी भी एक स्थान की एक दिन की यात्रा के ₹10,000 बताए गए, तो हमने उस विकल्प को छोड़ दिया और बाज़ार की तरफ बढ़ गए।

शाम के समय लगातार, अजीब और निरर्थक घटनाओं की झड़ी लग गयी और शायद हमारी किस्मत मे ही लिखा था की हम दो दिनों के लिए एक ओवरप्राइस्ड प्राइवेट वाहन किराए पर लेंगे, तो किस्मत के आगे हमने भी हार मान ली। हम अपने होटल, द रॉयल ओक के पास वापस चले गए, और हमें ₹8,000 में गाड़ी के लिए मोलभाव करना शुरु किया और हमारे बहुत ज़ोर देने पर अंतत: वह मान ही गया ।

टिप: अगर आप किसी ट्रैवल एजेंट से बुकिंग नहीं कराना चाहते हैं, तो आपको परमिट के लिए आवेदन करना होगा। उत्तर या पूर्वी सिक्किम में परमिट लेना वैसे तो कोई मुश्किल काम नहीं है पर इस काम को पूरा करने के लिए आपको एक या दो दिन का समय निकालना पड़ेगा । एक बार परमिट मिल गया उसके बाद आपको तलाशना है एक ड्राइवर । गंगटोक में ड्राइवरों की औसत रेट ₹3,000 प्रति दिन है। हालांकि यह अभी भी थोड़ा महंगा तो है ही, पर इससे ₹2,000- ₹3,000 तक आसानी से बच जाएँगे । हाँ ये ध्यान रहे की आप अपने आधार कार्ड की फोटोकॉपी और चार पासपोर्ट साइज़ की तस्वीरों को ज़़रूर ले जाएँ ।

Day 2

हमारी यात्रा के दूसरे दिन की सुबह की शुरुआत नाश्ते और त्सोंगमो झील तक की ड्राइव से शुरू हुई। मैंने हिमालय के आसपास, साझा और निजी जीपों में कई रोड-ट्रिप्स की हैं, लेकिन सिक्किम के ड्राइवरों के साथ अपने अनुभव के बाद, मुझे कहना ही होगा कि उनके पास म्यूजिक की अच्छी चॉइस है। दो दिनों के लिए हमारा ड्राइवर, सागर जो 21 वर्षीय था, उसे अकूस्टिक कवर्स बहुत पसंद थे।

बाबा हरभजन सिंह मंदिर चढ़ाई में त्सोंगमो झील से भी ऊँचा है जब हम वहाँ पहुँचे और देखा कि बंगाली लोगों का एक ग्रुप बर्फ पर पिकनिक मना रहा है। त्सोंगमो झील से एक घंटे की दूरी पर पुराना बाबा हरभजन सिंह मंदिर है, जहाँ मृतक सैनिक की वर्दी, बिस्तर ऐसे रखे जाते हैं जैसे उन्हें रोज़ाना उपयोग में लिए जाते हैं। यहाँ के बाद हम कुपुप की ओर बढ़े, जिसके आगे एलिफेंट लेक है।

Photo of सिक्किम और दार्जिलिंग को एक्स्प्लोर करने के लिए चाहिए सिर्फ 5 दिन, ऐसे बनाएँ अपना ट्रैवल प्लान! by Saransh Ramavat
Photo of सिक्किम और दार्जिलिंग को एक्स्प्लोर करने के लिए चाहिए सिर्फ 5 दिन, ऐसे बनाएँ अपना ट्रैवल प्लान! by Saransh Ramavat

एलिफेंट लेक के एक घंटे बाद, सागर ने हमें थंबी व्यूपॉइंट पर रोका। जैसे ही मेरा दोस्त अपना कैमरा निकालकर इस खूबसूरत जगह के फोटो लेने गया, मैं गर्म मैगी और एक उबले हुए अंडे की मदद से ठंड और ऊँचाई से लड़ने के लिए खुद को तैयार करने लगा । गंगटोक से गाड़ी 5,200 फीट से 14,000 फीट की ऊँचाई तक पहुँचती है और जुलुक में 9,500 फीट पर का जाकर रुकती है आपको पता ही नहीं लगता । मैं आपको आपके मेडिकल किट में डायमॉक्स और सिरदर्द की दवाओं को ले जाने का सुझाव दूँगा।

Photo of सिक्किम और दार्जिलिंग को एक्स्प्लोर करने के लिए चाहिए सिर्फ 5 दिन, ऐसे बनाएँ अपना ट्रैवल प्लान! by Saransh Ramavat

एसयूवी में आधे दिन बैठने के बाद, हम ज़ूलुक पहुँचने से ज्यादा खुश थे, जहाँ आपका दिन गाँव के चारों तरफ हाइकिंग में ही निकल जाएगा ।

Photo of सिक्किम और दार्जिलिंग को एक्स्प्लोर करने के लिए चाहिए सिर्फ 5 दिन, ऐसे बनाएँ अपना ट्रैवल प्लान! by Saransh Ramavat
Photo of सिक्किम और दार्जिलिंग को एक्स्प्लोर करने के लिए चाहिए सिर्फ 5 दिन, ऐसे बनाएँ अपना ट्रैवल प्लान! by Saransh Ramavat
Photo of सिक्किम और दार्जिलिंग को एक्स्प्लोर करने के लिए चाहिए सिर्फ 5 दिन, ऐसे बनाएँ अपना ट्रैवल प्लान! by Saransh Ramavat
Photo of सिक्किम और दार्जिलिंग को एक्स्प्लोर करने के लिए चाहिए सिर्फ 5 दिन, ऐसे बनाएँ अपना ट्रैवल प्लान! by Saransh Ramavat

टिप: अगर आप बिना ट्रैवल एजेंट के ज़ूलुक मे ट्रैवल कर रहे हैं तो आप होमस्टे की प्री-बुकिंग की चिंता ना करें, यहाँ बहुत सारे विकल्प उपलब्ध हैं जो यहाँ पर रहने और शानदार खाने की व्यवस्था कर देंगे । अगर आपकी टैक्सी किसी एजेंसी से बुक की गई है, तो आप उनसे पहले से ही जूलुक में होमस्टे बुक नहीं करवाए क्योंकि हमने ट्रैवल एजेंट को एक रात के प्रति व्यक्ति ₹1,250 की जगह ₹1,600 दिए थे। इसके अलावा, आप अपने होमस्टे को मुख्य सड़क से दूर ही बूक करवाए क्योंकि यहाँ सीज़न में बहुत भीड़ हो जाती है।

Day 5

अगली सुबह हम उठे ओर आलू पूड़ी के ब्रेकफ़ास्ट के बाद हमने वहाँ के लोगों को अलविदा कहा। हमारे डैशिंग ड्राइवर सागर ने हमें सिक्किम की यात्रा के आखिरी पड़ाव पर पहुँचाया। हमने गंगटोक वापस जाने के बजाय दार्जिलिंग जाने का फैसला किया क्योंकि ज़ुलुक से सीधे दार्जिलिंग जाने की वजह से हमारा खर्चा बढ़ जाता, इसलिए हमने सागर को हमें कालिम्पोंग छोड़ने के लिए कहा, जहाँ से हर घंटे जीप मिल जाती है।

ज़ुलुक से कालिम्पोंग की ड्राइव पर, कई छोटे गाँव हैं जो होमस्टे भी देते हैं। अगर आपके पास समय हो तो आप रात बिताने के लिए इनमें से किसी भी एक गाँव को चुन सकते हैं।

Photo of सिक्किम और दार्जिलिंग को एक्स्प्लोर करने के लिए चाहिए सिर्फ 5 दिन, ऐसे बनाएँ अपना ट्रैवल प्लान! by Saransh Ramavat

हम जीप शेयर करके (प्रति व्यक्ति ₹200) दार्जिलिंग पहुँचे जो उस समय बहुत ठंडा और गीला हो रखा था। थोड़ा सा आराम करने के बाद, हमने गूगल किया और पहुँच गए दार्जिलिंग, ग्लेनरी के सबसे लोकप्रिय बेकरी रेस्तरां में रात का खाना खाने का फैसला किया। लेकिन लोनली प्लैनेट द्वारा यह अत्यधिक रिकमंडेड जगह से हमें तो निराशा हाथ लगी । इसके बजाय शांगरी-ला रेस्तरां में खाना खाने का सुझाव दूँगा, जैसा कि हमने अपनी दूसरी रात को किया।

Photo of दार्जिलिंग, West Bengal, India by Saransh Ramavat
Day 4

यह सुबह रोज़ से ज्यादा रोमांचक थी, और हमारे होटल के कमरे मे कुछ प्रॉबलम को सही करने के बाद, हम बाहर जाने के लिए उत्सुक थे । हमने फ्रैंक रॉस कैफे में स्वादिष्ट नाश्ता करने के साथ हमने अपने दिन की शुरुआत की । मेरे दोस्त को दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे में सफर करने की बहुत इच्छा थी तो वह तो हमे करना ही था । जैसे ही हम उस ट्रेन मे चढ़े हम समझ गए थे की मार्क ट्वेन ने इस राइड को "अपने जीवन का सबसे खुशी का समय" क्यों कहा था । यह ट्रेन पूरी तरह से भरी हुई थी और इस ट्रेन के राउंड ट्रिप के ₹1400 (दो टिकटों) लगे । इस सवारी का मुख्य आकर्षण घूम मोनेस्ट्री की एक यात्रा थी, जो की एक अच्छा अनुभव था!

Photo of सिक्किम और दार्जिलिंग को एक्स्प्लोर करने के लिए चाहिए सिर्फ 5 दिन, ऐसे बनाएँ अपना ट्रैवल प्लान! by Saransh Ramavat
Photo of सिक्किम और दार्जिलिंग को एक्स्प्लोर करने के लिए चाहिए सिर्फ 5 दिन, ऐसे बनाएँ अपना ट्रैवल प्लान! by Saransh Ramavat
Photo of सिक्किम और दार्जिलिंग को एक्स्प्लोर करने के लिए चाहिए सिर्फ 5 दिन, ऐसे बनाएँ अपना ट्रैवल प्लान! by Saransh Ramavat

घूम के लिए एक पूरी गाइड के लिए पढ़ें - घूम, द हाईएस्ट रेलवे स्टेशन ऑफ़ इंडिया, कैन बी योर पर्फेक्ट अल्टरनेटिव टू दार्जिलिंग।

अब, हम फेमस जगहों पर जाने के अपने फैसले के साथ थोड़ा और क्रिएटिव हो गए थे और हमने हैप्पी वैली टी एस्टेट तक पैदल जाने का फैसला किया । यह जगह दार्जिलिंग से लगभग 2 कि.मी. दूर है, और यहाँ तक का रास्ता बहुत आसान है । हैप्पी वैली में ओवरप्राइस्ड चाय का आनंद लेने के बाद, हम एक शॉर्टकट से शहर में वापस आ गए । यह शॉर्टकट बहुत छोटा और बेहद कठिन था, लेकिन हम लंच के समय तक दार्जिलिंग पहुँच गए थे । हमने दोपहर का खाना टॉम एंड जेरी नाम के एक रेस्तरां पर खाया । यह एक बहुत छोटा कैफे है जिसे अनुराग और उनके भाई चलाते हैं।

Photo of सिक्किम और दार्जिलिंग को एक्स्प्लोर करने के लिए चाहिए सिर्फ 5 दिन, ऐसे बनाएँ अपना ट्रैवल प्लान! by Saransh Ramavat
Photo of सिक्किम और दार्जिलिंग को एक्स्प्लोर करने के लिए चाहिए सिर्फ 5 दिन, ऐसे बनाएँ अपना ट्रैवल प्लान! by Saransh Ramavat

बिना मोमोज खाए दार्जिलिंग छोड़ना तो एक अपराध होगा। इसलिए, शांगरी ला में हमने रात के खाने के बाद, हमने मोमोज पैक किया और फिल्म देखने के लिए अपने होटल में चले गए।

सिक्किम टूर पैकेज बुक करने के लिए यहाँ क्लिक करें।

Photo of सिक्किम और दार्जिलिंग को एक्स्प्लोर करने के लिए चाहिए सिर्फ 5 दिन, ऐसे बनाएँ अपना ट्रैवल प्लान! by Saransh Ramavat
Day 5

हम अगले दिन जल्दी उठ गए थे क्योंकि हमें दोपहर की फ्लाइट पकड़नी थी।

नोट करें - ट्रैवल एजेंट आपको लूट लेंगे, इसलिए पहले ही प्लानिंग करके रखें और परमिट के लिए कुछ समय रिजर्व रखे। पूर्वी सिक्किम में मौसम और वातावरण बहुत जल्दी ही बदल जाता है इसलिए, डायमॉक्स को ले जाना ना भूलें। जुलूक में एक होमस्टे की प्री-बुक ना करें। अगर आप कर सकते हैं, तो दार्जिलिंग में हर जगह चलें। इस यात्रा में लोगों के साथ मेरा अनुभव आज तक की गई यात्राओं में सबसे बेहतर था।

आप आखिरी बार यात्रा पर कहाँ घूमने गए थे? यहाँ क्लिक करें और Tripoto पर अपनी यात्रा का अनुभव बाँटें।

बांग्ला और गुजराती में सफ़रनामे पढ़ने और साझा करने के लिए Tripoto বাংলা और Tripoto ગુજરાતી फॉलो करें

Tripoto हिंदी के इंस्टाग्राम से जुड़ें और फ़ीचर होने का मौक़ा पाएँ।

यह एक अनुवादित आर्टिकल है, ओरिजनल आर्टिकल पड़ने के लिए यहाँ क्लिक करे ।