कुदरत के शानदारों खजानों से भरी अनछुई दिरांग घाटी की सैर एक बार जरूर करें

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पहाड़ों में अक्सर ऐसी जगहें बेहद खूबसूरत होती हैं जो सिर्फ पड़ाव होती हैं। जहाँ लोग कुछ घंटे या रात बिताने के लिए ठहरते हैं। असल में ऐसी जगहों पर हर किसी का लंबा वक्त बिताना चाहिए। पहले तो ये जगहें बेहद खूबसूरत होती हैं। दूसरा, यहाँ कम लोग ही घूमते हैं इसलिए आपको ऐसी जगहों पर सुकून और शांति मिलेगा। आपको यहाँ पर सही सुंदरता देखने को मिलेगी। जहाँ के लोग भी बेहद प्यारे होते हैं। ऐसी ही एक खूबसूरत जगह है अरुणाचल प्रदेश की दिरांग। अगर आपको अनछुई जगहों पर जाना पसंद है तो आपको दिरांग घाटी को अपनी बकेट लिस्ट में जोड़ लेना चाहिए। ये जगह अरूणाचल प्रदेश की सुंदरता का खजाना है, जिसे अक्सर लोग नजरंदाज कर देते हैं।

अरूणाचल प्रदेश के दिरांग को सिर्फ पड़ाव भर समझ लेना बेवकूफी होगी। अगर आप तवांग घूमने जा रहे हैं तो उससे पहले आपको दिरांग जाना चाहिए। यकीन मानिए आप इस जगह पर आएंगे तो आपका यहाँ से कहीं और जाने का मन नहीं करेगा। ये जगह इतनी खूबसूरत है कि आप यहाँ कुछ घंटे नहीं कई दिन आराम से बिताना चाहेंगे। आप यहाँ की गलियों में घूमना चाहोगे और लोगों से बतियाने को मन करेगा। चारों तरफ हरे-भरे पहाड़, आसपास रंग-बिरंगे फूल, पेड-पौधे और पास में बहती साफ नदी। ऐसी जगह पर कौन नहीं आना चाहेगा? अरूणाचल प्रदेश आएं तो दिरांग को नजरंदाज न करें और यहाँ की खूबसूरत में खो जाएं।

अरूणाचल प्रदेश का नगीना- दिरांग

दिरांग अरुणाचल प्रदेश का छोटा-सा कस्बा है जो पश्चिमी कमेंग जिले में आता है। बोमडिला से दिरांग की दूरी लगभग 43 किमी. है। जब आप बोमडिला से तवांग जाएंगे तो बीच में ही दिरांग पड़ता है। अक्सर इस जगह पर लोग कुछ घंटे या रात बिताने के लिए रूकते हैं और फिर तवांग चले जाते हैं। दिरांग कमेंग नदी के किनारे बसा एक खूबसूरत कस्बा है, असम में इस नदी को भराली के नाम से जाना जाता है। पूरे साल यहाँ का मौसम बड़ा सुहावना रहता है। दिरांग में न बहुत ज्यादा सर्दी पड़ती है और न ही गर्मी। घुमक्कड़ों के लिए ये जगह बिल्कुल सही है। हर किसी को एक बार इस जन्नत की सैर जरूर करनी चाहिए।

कब जाएं?

दिरांग पूरे साल ही गुलजार रहता है। आप यहाँ गर्मियों और सर्दियों दोनों में आ सकते हैं लेकिन आपको बारिश के मौसम में यहाँ नहीं आना चाहिए। पहाड़ बारिश में खतरनाक हो जाते हैं इसलिए बारिश के मौसम में यहाँ न आएं। आप जुलाई से सितंबर को छोड़कर पूरे साल में कभी भी दिरांग आ सकते हैं। दिरांग घूमने वालों के लिए पड़ाव की तरह है इसलिए आपको यहाँ होटल आराम से मिल जाएंगे। यहाँ ज्यादातर होटल कस्बे के बाहर ही हैं और बहुत ज्यादा महंगे भी नहीं है। आपको अपने बजट में होटल आराम से मिल जाएंगे।

कैसे पहुँचे?

फ्लाइट से: अगर आप फ्लाइट्स से दिरांग जाना चाहते हैं तो सबसे नजदीकी एयरपोर्ट गुवाहटी का लोकप्रिय गोपीनाथ बोरदोलोई है। गुवाहटी से दिरांग की दूरी 351 किमी. है। आप यहाँ से बस से तवांग जाएं और फिर तवांग से टैक्सी बुक करके दिरांग पहुँच सकते हैं। 

ट्रेन से: अगर आप ट्रे न से आना चाहते हैं तो सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन तेजपुर का रंगापारा है। तेजपुर से दिरांग की दूरी लगभग 193 किमी. है। ये रेलवे स्टेशन देश के बड़े शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। 

वाया रोड: यदि आप वाया रोड दिरांग जाना चाहते हैं तो आप तवांग से बोमडिला तक बस से जा सकते हैं। बोमडिला से आप शेयर टैक्सी या ऑटो बुक करके दिरांग पहुँच सकते हैं।

क्या करें?

1- दिरांग दजोन

दिरांग दजोन इस जगह की सबसे खूबसूरत और पुरानी जगहों में से एक है। दिरांग दजोन दिरांग नदी किनारे बसा अरुणाचल प्रदेश का एक आदिवासी इलाका है। यहाँ के जनजातियों ने अपनी पुरानी परंपरा को आज भी बचाये रखा हुआ है। माना जाता है कि दिरांग दजोन लगभग 150 साल पुराना है लेकिन यहाँ के पत्थरों के बने कुछ घर 500 साल पुराने हैं। यहाँ से चारों तरफ का खूबसूरत नजारा दिखाई देता है। इस पुरानी जगह पर आपका मन रम जाएगा। यहाँ के घर आपको पसंद आएंगे। ये पुराने घर कुछ इस प्रकार के बने हैं कि जो उनको खराब मौसम से बचाते हैं। ये घर इतने मजबूत हैं कि सालों से चले आ रहे हैं। घरों की नींव पत्थर की बनी है, छत और दीवारें लकड़ी की बनी हैं। दिरांग आओ तो दिरांग दजोन जाना तो बनता है।

2- गर्म पानी का कुंड

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दिरांग घाटी की सबसे फेमस जगहों में से एक है, गर्म पानी का कुंड। टूरिस्ट इस जगह को देखे जरूर आते हैं। चारों तरफ से पहाड़ों से घिरा हाॅट वाटर स्प्रिंग पास की पहाड़ियों से बहते हुए दिरांग नदी में मिल जाता है। हाॅट वाटर स्प्रिंग तक पहुँचने के लिए आपको सीढ़ियाँ उतरनी पड़ेंगी। नदी के आसपास पहाड़, हरे-भरे खेत और घर दिखाई देते हैं। यहाँ के खूबसूरत नजारे और ठंडी हवा आपको तरोताजा कर देगी। ये जगह देखकर आपका मन खुश हो उठेगा। इन नजारों को देखकर लग रहा है कि किसी ने मखमली चादर बिछा दी हो। कोई बेवकूफ ही होगा जो इस खूबसूरत जगह पर नहीं आना चाहेगा।

3- कलाचक्र गोंपा

अरुणाचल प्रदेश में बौद्ध धर्म को मानने वाले बहुत लोग है। यहाँ आपको छोटी-सी छोटी जगह पर कोई न कोई मोनेस्ट्री जरूर मिल जाएगी। दिरांग में एक खूबसूरत और पुराना गोंपा है, कलाचक्र गोंपा। लगभग 500 साल पुरानी मोनेस्ट्री में शांति और सुकून मिलता है। पहाड़ों के बीचों-बीच स्थित कलाचक्र बेहद खूबसूरत लगती है। इस मोनेस्ट्री को देखने साल भर लोग आते रहते हैं। इसके अलावा 2017 में यहाँ एक नया मठ बनाया गया है। ये दोनों गोंपा बौद्ध धर्म के अलग-अलग संप्रदाय के हैं। नई मोनेस्ट्री में लगे रंगे-बिरंगे फूल इस जगह को और भी खूबसूरत बनाते हैं। आप दिरांग आएं तो इन दोनों मठों में जरूर जाएं।

4- सांगती वैली

सांगती वैली दिरांग की ही नहीं अरुणाचल प्रदेश की सबसे खूबसूरत जगहों में से एक है। यहाँ खूबसूरती का भरा पूरा संसार है। सांगती वैली से सांगती नदी बहती है जो इस जगह को और भी खूबसूरत बनाती है। सांगती के ज्यादातर लोग मोंपा जनजाति के हैं और ये लोग बौद्ध धर्म के हीनयान संप्रदाय को मानते हैं। यहाँ आपको सेब और आड़ू के खूबसूरत पेड़, टमाटर और मक्के की खेती भी देखने को मिलेगी। कुछ जगहें ऐसी होती हैं जिसे बहुत देर तक बस निहारने का मन करता है। सांगती वैली में आपका वैसा ही मन करेगा। सांगती में आप ठहर भी सकते हैं यहाँ पर कई होमस्टे भी हैं। दिरांग आएं तो सांगती वैली को देखना न भूलें।

5- याक नेशनल रिसर्च सेंटर

अरूणाचल प्रदेश के दिरांग आएं तो याक नेशनल रिसर्च सेंटर को जरूर देखें। ये बेहद अनोखा रिसर्च सेंटर है जो याक को बचाने और विकास के लिए बनाया गया है। याक पूर्वोत्तर की संस्कृति से जुड़ा हुआ है। कभी याक यहाँ के लोगों के जीवन का अहम हिस्सा था। इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चर रिसर्च ने इस रिसर्च सेंटर की स्थापना की है। दिरांग से लगभग 31 किमी. की दूरी पर है ये रिसर्च सेंटर। यहाँ याक से जुड़ी हर समस्या पर रिसर्च की जाती है। नेशनल रिसर्च सेंटर से परमिशन लेकर आप इसको देख सकते हैं।

6- पैदल घूमें

कहते है कि किसी जगह को जानना है तो उसे कदमों से नापिए। आपको दिरांग की खूबसूरती और लोगों को तभी जान पाएंगे, जब आप इस पर पैदल घूमेंगे। दिरांग छोटा-सा कस्बा है इसलिए यहाँ पैदल घूमने में आपको दिक्क्त भी नहीं आएगी। आप खुली हवा में साँस ले पाएंगे, खूबसूरत नजारों को देखते हुए चल पाएंगे। जहाँ मन किया रूकें, जब मन किया चल पड़ें। आप नदी किनारे भी जा सकते हैं। दिरांग जैसी जगहें पैदल नापने के लिए हैं। अरूणाचल जाएं तो दिरांग की सैर जरूर करें।

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