कुणाल पथरी मन्दिर: यहीं वो स्थान हैं जहांँ मां सती का कपाल गिरा था। जो 51 शक्तिपीठों में से एक है।

Tripoto
Photo of कुणाल पथरी मन्दिर: यहीं वो स्थान हैं जहांँ मां सती का कपाल गिरा था। जो 51 शक्तिपीठों में से एक है। by Sachin walia
Day 1

धौलाधार की पहाडिय़ों की मनोरम छठा में चाय बागानों के बीच स्थित मां कुनाल पत्थरी मंदिर कपालेश्वरी के नाम से भी विख्यात है। मां कपालेश्वरी देवी मंदिर अनूठा और विशेष भी है। यहांँ पर मां के कपाल के ऊपर एक बड़ा पत्थर भी कुनाल की तरह विराजमान है। इसलिए इस मंदिर को मां कुनाल पत्थरी के नाम से भी जाना जाता है।

माँ कुणाल पथरी

Photo of कुणाल पथरी मन्दिर: यहीं वो स्थान हैं जहांँ मां सती का कपाल गिरा था। जो 51 शक्तिपीठों में से एक है। by Sachin walia
Photo of कुणाल पथरी मन्दिर: यहीं वो स्थान हैं जहांँ मां सती का कपाल गिरा था। जो 51 शक्तिपीठों में से एक है। by Sachin walia

मंदिर का इतिहास

51 शक्तिपीठों में से यह शक्तिपीठ मां सती के अंगों में से एक है। मां सती का यहांँ पर कपाल गिरा था, और यह शक्तिपीठ मां कपालेश्वरी के नाम से विख्यात हुआ। मां सती ने पिता के द्वारा किए गए शिव के अपमान से कुपित होकर पिता राजा दक्ष के यज्ञ कुंड में कूदकर प्राण त्याग दिए थे, तब क्रोधित शिव उनकी देह को लेकर पूरी सृष्टि में घूमे। शिव का क्रोध शांत करने के लिए भगवान विष्णु ने चक्र से माता सती के शरीर के टुकड़े-टुकड़े कर दिए। शरीर के यह टुकड़े धरती पर जहांँ -जहांँ गिरे वह स्थान शक्तिपीठ कहलाए। मान्यता है कि यहांँ माता सती का कपाल गिरा था इसलिए यहांँ पर मां के कपाल की पूजा होती है।

Photo of कुणाल पथरी मन्दिर: यहीं वो स्थान हैं जहांँ मां सती का कपाल गिरा था। जो 51 शक्तिपीठों में से एक है। by Sachin walia
Photo of कुणाल पथरी मन्दिर: यहीं वो स्थान हैं जहांँ मां सती का कपाल गिरा था। जो 51 शक्तिपीठों में से एक है। by Sachin walia
Photo of कुणाल पथरी मन्दिर: यहीं वो स्थान हैं जहांँ मां सती का कपाल गिरा था। जो 51 शक्तिपीठों में से एक है। by Sachin walia

कुनाल का भी अलग महत्व

मां कुनाल पत्थरी मंदिर में मां के कपाल के उपर बना एक पत्थर हमेशा ही पानी से भरा रहता है। मान्यता यह भी है कि जब भी इस पत्थर में पानी सूखने लगता है तो यहांँ पर वर्षा होती है मां कभी भी पानी की कमी नहीं होने नहीं देती है। कपाल के ऊपर बने पत्थर में पानी को प्रसाद के रूप में बांटा जाता है तो कई बीमारियों को लेकर भी श्रद्धालु इस पानी को लेकर जाते हैं।

मन्दिर के पास ही चाय का बागान देखने लायक बनता है।

Photo of कुणाल पथरी मन्दिर: यहीं वो स्थान हैं जहांँ मां सती का कपाल गिरा था। जो 51 शक्तिपीठों में से एक है। by Sachin walia
Photo of कुणाल पथरी मन्दिर: यहीं वो स्थान हैं जहांँ मां सती का कपाल गिरा था। जो 51 शक्तिपीठों में से एक है। by Sachin walia
Photo of कुणाल पथरी मन्दिर: यहीं वो स्थान हैं जहांँ मां सती का कपाल गिरा था। जो 51 शक्तिपीठों में से एक है। by Sachin walia
Photo of कुणाल पथरी मन्दिर: यहीं वो स्थान हैं जहांँ मां सती का कपाल गिरा था। जो 51 शक्तिपीठों में से एक है। by Sachin walia

देखने लायक स्थान

कुनाल पत्थरी का विकास धार्मिक पर्यटन की दृष्टि से भी हो सकता है। यह मंदिर ऐसी जगह पर स्थित है जहांँ पर चारों ओर चाय के बागान हैं तो उत्तर की और सामने धौलाधार की सफेद पहाडिय़ां वहीं दक्षिण में कांगड़ा हवाई अड्डा मंदिर की मनोरम छठा को और भी बढ़ाता हैं।

कैसे पहुंचे मंदिर तक

सड़क मार्ग : कुनाल पत्थरी मंदिर जिला मुख्यालय धर्मशाला से तीन किलोमीटर की दूरी पर है।

रेल मार्ग : पठानकोट कांगडा का निकटतम ब्रॉड गेज रेल मुख्यालय है।

वायुमार्ग : कांगड़ा हवाई इस मंदिर से १० किलोमीटर की दूरी पर है।

कैसा लगा आपको यह आर्टिकल, हमें कमेंट बॉक्स में बताएँ।

अपनी यात्राओं के अनुभव को Tripoto मुसाफिरों के साथ बाँटने के लिए यहाँ क्लिक करें।

बांग्ला और गुजराती के सफ़रनामे पढ़ने के लिए Tripoto বাংলা और Tripoto ગુજરાતી फॉलो करें।

रोज़ाना Telegram पर यात्रा की प्रेरणा के लिए यहाँ क्लिक करें।