#कांगडा_चाय
#Tea_City_Palampur
नमस्कार दोस्तों,
हिमाचल प्रदेश की कांगड़ा घाटी का यह खूबसूरत शहर पालमपुर , पठानकोट- मंडी नैशनल हाईवे पर हैं। पालमपुर को हिमाचल प्रदेश की टी सिटी या टी कैपिटल भी कह सकते हैं। पालमपुर अपने चाय के बागानों और धौलाधार के खूबसूरत दृश्यों के लिए मशहूर हैं। पालम का मतलब होता हैं- पानी, जिस जगह पर बहुत पानी हो, चाय के बाग पालमपुर की खूबसूरती को चार चांद लगा देते हैं।
#कांगड़ा_चाय_की_कहानी
कांगड़ा घाटी में चाय अंग्रेजों के समय में डाकटर जैमसन
लाए थे जो north-west frontier province के बोटैनिकल गार्डन के 1849 में Superintendent थे,
कांगड़ा घाटी में चाय के बाग जयादातर पालमपुर के आसपास ही हैं, अंतरराष्ट्रीय लैवल पर कांगड़ा चाय को प्रसिद्धी 1883 में मिली, उस समय जयादातर चाय के बाग यूरोपियन लोगों के पास ही थे, लेकिन 1905 में आए कांगड़ा घाटी के भूकंप के बाद अंग्रेजो का पालमपुर से मोह भंग हो गया, इस भूकंप ने कांगड़ा घाटी में बहुत खलबली मचाई। चाय फैक्ट्री के बहुत सारे लोगों की मृत्यु हो गई, इसके बाद अंग्रेजो ने पालमपुर के चाय के बागानों को लोकल लोगों को बेच दिया, इस तरह तब से लेकर आज तक कांगड़ा चाय पूरी कांगड़ा घाटी की पहचान बन गई हैं।
दोसतों घर में तो चाय हम रोज दो तीन बार पीते ही हैं, कभी चाय के बागानों के बीच हाथ फैला कर खड़ कर फोटो खिचवा कर देखना, मन में इक खूबसूरत उमंग भर जाएगी। पालमपुर के पास हम भी एक चाय के बागान में रूके, वहां की लोकल कांगड़ा चाय का आनंद लिया, हाथ खोलकर चाय के बागान में फोटोज खिचवाई। यहां आपको बलैक टी, ग्रीन टी, यैलो टी और वाईट टी भी मिल जाएगी, जो बिल्कुल शुद्ध हैं, यह चाय रंग कम देती हैं, कयोंकि यह शुद्ध हैं, बाजार वाली चाय रंग जयादा देती हैं, उसमें कैमिकल मिला देते हैं, मैंने भी यहाँ से चाय के कुछ पैकेट खरीदे। चाय के बागान में बिताया समय यादगार बन गया, पालमपुर में एक कृषि विश्वविद्यालय भी हैं, जो बहुत खूबसूरत हैं हालांकि वहां मैं जा नहीं पाया, फिर हमनें पालमपुर में रहने के लिए कमरा ले लिया, कयोंकि रात को पालमपुर रहना था, कमरे में सामान रखकर हम पालमपुर के आसपास की जगह को घूमने निकल पड़े।
कैसे पहुंचे - पालमपुर हिमाचल प्रदेश में कांगड़ा जिले का मशहूर शहर है। यह बस मार्ग से हिमाचल प्रदेश और पंजाब के पठानकोट , होशियारपुर आदि शहरों से बहुत अच्छे तरीक़े से जुड़ा हुआ है। यहां रेल मार्ग से आप पठानकोट-जोगिंदर नगर की छोटी रेलगाड़ी से भी आ सकते है। वायु मार्ग से आप धर्मशाला के गगल ऐयरपोर्ट की फलाईट लेकर भी आ सकते हो।