मेहंदीपुर बालाजी मंदिर भारत के राजस्थान राज्य के दौसा जिले में स्थित एक हिंदू मंदिर है। जो हनुमान जी को समर्पित है। यह मंदिर भारत में इतना लोकप्रिय कि हर साल दूर-दूर से इस मंदिर में तीर्थ यात्रियों का आना जाना लगा रहता है। हनुमान जी को ही बालाजी के रूप में भी जाना जाता है और उनके मंदिर के सामने सियाराम को समर्पित एक मंदिर भी स्थित है जिसमें सियाराम की एक सुंदर मूर्ति है। मेहंदीपुर बालाजी मंदिर के बारे में ऐसा माना जाता है कि भगवान अपने भक्तों को बुरी आत्माओं और परेशानी से मुक्ति दिलाते हैं। अगर आप कम समय में राजस्थान का अनुभव लेना चाहते हैं आज हम आपको मंदिर के आसपास ऐसी जगहों के बारे में बतायेंगे जहाँ आपको जरूर जाना चाहिए।
1. चाँद बावड़ी
दौसा के ऐतिहासिक स्थलों को देखने की शुरूआत आप यहां की प्राचीन चांद बावड़ी से कर सकते हैं। इस बावड़ी का निर्माण 1900 साल पहले चौहन वंश के राजाओं ने करवाया था, जो पूरे एशिया महाद्वीप की सबसे पुरानी स्टेप वेल मानी जाती है। यह एक विशाल बावड़ी है जिसकी वास्तुकला देखने लायक है। इतिहास के प्रेमियों के लिए यह स्थान किसी खजाने से कम नहीं। भारतीय इतिहास के कई अहम पहलुओं को जानने के लिए आप यहां की यात्रा कर सकते हैं। राजस्थान की यात्रा करने वाले पर्यटकों को इन प्राचीन संरचनाओं को जरूर देखना चाहिए।
मंदिर से दूरी: 24 km
2. हर्षत माता मंदिर
चांद बावड़ी में ही स्थित एक और ऐतिहासिक स्थल है जो सैलानियों को काफी ज्यादा प्रभावित करता है। माता हर्सत को समर्पित हर्सत माता मंदिर यहां के पवित्र धार्मिक स्थानों में गिना जाता है। चांद बावड़ी के विपरित यह मंदिर समय के साथ साथ काफी बुरे वक्त से गुजरा है, मुस्लिम शासकों द्वारा इस मंदिर को बर्बाद करने का पूरा प्रसास किया गया था, वर्तमान में इस मंदिर की संरचना एक खंडहर रूप में पड़ी है। लेकिन मंदिर की भव्यता आज भी देखी जा सकती है। एक बड़े आंगन के साथ खूबसूरत मूर्तियां और स्तंभों की नक्काशी यहां आने वालों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करती है।
मंदिर से दूरी: 24 km
3. भांडारेज की बावड़ी
भंडारेज को महाभारत काल के दौरान भद्रमती के नाम से जाना जाता था। बता दें कि यहां पर खुदाई के दौरान मिली दीवारें, मूर्तियां, सजावटी जाली का काम जालियाँ, टेराकोटा के बर्तन इत्यादि से इस जगह की प्राचीनता का पता चलता है। भंडारेज बाउरी और भद्रावती पैलेस यहां के लोकप्रिय स्थल है। एक क्षेत्र इतिहास प्रेमियों के स्वर्ग के समान है। यहां का इतिहास आपको 11 वीं शताब्दी में ले जायेगा। अगर आप मेंहदीपुर की यात्रा करने जा रहें हैं तो भंडारेज को अपनी सूचि में जरुर शामिल करें।
मंदिर से दूरी: 44 km
4. झाझी रामपुरा
झझिरमपुरा दौसा का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है जो प्राकृतिक जल सरोवर के साथ-साथ रुद्र (शिव), बालाजी (हनुमान जी) और अन्य देवी-देवताओं के मंदिरों के लिए भी काफी लोकप्रिय है। पहाड़ियों और जल संसाधनों से घिरे इस स्थान पर आने के बाद कोई भी पर्यटक बेहद हल्का महसूस करता है।
मंदिर से दूरी: 54 km
5. भानगढ का किला
भानगढ़ एशिया के सबसे Haunted Place में से एक नंबर पर है। यहाँ के बारे में ये बात बहुत मशहूर है की यहाँ पर रात में बुरी आत्माऐ भटकती रहती है। यहाँ पर शाम 5 बजे के बाद प्रवेश वर्जित है और इसमें पर्यटन विभाग का ऑफिस भी बाहर बना हुआ है यहाँ बॉलीवुड मूवीज की शूटिंग भी होती है। बॉलीवुड सुपरहिट्स फिल्म 'कारण अर्जुन' के बहुत सारे सीन यहाँ पर ही शूट किये गए है। यहां की भूतिया कहानियों के कारण काफी टूरिस्ट इसे अपनी ट्रैवलिंग लिस्ट में जरूर रखते हैं। अगर आप भी इन यात्रियों में एक हैं तो जल्दी से इस किले में घूमने का प्लान जरूर बनाएं।
मंदिर से दूरी: 80 km
6. माधोगढ़ किला
इस किले का निर्माण जयपुर के राजा- माधव सिंह द्वारा करवाया गया था। यह किला सुंदर फूलों के खेतों की पृष्ठभूमि में एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है। जो इसे एक बहुत ही सुंदर और आकर्षक किला बनाते हैं। आपको बता दें कि इस प्राचीन किले को अब एक शाही होटल में बदल दिया गया है। यह होटल यहां आने वाले पर्यटकों को एक सुंदर आवास प्रदान करता है। यह किला अपने अपने भव्य केंद्रीय प्रांगण के साथ एक प्रमुख आकर्षण है। इसके अलावा इस किले की छतें भी बहुत ही आकर्षक नज़र आती हैं और सभी का ध्यान अपनी तरफ खींचती हैं। माधोगढ़ किला का एक ऐसा स्थल है जहां की यात्रा आप अपने दोस्तों और अपने परिवार के लोगों के साथ कर सकते हैं और यहां शाम को एक शानदार चाय का मजा ले सकते हैं।
मंदिर से दूरी: 83 km
7. लोटवारा
इस गांव का प्रमुख आकर्षण लोटवारा गढ़ (किला) है। जिसे 17 वीं शताब्दी में ठाकुर गंगा सिंह ने बनवाया था। इस प्राचीन किले को अब एक शाही होटल में बदल दिया गया है। यह होटल यहां आने वाले पर्यटकों को एक सुंदर आवास प्रदान करता है। यह किला अपने अपने भव्य केंद्रीय प्रांगण के साथ एक प्रमुख आकर्षण है।आभानेरी(चाँद बावड़ी) से सिर्फ 11 किलोमीटर की दूरी पर स्थित इस गांव की यात्रा पर्यटक गाँव तक सड़क मार्ग द्वारा कर सकते हैं। अगर आप किसी ऐतिहासक जगह को एक्स्प्लोर करना चाहते हैं तो लोटवारा की यात्रा अवश्य करें। साथ ही साथ गांव में मोर की बड़ी आबादी भी देखने को मिलती है।
8. बांदीकुई चर्च
बांदीकुई में सुंदर सेंट फ्रांसिस रोमन कैथोलिक चर्च है, जो राजा शिशिर शमशेर बहादुर द्वारा बनाया गया है, जो रेलवे स्टेशन के पास स्थित है। यह खूबसूरत चर्च वास्तुकला का बेहतरीन नमूना है।
मंदिर से दूरी: 38 km
9. गेटोलाव
गेटोलाव फैमिली और दोस्तों के साथ समय बिताने के लिए सबसे अच्छी जगहों में से एक है। इस तालाब में आपको विभिन्न प्रकार के प्रवासी पक्षियों की प्रजातियां देखने को मिलेंगी। आप सुबह जल्दी उठकर एक सुंदर सूर्योदय देख सकते हैं और शाम के समय सूर्यास्त का अद्भुत दृश्य भी देख सकते हैं।
मंदिर से दूरी: 57 km
10. सरिस्का टाइगर रिजर्व
'सरिस्का' बाघ अभयारण्य भारत में सब से प्रसिद्ध राष्ट्रीय उद्यानों में से एक है। यह राजस्थान के राज्य अलवर जिले में स्थित है। इस क्षेत्र का शिकार पूर्व अलवर राज्य की शोभा थी और यह 1955 में इसे वन्यजीव आरक्षित भूमि घोषित किया गया था। 1978 में बाघ परियोजना योजना रिजर्व का दर्जा दिया गया। पार्क वर्तमान क्षेत्र 866 वर्ग किमी में फैला है। सरिस्का बाघ अभयारण्य में बाघ, चित्ता, तेंदुआ, जंगली बिल्ली, कैरकल, धारीदार बिज्जू, सियार स्वर्ण, चीतल, साभर, नीलगाय, चिंकारा, चार सींग शामिल 'मृग' chousingha, जंगली सुअर, खरगोश, लंगूर और पक्षी प्रजातियों और सरीसृप के बहुत सारे वन्य जीव मिलते है।
मंदिर से दूरी: 74 km
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