दिल्ली कहें या भारत का दिल, बड़ा शानदार शहर है। दिल्ली रोज़ लाखों लोग आते है जिनमें से कुछ लोग यहाँआकर बस जाते हैं। वैसे तो घुमक्कड़ों के लिए दिल्ली एक जानदार शहर है। यहाँ वो सब कुछ है जो घुमक्कड़ चाहता है। दिल्ली के पास नोएडा, फरीदाबाद, गुरूग्राम और गाजियाबाद में ढेर सारे ऑफिस हैं। यहाँ लाखों लोग काम करते हैं। हफ्ते में मिलने वाले वीकऑफ में ज्यादातर लोग सोचते ही रह जाते हैं कि कहाँ घूमने जाएँ लेकिन घुमक्कड़ अपनी जगह तलाश लेते हैं। आप भी दिल्ली में रहते हैं और दो दिनों का वीकऑफ है तो निकले नई जिदंगी की तलाश में। मैं आपको बताता हूँ कि दिल्ली के आसपास कहाँ आप दो दिन घुमक्कड़ी करने जा सकते हैं।
भरतपुर
राजस्थान का ये शहर 'ईस्टर्न गेटवे ऑफ राजस्थान' कहलाता है। भरतपुर, दिल्ली से मात्र 200 कि.मी. है। भरतपुर में आप केवलादेव नेशनल पार्क, लोहागढ़ फोर्ट, लक्ष्मण मंदिर, गंगा महारानी मंदिर, भरतपुर म्यूज़ियम और किशोरी महल घूम सकते हैं। केवलादेव नेशनल पार्क, विश्व धरोहर स्थल है और ये हर साल ठंड में विदेशी पक्षियों का स्वागत करता है। इनमें फ्लेमिंगो, सारस क्रेन जैसे कई पक्षी लंबी दूरी माप कर आते हैं। आप यहाँ दो दिन बड़े आराम से चिल करते हुए घूम सकते हैं।
ग्वालियर
एमपी का चौथा सबसे बड़ा शहर है ग्वालियर। ग्वालियर को सेंट्रल इंडिया का रत्न भी कहा जाता है। ग्वालियर में आप ग्वालियर का किला, जय विलास पैलेस, मोहम्मद गौस का मकबरा, इटैलियन गार्डन, महाराजबाड़ा, चिड़ियाघर, सूर्य मंदिर जैसी जगहों पर घूमने जा सकते हैं। ग्वालियर किले को भारत का जिब्राल्टर कहते हैं। इस किले में उत्तर भारत का पहला द्रविड़ स्टाइल में बना तेली का मंदिर है।
मथुरा-वृंदावन
आप धर्म में आस्था रखते हैं तो दिल्ली के नज़दीक मथुरा-वृंदावन से बढ़िया जगह नहीं है। भक्ति माहौल वाली इस जगह के क्या कहने। मथुरा में मंदिरों के अलावा मथुरा म्यूजियम मूर्तियों के संग्रह के मामले में बेहद शानदार है। यहाँ आप यमुना नदी में सैर करने भी जा सकते हैं। मथुरा, दिल्ली से मात्र 150 कि.मी. दूर स्थित है।
ओरछा
एमपी के निवाड़ी जिले में स्थित ओरछा बेहद खूबसूरत जगह है। यहाँ आप राजा राम मंदिर, जहांगीर महल, रामकथा म्यूज़ियम घूम सकते हैं। ओरछा बेतवा नदी के किनारे स्थित है। यहाँ पर आप रिवर राफ्टिंग का लुत्फ़ उठा सकते हैं। ओरछा दुनिया की एकमात्र जगह है जहाँ भगवान राम की पूजा राजा के रूप में होती है। ओरछा, दिल्ली से 500 कि.मी. दूर स्थित है।
फतेहपुरी सीकरी
दिल्ली के नज़दीक मुगलों की बनी इमारतों को देखना यादगार है। फतेहपुर सीकरी में भारत का सबसे ऊँचा दरवाज़ा- बुलंद दरवाज़ा है। इस दरवाज़े को अक़बर ने गुजरात विजय के बाद बनवाया था। बुलंद दरवाजे के अलावा यहाँ हिरन मीनार, फतेहपुर सीकरी किला, शेख सलीम चिश्ती की मज़ार भी है। फतेहपुर सीकरी कई वर्षों तक मुगलों की राजधानी रही। दिल्ली से फतेहपुर सीकरी मात्र 200 कि.मी. दूर स्थित है।
आगरा
बेहद जानी-पहचानी जगह लेकिन सारे रहस्य अपने अंदर समेटे हुए है। इस शहर में विदेशी दुनिया के सात अजूबों में से एक ताज महल देखने आते हैं। आगरा में आप ताज महल के अलावा लाल किला, एतमाद्दौला का मकबरा, आराम बाग, चीनी का रौजा, ग्यारह सीढ़ी जैसी जगह घूमने जा सकते हैं। एतमाद्दौला का मकबरा भारत की पहली पूरी तरह संगमरमर से बनी इमारत है। सिकंदरा नाम की जगह पर अकबर और जोधाबाई का मकबरा है। आगरा, दिल्ली से मात्र 200 कि.मी. दूर स्थित है।
हरिद्वार
उत्तराखंड की धार्मिक राजधानी हरिद्वार है। यहाँ हर की पैड़ी, माया देवी मंदिर, बिल्वेश्वर महादेव मंदिर, चंडी देवी मंदिर, मनसा देवी मंदिर, भारत माता मंदिर, सप्तर्षि घाट और मंदिर, शांतिकुंज,कनखल, दक्ष प्रजापति मंदिर हैं। इतने मंदिर और घाट है कि आपको सौ दिन भी कम पड़ेंगे लेकिन दिल्ली से मात्र 200 कि.मी. दूर स्थित होने के कारण आप यहाँ पूरे श्रद्धा भाव से घूमने जा सकते हैं।
ऋषिकेश
दिल्ली से मात्र 218 कि.मी. दूर स्थित ऋषिकेश को दुनिया की योगा कैपिटल भी कहा जाता है। यहाँ देश-विदेश से लोग योग सीखने यहाँ आते हैं। यहाँ पर आकर प्रकृति केे नज़ारों का लुत्फ़ उठा सकते हैं। ऋषिकेश में नवग्रह मंदिर, नीलकंठ मंदिर, बीटल्स आश्रम, परमार्थ निकेतन जा सकते हैं। एडवेंचर के शौकीन लोगों के लिए यह जगह बेहद शानदार है। यहाँ रिवर राफ्टिंग के अलावा बंजी जंपिंग भी कर सकते हैं।
दतिया
एमपी का छोटा-सा शहर दतिया 423 कि.मी. दूर स्थित है। इसे लघु वृंदावन के नाम से भी जाना जाता है। यहाँ आप वीर सिंह बुंदेला पैलेस, राजगढ़ पैलेस, पीतांबरा शक्तिपीठ, रतनगढ़ वाली माता, उन्नाव बालाजी, सोनागिरि घूमने जा सकते हैं। सोना गिरि जैनों का एक पवित्र तीर्थ स्थल है।
कुरूक्षेत्र
हरियाणा की धार्मिक राजधानी कुरूक्षेत्र बेहद ही अलग शहर है। यह धार्मिक और इतिहास का बेजोड़ मेल वाला शहर है। यहाँ आप ब्रह्म सरोवर, सन्निहित सरोवर, नाभा हाउस, ज्योतिसर, श्रीकृष्ण म्यूजियम, पैनोरमा साइंस म्यूजियम, कल्पना चावला प्लेनेटोरियम, शेख चिल्ली का मकबरा, हर्ष का टीला, भद्रकाली का मंदिर है। कुरूक्षेत्र, दिल्ली से मात्र 184 कि.मी. दूर स्थित है।
पोंटा साहिब
सिखों की सबसे पवित्र जगहों में से एक पोंटा साहिब गुरुद्वारा है। पोंटा साहिब हिमाचल प्रदेश में यमुना नदी के किनारे स्थित है। हिमालय की गोद में स्थित यह जगह आस्था और प्रकृति का मेल है। इस जगह पर सिखों के दसवें गुरु गोविंद सिंह ने चार महीने बिताए थे। इसी याद में यहाँ पर पोंटा साहिब गुरुद्वारा की स्थापना की गई। यह दिल्ली से 250 कि.मी. दूर स्थित है।
जयपुर
पिंक सिटी के नाम से मशहूर जयपुर घूमने के लिहाज से कहा जाए तो दो दिन कम पड़ जाएँगे। दिल्ली से मात्र 300 कि.मी. दूर है। यहाँ आप आमेर का किला, नाहरगढ़ किला, जयगढ़ किला, जल महल, हवा महल, सिटी पैलेस, जंतर-मंतर, अल्बर्ट हॉल म्यूजियम, चिड़ियाघर, मोती डूंगरी मंदिर, जवाहर सर्किल,गलता जी आदि जगह घूमने जा सकते हैं। आप शॉपिंग के शौकीन हैं तो जयपुर का पिंकी सिटी वाला बाज़ार आपका इंतजार कर रहा है।
अलवर
इसे राजपुत्रों का शहर कहा जाता है। अलवर में आप यहाँ का किला, म्यूज़ियम, भानगढ़, सरिस्का टाइगर रिजर्व जा सकते हैं। भानगढ़ को भारत की सबसे डरावनी जगह का खिताब प्राप्त है। अलवर, दिल्ली से मात्र 180 कि.मी. है। अलवर जाइए भूतों और बाघों से मुलाकात करके आइए।
आभानेरी
आभानेरी मतलब प्रकाश का शहर। आभानेरी अपनी चांद बावड़ी के लिए प्रसिद्ध है। चाँद बावड़ी सबसे गहरी, सबसे पुरानी बावड़ी है। इसके पास ही हर्षद माता मंदिर है जो 8वीं सदी का है। आभानेरी, राजस्थान के दौसा जिले में स्थित है जो दिल्ली से 210 कि.मी. दूर स्थित है।
सहारनपुर
दिल्ली से 180 किमी दूर सहारनपुर वैसे तो छोटा सा शहर है लेकिन यहाँ का कंपनी गार्डन भारत का दूसरा सबसे बड़ा बॉटनिकल गार्डन है। इसके अलावा यहाँ 51 शक्तिपीठों में से एक शक्तिपीठ शाकंभरी देवी का मंदिर है।
पीलीभीत
यदि आप नेचर के करीब हैं और आपको जानवर प्यारे लगते हैं तो दिल्ली से 300 कि.मी. दूर स्थित है पीलीभीत है। यहाँ पीलीभीत टाइगर रिजर्व है। हिमालय की तलहटी में बसा पीलीभीत घने जंगलों से ढंका हुआ है।
#VinayKushwaha
Https://vinaysakt.wordpress.com
आप भी अपने सफर की कहानियाँ Tripoto पर लिखें और हम उन्हें Tripoto हिंदी के फेसबुक पेज पर आपके नाम के साथ प्रकाशित करेंगे। सफरनामा लिखने के लिए यहाँ क्लिक करें।
बांग्ला और गुजराती में सफ़रनामे पढ़ने और साझा करने के लिए Tripoto বাংলা और Tripoto ગુજરાતી फॉलो करें
Tripoto हिंदी के इंस्टाग्राम से जुड़ें और फ़ीचर होने का मौक़ा पाएँ।