हिमाचल प्रदेश के खूबसूरत टूरिस्ट स्पॉट में से एक है, पांगी घाटी। प्रकृति के असीम सुंदरता का सबसे अच्छा वर्णन पांगी घाटी में देखने को मिलता है। यह हिल स्टेशन हरे- भरे पेड़ पौघे, कई मनोरम दृश्यों और सुंदर पहाड़ों से सुशोभित है। प्रकृति प्रेमी के लिए यह स्थान प्रकृति के करीब अपना समय बिताने के लिए अभूतपूर्व टूरिस्ट स्पॉट के रूप में जाना जाता है। यहां का खूबसूरत और शांत वातावरण पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है।
चंबा जिले में स्थित पांगी घाटी एक जनजातीय क्षेत्र है, जहां आप कई तरह के संस्कृतियों को जानने का मौका मिलता है। यह घाटी बर्फ से ढके पहाड़ और ऊबड़-खाबड़ रास्तों से घिरी हुई है, जो लोग ट्रेकिंग पसंद करते हैं वो लोग यहां एक अच्छे ट्रेक और रोमांच का आनंद ले सकते हैं।
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पांगी घाटी की यात्रा क्यों की जाएं
यह घाटी सुरम्य दृश्यों, बर्फ से ढके पहाड़ और प्राकृतिक सौंदर्य के बीच ट्रेकिंग और रोमांच का पूरा लुत्फ़ उठा सकते है। यहां पर लोगों के लिए सक्रिय थिएटर मौजूद है, जिसमें साहित्य और यहां कि संस्कृति को दिखाया जाता है। इसके साथ यहां प्रकाशित होने वाले मासिक पत्रिका टुबरी है जो पंगवाली लिपी में प्रकाशित होती है, और साथ ही स्थानीय भाषा में कुछ पुस्तकें भी प्रकाशित की जाती है उनमें प्रमुख ब्यू पायर और फादर की लव की लव स्टोरीज़ प्रमुख है। इन सब के जरिये आप इस क्षेत्र की महान संस्कृति से रूबरू हो सकते है। इसके अलावा आप यहां पर ट्रेकिंग और कैंपिंग जैसे गतिविधियों का आनंद ले सकते है।
पांगी घाटी के मुख्य पर्यटन स्थल
कमरू का किला- डांगी घाटी के तट पर स्थित यह किला बेहतरीन वास्तुकला के लिए जाना जाता है। इसके आसपास खूबसूरत और शांत वातावरण पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है।
शौर- यह एक पुल है जो बर्फीली ठंडी नदी पर तैरता है। इस पुल पर चढ़कर इस बर्फीली ठंडी नदी का आनंद ले सकते है। इसके अलावा फोटो प्रेमी के लिए यह एक बेहतरीन स्थान के रूप में जाना जाता है।
मंढल बसन दैवी मंदिर- यह एक सुंदर मंदिर है जो मिंधल देवी को समर्पित है। यदि आप कभी पांगी घाटी की यात्रा करते है, यह स्थान आपकी यात्रा सूची में निश्चित रूप से होनी चाहिए।
किलाड़- यह चिनाव नदी के पास एक संकीर्ण रास्ते में स्थित रमणीय स्थान है, जो अपने अद्भुत प्राकृतिक सौंदर्य और मनोरम दृश्यों के लिए जाना जाता है।
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पांगी घाटी मे करने के लिए चीजें -
नौका विहार- यहां के आसपास मौजूद रमणीय स्थानों का आनंद लेने के लिए नौका विहार किया जा सकता है। इसके द्वारा आप पांगी के आसपास की प्रकृतिक सुंदरता का नज़ारा ले सकते हैं।
जकरू महोत्सव- इस अवसर पर घाटी की पूरी आबादी इसमें भाग लेती है। यह उत्सव फरवरी के अंतिम दिन में आयोजित किया जाता है। इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम जैसे नृत्य और संगीत के अलावा कई अनुष्ठानों द्वारा देवताओं की पूजा की जाती है।
फूल महोत्सव- यह उत्सव फुलिच के रूप में भी जाना जाता है, यह महोत्सव चार दिनों के लिए अक्टूबर या नवंबर के महीनों में आयोजित किया जाता है। इस अवसर पर देवी कूप और देहंत नाग की पूजा की जाती है। इस उत्सव के दौरान कई सांस्कृतिक कार्यक्रम जैसे नृत्य और संगीत का आयोजन किया जाता है।
पंछी देखना- घाटी के किनारे आप विभिन्न प्रकार के प्रवासी पक्षियों के देख सकते है। प्रकृति के ऐसे अभूतपूर्व अनुभव को नोटिस करना आकर्षक होगा।
पांगी घाटी घूमने का सही समय
पांगी घाटी की यात्रा का सबसे अच्छा समय मार्च-जून के महीनों में होता है। लेकिन यदि आप बर्फबारी का आनंद लेने के उत्सुक है, तो मध्य सर्दियों में इस स्थान की यात्रा करें।
कैसे पहुंचे?
हवाई मार्ग- निकटतम हवाई अड्डा कांगड़ा जिले में गग्गल हवाई अड्डा है। इसके अलावा एक हेलीपोर्ट है, जिसका नाम NHPC कॉलोनी है। एयरपोर्ट से गंतव्य की दूरी लगभग 138 किमी है, जिसे आपको सार्वजनिक परिवहन के कुछ साधनों द्वारा कवर करना होगा।
दिल्ली - इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से स्पाइस जेट लेकर कांगड़ा एयरपोर्ट में उतर सकते है। हवाई किराये की कीमत 4,400 रूपये से शुरू होती है।
कोलकाता - नेताजी सुभाष चंद्र बोस हवाई अड्डा से एयर एशिया, गो एयर और विस्तारा की सुविधा उपलब्ध है। हवाई किराये की कीमत 2,800 रूपये से शुरू होती है।
मुंबई - छत्रपति शिवाजी टर्मिनल से एयर एशिया, गो एयर और विस्तारा की सुविधा उपलब्ध है। हवाई किराये की कीमत 3,000 रूपये से शुरू होती है।
रेल मार्ग- निकटतम रेलवे स्टेशन कांगड़ा मंदिर स्टेशन है, लेकिन आपके अच्छा विकल्प पठानकोट स्टेशन होगा क्योंकि कांगड़ा मंदिर स्टेशन में ट्रेनों की आवाजाही कम है इसलिए बेहतर होगा कि आप पठानकोट के लिए ट्रेन लें, यहां से पांगी घाटी जो लगभग 117 किमी की दूरी पर स्थित है। यह स्टेशन देश के अन्य राज्यों से अच्छी तरह से जुड़ी हुई है। स्टेशन उतरने के बाद आप कैब या बस लेकर शेष बची दूरी को कवर कर सकते है।
दिल्ली- पुरानी दिल्ली स्टेशन से DLI-PTK एक्सप्रेस (22429) लेकर आप पठानकोट पर उतर सकते है।
कोलकाता- हावड़ा जंक्शन से हिमगिरी एक्सप्रेस (12331) लेकर आप पठानकोट कैंट पर उतर सकते है।
मुंबई- बांद्रा टर्मिनल से विवेक एक्सप्रेस (19027), स्वराज्य एक्सप्रेस (12471) की सुविधा है।
सड़क मार्ग- यदि आप हिमाचल प्रदेश के आसपास रहते हैं, तो सड़क मार्ग द्वारा यात्रा करना आपके के लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। यहां सड़क मार्गों पर कुछ संक्षिप्त जानकारी दी गई है। यहां जाने के लिए या तो अपने वाहन ले सकते है या फिर कैब किराए पर ले सकते हैं।
दिल्ली- NH-44 के माध्यम से 590 किमी
चंडीगढ़- बेहला- बेहरामपुर रोड के माध्यम से 343 किमी
पठानकोट- NH-154A के माध्यम से 116 किमी
शिमला- NH-154A के माध्यम से 355 किमी
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