3000 रुपए, 3 दिन! तंग जेब के साथ लें इन भारतीय शहरों में घूमने का मजा

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यात्राओं की सबसे सुंदर बात ये है कि ये हमें सामान होने पर भी असाधारण बनाती हैं। जब हम दुनिया के किसी छोर पर होते हैं तो हम अपनी जिंदगी की सारी परेशानियों को भूलकर उस नई जगह को टटोलने में लग जाते हैं। यात्राएं बिल्कुल वैसी ही होती हैं जैसे कि बड़े से तालाब से एक छोटे से पत्थर का गोता लगाते हैं। घुमक्कड़ी के बारे में सबसे आम बात मानी जाती है कि ये बहुत खर्चीली होती है। लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है। आज के समय में आप बिना अपनी जेब मे छेद करे भी घुमक्कड़ी का स्वाद चख सकते हैं। आपको जरूरत है तो बस बढ़िया प्लानिंग और कुछ ऐसी जगहों के बारे में जानकारी लेने की जहाँ आप कम पैसों में भी कुछ शानदार अनुभव बटोर सकते हैं। आपकी मदद के लिए हमने उन शहरों की एक सूची तैयार की है जो आपकी कम बजट वाली यात्राओं के लिए एकदम परफेक्ट हैं।

1. पांडिचेरी

भारत की फ्रेंच कॉलोनी नाम से मशहूर पांडिचेरी कम बाजार में घूमने के लिए एकदम सही जगह है। पांडिचेरी के शांत समुद्री किनारे, छोर से टकराती लहरें, शानदार कैफे, कोलोनियल आर्किटेक्चर को दर्शाती इमारतें और बढ़िया सड़कें, आपकी वेकेशन में चार चाँद लगा देंगी। अगर आपके लिए एक बढ़िया वेकेशन का मतलब शांति और सुकून है, तो पांडिचेरी आपकी लिस्ट में जरूर शामिल होना चाहिए। यहाँ के माहौल से लेकर लोगों तक वो हर चीज है जिसको देखकर आप खुश हो जाएंगे। इसके अलावा पांडिचेरी में आप औरोविले और अरबिंदो आश्रम भी देख सकते हैं।

सही समय: अक्टूबर से मार्च

प्रति दिन खर्च: 1,000 रुपए

2. पुष्कर

एक समय तक धार्मिक स्थल के तौर पर मशहूर, पुष्कर को अब भारत के सबसे लोकप्रिय हिप्पी टाउन के नाम से भी जाना जाता है। ये पूरा शहर एक तालाब के किनारे बसा हुआ है जिसका नाम पुष्कर तालाब है। पुष्कर में कुल मिलाकर लगभग 52 घाट हैं जहाँ लोग आस्था की डुबकी लगाते हैं। हालांकि ये शहर मंदिरों का भंडार है। लेकिन पुष्कर की पहचान यहाँ बने ब्रह्मा मंदिर से की जाती है। जिसको भारत का एकमात्र ब्रह्मा मंदिर होने का गौरव मिला हुए है। हर साल नवंबर में ये शहर एक बहुत फेमस मेले की मेजबानी करता है जिसको देखने के लिए दुनियाभर से लोग आते हैं। पुष्कर मेला या केमल फेयर फोटोग्राफी का शौक रखने वालों को भी खूब पसंद आता है। पुष्कर की तंग गलियों में आपको कई ऐसे कैफे और छोटे रेस्त्रां मिल जाएंगे जहाँ आप बैठकर चिल कर सकते हैं। अगर आप उन लोगों में से हैं जिन्हें स्लो ट्रेवल पसंद है तो पुष्कर आपके लिए बिल्कुल सही जगह रहेगी।

सही समय: अक्टूबर से मार्च

प्रति दिन खर्च: 1,000 से 1,200 रुपए

3. कोडईकनाल

भारत के सबसे लोकप्रिय हिल स्टेशनों में से एक, कोडईकनाल को हिल स्टेशनों की राजकुमारी कहा जा सकता है। दक्षिण भारत की शान बन चुके इस हिल स्टेशन को हल के कुछ सालों में लोगों का खूब प्यार मिला है। ये हिल स्टेशन तमिलनाडु में स्थित है। कोडईकनाल में आपका स्वागत सुंदर झीलों, खूबसूरत ट्रेकिंग रूट, सीढ़ीनुमा पहाड़ और सुखद मौसम से होगा जो आपको दीवाना बना देगा। ऊटी की तुलना में कोडईकनाल में लोगों की ज्यादा भीड़ नहीं रहती है जिसकी वजह से आप शांति से अपनी वेकेशन एन्जॉय कर सकते हैं। कोडईकनाल झील में बोटिंग करना, उसके आसपास साइकिल चलाना और रात के समय पास के किसी भी पहाड़ तक ट्रेक करके मिल्की वे के आकर्षक नजारे देखना। ये वो चीजें हैं जिनको करने से आपकी कोडईकनाल की यात्रा यादगार हो जाएगी।

सही समय: अक्टूबर से जुलाई

प्रति दिन खर्च: 1,500 रुपए

4. दार्जिलिंग

ये एक ऐसी जगह है जिसका जिक्र ही आपको हसीन दुनिया में ले जाने के लिए काफी होता है। दार्जिलिंग के चाय बागानों के देखने के लिए दुनिया के हर हिस्से से लोग आते हैं। यहाँ तक कि दार्जिलिंग की चाय को दुनिया की सबसे स्वादिष्ट चाय में भी गिना जाता है। सबसे कम खर्च में घूमने लायक जगहों में से दार्जिलिंग में आपको प्रकृति के करीब रहने का पूरा मौका मिलेगा। यहाँ की हरियाली देखकर आपका मन खुश हो जाएगा। सड़कों पर घूमने से लेकर टाइगर हिल से सनराइज देखने तक, दार्जिलिंग की हर एक चीज अपने आप में एक अलग एहसास लिए होती है। हालांकि एक चीज है जो दार्जिलिंग को सबसे खास बनाती है। वो है यहाँ चलने वाली टॉय ट्रेन। आप न्यू जलपाईगुड़ी से लेकर घूम रेलवे स्टेशन तक इस टॉय ट्रेन की सवारी कर सकते हैं।

सही समय: अप्रैल से जून, अक्टूबर से जनवरी

प्रति दिन खर्च: 1,000 रुपए

5. गोकर्ण

अगर आपकी परफेक्ट वेकेशन में बीच पर चिल करना शामिल होता है, तो गोकर्ण आपके लिए एकदम सही जगह है। कर्नाटक का ये छोटा टाउन आपको गोवा की भीड़ से बचाने को काम करता है। अरब महासागर के तट पर स्थित ये जगह किसी नगीने से कम नहीं है। बीच पर रिलैक्स करने के साथ-साथ आप गोकर्ण में कई वॉटर स्पोर्ट्स का भी मजा उठा सकते हैं। गोकर्ण में आप बोटिंग के साथ-साथ स्नॉर्केलिंग और स्कूबा डाइविंग जैसी चीजें भी कर सकते हैं। इसके अलावा गोकर्ण बहुत सारे सुंदर मंदिरों का घर भी है। बीच पर रिलैक्स करने वालों के अलावा गोकर्ण आस्था और श्रद्धा का भी बेहद महत्वपूर्ण केंद्र है। भारत के सबसे पुराने शिव मंदिरों में गिना जाने वाला श्री महाबलेश्वर स्वामी मंदिर गोकर्ण में ही है। चौथी शताब्दी में चलने वाले द्रविड़ियन आर्किटेक्चर से बना ये मंदिर घुमक्कड़ों के बीच भी काफी प्रचलित है।

सही समय: अक्टूबर से मार्च

प्रति दिन खर्च: 800 से 1,300 रुपए

6. उदयपुर

हरे-भरे अरावली पहाड़ों के बीच बसा ये प्यारा सा शहर अपनी खूबसूरत झीलों और परिकथा महलों के लिए जाना जाता है। उदयपुर के बीच में स्थित पिचोला झील इस शहर की शान को दोगुना कर देती है। 4 किमी. लंबी इस झील को 14वीं शताब्दी में बनाया गया था जिससे उदयपुर के सूखे इलाकों को पानी की कमी से बचाया जा सके। हालांकि अब ये झील जरूरत से ज्यादा घुमक्कड़ों के लिए फोटो खींचने और खींचवाने का स्थान बन चुकी है। अगर आपको इतिहास और आर्किटेक्चर से प्यार है तब आपकी उदयपुर ट्रिप बिना यहाँ के महलों को देखे अधूरी रह जाएगी। उदयपुर के तमाम महलों में सबसे शानदार है सिटी पैलेस। मार्बल और ग्रेनाइट से बनाया गया ये महल कारीगरी का बेहतरीन नमूना है। पिचोला झील के ठीक सामने बना ये महल यूरोपीय और चाइनीज आर्किटेक्चर के नक्शे पर बनाया गया है। कुल मिलकर देखा जाए तो ये शहर किसी शाही राजघराने से कम नहीं है। लेकिन खुशी की बात ये है कि यहाँ राजसी शान के मजे लेने के लिए आपको लाखों खर्च करने की भी कोई जरूरत नहीं है।

सही समय: सितंबर से मार्च

प्रति दिन खर्च: 1,500 से 2,000 रुपए

7. इटानगर

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श्रेय: एडो ट्रिप

हिमालय की तलहटी में बसे ये शहर अपने शानदार नजारे, बौद्ध मठ, यूनिक हेरिटेज और खास अरुणाचली कल्चर के लिए जाना जाता है। पूर्वोत्तर राज्यों की एक चीज है जो इन्हें बेहद अलग और खूबसूरत बनाती है। वो ये कि इन राज्यों को देखने बहुत कम लोग जाते जिसकी वजह से इनकी प्राकृतिक सुन्दरता आज भी बनी हुई है। अरुणाचल प्रदेश वो जगह है जहाँ आप सबसे पहला सूर्योदय देख सकते हैं। वैसे इसके अलावा अरुणाचल का स्थानीय कल्चर और संस्कृति भी देखने लायक है। यहाँ के लोगों से बातें करके आप अरुणाचली सभ्यता के बारे में बहुत सारी चीजें जान सकते हैं। इटानगर हरियाली और वन्य जीवन के मामले में भी बेहद समृद्ध जगह है। यहाँ आपको ऑर्किड फूलों की 500 से भी ज्यादा वैरायटी देखने के लिए मिल सकती है। अगर आप सितंबर से दिसंबर के बीच इटानगर जाने का प्लान बनाते हैं तो उस समय जीरो में होने वाले अरुणाचल के सबसे भव्य म्यूजिक फेस्टिवल को अपनी लिस्ट में जोड़ना ना भूलें।

सही समय: अक्टूबर से मार्च

प्रति दिन खर्च: 2,000 रुपए

8. बनारस

यूपी के इस शहर को मोक्षस्थाली कहा जाता है। कहते हैं जो भी से शहर में एक बार आ गया को यहीं का होकर रह जाता है। इतना अपनापन है इस शहर में। बनारस की गलियों से लेकर घाटों तक, काशी हिन्दू वश्वविद्यालय कैंपस से लेकर गादोलिया की भीड़ तक हर एक चीज आपको बनारस से बांधने का काम करेगी। बनारस को विश्व की सबसे पुरानी नगरी भी कहा जाता है। हिन्दू धर्म में इस शहर को खास स्थान भी दिया गया है। इस शहर में आकर भोले बाबा और गंगा मैया में लोगों की आस्था और भी पक्की हो जाती है। वैसे बनारस केवल धार्मिक नजरिए से ही खास नहीं है। रिलीजियस चीजों से दूर बनारस का हिप्पी कल्चर भी लोगों को खूब पसंद आता है। बनारस में रहने के लिए भी आपको ज्यादा पैसे नहीं कहरच करने होते हैं। 100-150 रुपए में आपको किसी भी बैगपैकर हॉस्टल में बहुत आसानी से बिस्तर मिल जाएगा। खाने पीने के मामले में भी बनारस का कोई मुकाबला नहीं है। काशी की फेमस टमाटर चाट से लेकर साउथ इंडियन डोसा और कोरियन किमची तक, यहाँ आपको सारी चीजें मिल जाएंगी।

सही समय: नवंबर से फरवरी

प्रति दिन खर्च: 500 से 1,000 रुपए

9. मैकलोडगंज

हिमाचल प्रदेश वो राज्य है जिसका होना हर घुमक्कड़ की लिस्ट में तय होता है। वैसे तो हिमाचल आप कहीं भी जा सकते हैं। लेकिन यदि आप सबसे सस्ती और अच्छी जगह की तलाश में हों तो आपको मैकलोडगंज की तरफ बढ़ जाना चाहिए। मैकलोडगंज एक तरह हर सोलो घुमक्कड़ का पहला डेस्टिनेशन होता है। ये जगह इतनी प्यारी है कि आपके मन मे घर कर जाएगी। धर्मशाला के मात्र 5 किमी. दूरी पर स्थित ये जगह अपने तिब्बती कल्चर के लिए भी काफी प्रसिद्ध है। अगर आप सोच रहे हैं कि मैकलोडगंज की यात्रा किसी भी अन्य हिल स्टेशन की तरह होगी तो ऐसा बिल्कुल नहीं है। मैकलोडगंज की हवा में बौद्ध मठों से आती आवाजें गूंजती हैं। ये जगह त्रिउंड ट्रेक पर जाने वाले लोगों के लिए बेस कैंप का भी काम करती है। होटल से लेकर खाने तक ऐसी कोई भी चीज नहीं है जिसके लिए आपको अपनी जेब ढीली करनी पड़ेगी। मैकलोडगंज में सभी चीजें आपको बेहद किफायती दामों में मिल जाएंगी।

सही समय: सितंबर से जून

प्रति दिन खर्च: 800 से 1,500 रुपए

10. अमृतसर

अमृतसर का नाम लेते ही आपके जहन में सबसे पहला नाम किन जगहों का आता है? स्वर्ण मंदिर, जालियांवाला बाग, वाघा बॉर्डर, आलू का पराठा, लस्सी और ढेर सारे ढाबे जहाँ आप जायकेदार पंजाबी खाना खाने का मजा लूट सकते हैं। भारत की सबसे सस्ती जगहों में शुमार अमृतसर में घुमक्कड़ी का मतलब थोड़ा अलग है। इस शहर में घूमने का मतलब एक पंजाबी इंसान की रोज की जिंदगी में झांकने जैसा है। 1577 में स्थापित हुआ ये शहर शुरुआत से ही भारत में सिखों का घर रहा है। वैसे अमृतसर जाकर स्वर्ण मंदिर ना देखना वैसे ही होगा जैसे कश्मीर जाकर शिकारा की सैर ना करना। स्वर्ण मंदिर की एक झलक हर इंसान को उससे प्यार करने पर मजबूर कर देती है। यहाँ के लंगर में सेवा करने में एक अलग किस्म का सुकून मिलता है। स्वर्ण मंदिर के बाद आप जालियांवाला बाग और वाघा बॉर्डर देख सकते हैं जहाँ आपका सीना देश भक्ति से चौड़ा हो जाएगा।

सही समय: साल में कभी भी

प्रति दिन खर्च: 1,000 से 1,200 रुपए

11. ऋषिकेश

गंगा आरती, कैंपिंग, राफ्टिंग और योगा। इन चार चीजों को जोड़कर बनती है एक परफेक्ट ऋषिकेश ट्रिप। ऋषिकेश को केवल भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व का योगा कैपिटल कहा जाता है। केवल यही नहीं रोमांच प्रेमियों को भी ये जगह खूब पसंद आती है। एक समय था जब ऋषिकेश भी गुमनाम हुआ करता था। लेकिन 1960 के बाद से इस जगह को लेकर लोगों में जो प्यार जागा है, वो आजतक थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसकी वजह है द बीटल्स म्यूजिक बैंड। पहाड़ों की गोद में बसा ये उत्तराखंडी शहर सचमुच में किसी खूबसूरत सपने जैसा है। ऋषिकेश में करने के लिए इतनी सारी चीजें हैं कि आपको बोर होने का एक मौका नहीं मिलेगा। अपने दिन की शुरुआत आप गंगा में डुबकी और तट पर योगा करने के साथ कर सकते हैं। दिन में आप किसी कैफे में खाना खा सकते हैं और ऋषिकेश की गलियों में टहल सकते हैं। इसके अलावा आप द बीटल्स आश्रम देख सकते हैं और कुंजापुरी ट्रेक करने का सकते हैं। शाम के समय आप घाट पर गंगा आरती में भी शामिल हो सकते हैं।

सही समय: सितंबर से अप्रैल

प्रति दिन खर्च: 800 से 1,200 रुपए

12. जयपुर

पिंक सिटी के नाम से मशहूर ये शहर राजस्थानी कल्चर का बढ़िया पिटारा जैसा है। जयपुर में आपको वा सारी चीजें देखने के लिए मिलेंगी जिसके लिए राजस्थान जाना जाता है। फिर चाहे वो रंग-बिरंगे राजस्थानी कपड़े हों, शाही परिवार हो या राजस्थान का सबसे टेस्टी दाल बेटी चूरमा हो। ये एक शहर अपने आप में सब कुछ समेटे हुए है। अपने बाजारों, किलों और राजमहलों के लिए फेमस, इस शहर को देखने दुनिया भर से लोग आते हैं। जयपुर की स्थापना 1727 में राजा जय सिंह द्वितीय ने की थी जिसके बाद ये शहर पूरी दुनिया में लोकप्रिय हो गया। जयपुर के सबसे आकर्षक दर्शनीय स्थलों की बात करें तो इनमें हवा महल, नाहरगढ़ किला, जयगढ़ किला और अमेर किला सबसे ऊपर आते हैं। इसके अलावा आप जयपुर का फेमस सिटी पैलेस भी देख सकते हैं। अगर आपका इन जगहों से मन भर गया जो तो आप जयपुर के बाजारों में घूम सकते हैं। जोहरी बाजार, बापू बाजार और नेहरू बाजार में आप अपने हिसाब से शॉपिंग करने का मजा ले सकते हैं।

सही समय: अक्टूबर से मार्च

प्रति दिन खर्च: 1,000 से 1,500 रुपए

13. खजुराहो

शायद ही कोई होगा जिसने खजुराहो के मंदिरों के बारे में नहीं सुना होगा। सबसे शानदार टेंपल आर्ट की दुनिया में खजुराहो के मंदिरों का बहुत नाम है। ऐसा भी मुमकिन है कि इन मंदिरों का समूह इस टेंपल आर्ट का आखिरी जीता जागता उदाहरण है सकता है। सैंडस्टोन से बने इन मंदिरों के समूह में कुल 85 हिन्दू और जैन मंदिर हैं। जिनमें से केवल 20 मंदिर ऐसे हैं जो आज भी पहले के समान मजबूती से खड़े हैं। सालों तक गुमनामी में पड़े रहने के बाद, आखिरकार 1850 में इन मंदिरों का अस्तित्व एक बार वापस से सामने लाया जा सका। उसके बाद से इन मंदिरों को देखने दुनियाभर से लोगों का आना जाना लगा रहता है। मध्य प्रदेश के सबसे अनोखे शहरों में से एक खजुराहो में आप मंदिरों के अलावा पाण्डव वॉटरफॉल और रेने वॉटरफॉल भी देख सकते हैं।

सही समय: अक्टूबर से फरवरी

प्रति दिन खर्च: 500 से 800 रुपए

14. दीघा

ईस्ट मिदनापुर डिस्ट्रिक्ट और बंगाल की खाड़ी के बीच स्थित दीघा, पश्चिम बंगाल का छोटा रिजॉर्ट टाउन है। दीघा की पहचान यहाँ मिलने वाले समुद्री किनारे हैं जो 7 किमी. दूर तक जा सकते हैं। यहाँ के सभी तटों पर आप आराम से रिलैक्स कर सकते हैं। तट पर लगे पेड़ों के नीचे रिलैक्स करने का सुकून आपको एकदम मिस नहीं करना चाहिए। 18वीं शताब्दी में दीघा को बीरकुल के नाम से जाना जाता था। कन्याकुमारी का छोटा स्वरूप के नाम से मशहूर दीघा, कुछ बेहतरीन सनराइज और सनसेट नजारों का घर है जो आपकी वेकेशन का मजा दोगुना कर देंगे।

सही समय: अक्टूबर से फरवरी

प्रति दिन खर्च: 800 से 1,200 रुपए

15. कन्याकुमारी

कम पैसों में घूमी जाने वाली जगहों में शुमार, कन्याकुमारी में आपको जीवन का सबसे बेहतरीन अनुभव मिलेगा। बंगाल की खाड़ी, अरब महासागर और हिन्द महासागर के संगम पर स्थित ये जगह सबसे अनोखी है। कन्याकुमारी में आपको समुद्री सनसेट और सनराइज देखने का सुनहरा मौका मिलता है को इसको बाकी सभी जगहों से एकदम अलग बनाता है। तट पर बिखरी सफेद रेत इस एहसास को और भी सुहाना बना देती है। कन्याकुमारी आधिकारिक रूप से भारत का आखिरी छोर है। एक बार जब आप देश के दक्षिणी किनारे पर होने के उत्साह से बाहर आ जाएं तो आप विवेकानंद रॉक मेमोरियल देखने जा सकते हैं। इस मेमोरियल तक जाने के लिए आपको फेरी का सहारा लेना होगा। इसके बाद आप कन्याकुमारी टेंपल देखने का सकते हैं। ये मंदिर कन्याकुमारी देवी को समर्पित है। जिनको रक्षक के तौर पर भी देखा जाता है। कहते हैं देवी की हीरे जड़ित नथ को समुद्र के बीच से भी देखा जा सकता है।

सही समय: अक्टूबर से मार्च

प्रति दिन खर्च: 1,200 से 1,500 रुपए

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