वक्त के साथ उत्तर बंगाल के कई छोटे और शांत इलाकों में बसे गाँव अब पर्यटक जगहों के तौर पर सामने आ रहे हैं। क्योंकि दार्जिलिंग में सैलानियों का तांता लगा रहता है, इसलिए यहाँ अक्सर आने वाले लोग अब इस हल-चल और भीड़ से दूर छुट्टियाँ बिताने की जगह ढूंढने लगे हैं।
मैं अक्सर पटना से दार्जिलिंग जाया करती थी जिसमें 12 घंटे लगते थे। लेकिन धीरे-धीरे समय बदला और एयरबीएनबी जैसे प्लेटफार्म की मदद से यहाँ ठहरने के कई विकल्प उभरने लगे हैं। इंटरनेट ने स्थानीय लोगों के साथ जुड़ने और उनके छिपे हुए, एकांत गाँवों की यात्रा करने के तरीकों का पता लगाना भी आसान बना दिया। कुछ ऐसी ही खोज करते वक्त मुझे हिमालय का नज़ारा देते एक बेहद सुंदर गाँव रामधुरा का पता लगा।
दार्जिलिंग घूमने वाले लोग अक्सर सुबह जल्दी उठते हैं और टाइगर हिल पर लेडी कंचनजंगा की एक झलक पाने के लिए निकल पड़ते हैं। सुबह सुबह पर्वतों के बीच से झांकती सूरत की किरणें कंचनजंगा पर मोतियों सी चमकती है।
लेकिन बहुत से लोगों को ये नहीं पता कि वो बिना सुबह 4 बजे उठे, यही दिलकश नज़ारा दार्जिलिंग से बस 30 कि.मी. की दूर पर बसे गाँव से लिया जा सकता है।
ऐसा गाँव है रामधुरा, जो कि कालिम्पोंग से 15 कि.मी. दूर है। इस छोटा-से गाँव में कई सारे होम स्टे हैं जो सीधे कंचनजंगा का नज़ारा देते हैं।आस-पास आपको चीड़ के जंगल दिखाए देते हैं तो शाम को पहाड़ियों के पीछे ढलते सूरज का मज़ा ले सकते हैं। रामधुरा उन लोगों के लिए एकदम सही है, जो दार्जिलिंग, कलिम्पोंग या गंगटोक की भीड़ में फंसे बिना एकांत में कुछ वक्त बिताना चाहते हैं।
रामधुरा डेलो के पास है जो अपने आप में एक भव्य स्थान है जिसे आप गाँव में रहने के दौरान देख सकते हैं। डेलो हिल 5556 फीट की ऊँचाई पर स्थित है। यहाँ का नेचर पार्क कुछ ही दूरी पर बनी हिमालय पर्वतमाला का अद्भुत नज़ारा आपकी आँखों के सामने ला परोसते हैं। पूरा इलाका सुबह कोहरे में ढका रहता है और जैसे-जैसे मौसम साफ होने लगता है आप यहाँ कि खूबसूरती बेहतर तरीके से देख सकते हैं।
जो लोग बेहतर कनेक्टिविटी वाले क्षेत्र में रहना चाहते हैं, वे रामधुरा के बजाय डेलो में रह सकते हैं। डेलो में कुछ शानदार होम स्टे के अलावा एक सरकारी गेस्ट हाउस भी है जो नेचर पार्क के पास ही है। रामधुरा यहाँ से सिर्फ एक घंटे की दूरी पर है, इसलिए आप सुबह से रामधुरा में अपना वक्त बिता कर शाम तक अपने गेस्टहाउस लौट सकते हैं।
रामधुरा के पास घूमने की जगह
- डेलो नेचर पार्क एक मजेदार और दिलचस्प जगह है। पास में तीन मठ, थारपा चोलिंग मठ, ज़ोंग डॉग पालरी फ़ॉ-ब्रोंग मठ और तोंगसा गोम्पा हैं। ये तीनों ही बहुत सुंदर हैं और इस क्षेत्र में बौद्ध धर्म के लिए महत्वपूर्ण माने जाते हैं।
- यहाँ आए तो दुरपिन दारा हिल ज़रूर जाएँ यहाँ से सिक्किम की चोला रेंज के मनोरम दृश्य देखने को मिलता है।
- रामधुरा से 2 कि.मी. दूर एक सुंदर गोरखा गाँव, एचे गाँव है। यह गाँव अपने जैविक खेती के तरीकों के लिए जाना जाता है।
- भूटिया मठ रामधुरा गाँव से 1 कि.मी. दूर है। यहाँ मौजूद 1930 में बना ब्रिटिश जलसा बंगला भी देखने लायक है। किसी तसवीर की तरह परफेक्ट ये गाँव एकांत में कुदरत के नजारों के बीच एक दिन बिताने के लिए बढ़िया जगह है।
कुछ और भी छोटे गाँव है जहाँ आप अपनी दार्जिलिंग की यात्रा के दौरान कुछ वक्त बिता सकते हैं।
टिनचूली और तुकदाह
ये गाँव मीलों तक फैले चाय के बागानों और पुराने ज़माने की याद दिलाती इमारतों के लिए जाना जाता है। सैलानी यहाँ उन विरासती बंगलों में रहने के लिए आते हैं जो कभी ब्रिटिश अधिकारियों के नाम थे और अब सुदंर होम स्टे में तब्दील हो चुके हैं।
माने भंजांग
यह छोटा सा गाँव संदकफू ट्रेक का बेस प्वाइंट है। आप या तो आगे ट्रेक करने के लिए चुन सकते हैं या बस प्रकृति के शांत हवाओं के बीच कुछ रातें यहाँ बिता सकते हैं।
बाड़ा मंगवा
ये गाँव एक बड़ा सा खेत नुमा गाँव है जहाँ से आप तीस्ता और रंगेट नदियों के संगम को देख सकते हैं। यह सुंदर गाँव सीढ़ीदार खेतों से घिरा हुआ है और कई नारंगी के बागीचें भी हैं जो टहलने के लिए एकदम सही हैं।
छोटा मंगवा
बाड़ा मांगवा के पास ही बसा ये सुंदर गाँव भी नारंगी के बागानों से भरा है। गाँव का नाम इसलिए रखा गया है क्योंकि यहाँ के मुकाबले मंगवा के संतरे आकार में बड़े होते हैं।
लमहट्टा
लमहट्टा एक छोटा सा गाँव है जहाँ से आप कंचनजंगा की पहाड़ियों को साफ-साफ देख सकते हैं।
रामधुरा जाने का सबसे अच्छा समय
दार्जिलिंग और आसपास के हिल स्टेशनों पर जाने के लिए सितंबर से मार्च का समय सबसे अच्छा माना जाता है क्योंकि बारिश की संभावना लगभग शून्य होती है। इस वक्त मौसम भी सुहाना होता है लंबी सैर के लिए बिल्कुल पर्फेक्ट भी।
रामधुरा कैसे पहुँचे?
हवाई मार्ग से- बागडोगरा हवाई अड्डे पर कई भारतीय शहरों के लिए नियमित उड़ानें हैं जहाँ से आप या तो रामधुरा के लिए एक निजी टैक्सी किराए पर ले सकते हैं या साझा वाहन से कलिम्पोंग तक आगे बढ़ सकते हैं जहाँ से होम स्टे के मालिक आपको पिक-अप कर सकते हैं।
रेल मार्ग से- आपको ट्रेन से न्यू जलपाईगुड़ी पहुँचना होगा और फिर रामधुरा गाँव के लिए सड़क मार्ग से जाना होगा।
सड़क मार्ग से - कालिम्पोंग के लिए शेयरिंग गाड़ी बागडोगरा, न्यू जलपाईगुड़ी और दार्जिलिंग से चलते हैं। ये वाहन आपको उस शहर में छोड़ देंगे जहाँ से आपको दूसरी सवारी पकड़नी होगी। कई होमस्टे कालिम्पोंग से अपनी पिकअप सेवा भी देते हैं।
तो इन गर्मियों की छुट्टियों में कहाँ जा रहे हैं, हमें कॉमेंट्स में बताएँ। अपनी यात्राओं का अनुभव Tripoto पर लिखकर यात्रियों के साथ साझा करें।
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