ताजमहल दुनिया भर में प्रेम के प्रतीक के रूप में मशहूर है। ताजमहल को देखने के लिए प्रतिदिन दुनिया भर से हजारों लोग आगरा आते हैं। ज्यादातर लोग ताजनगरी आने के बाद बस ताजमहल, आगरा का किला, जामा मस्जिद और यहां के बाग को देखकर या फिर यहां मार्केटिंग कर घर लौट जाते हैं। लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि ताजमहल के अलावा आगरा के पास काफी कुछ देखने को है। आगरा आकर लेदर गुड्स और पेठा लेकर जाने के साथ अगर आप कुछ समय और निकालेंगे तो कई सुनहरी यादें लेकर जा सकेंगे।
आगरा से सिर्फ 37 किलोमीटर की दूरी पर फतेहपुरी सीकरी में ताज महल की तरह ही कई आकर्षण के केंद्र है। फतेहपुर सीकरी को बादशाह अकबर ने बनाया था। भारत के एक बड़े इलाके पर राज्य करने के बाद भी कोई उत्तराधिकारी ना होने पर अकबर अंदर से काफी दुखी रहता था। बेटे की चाह में वे एक दिन आगरा के पास ही सीकरी गांव में रहने वाले सूफी संत सलीम चिश्ती के पास चले गए। सूफी संत सलीम चिश्ती के आशीर्वाद से अकबर के घर पुत्र का आगमन हुआ। अकबर ने सूफी संत सलीम चिश्ती को आदर देने के लिए बेटे का नाम सलीम रखा। सलीम आगे जाकर बादशाह सलीम जहांगीर बना।
बेटे सलीम के जन्म के बाद सूफी संत सलीम चिश्ती का शुक्रिया अदा करने के लिए बादशाह अकबर ने सीकरी में भी एक राजधानी बनाने का फैसला किया। इस राजधानी का नाम फतेहपुर सीकरी रखा गया। यह शहर अपने भव्य महलों के लिए मशहूर है। फतेहपुर सीकरी की वास्तुकला और यहां के महलों में नक्काशी अद्भुत है। यहां के पत्थर और संगमरमर के काम, लकड़ी की नक्काशी आपको एक अलग ही दुनिया में ले जाएंगे।
यहां आप फतेहपुर सीकरी के अलावा शेख सलीम चिश्ती दरगाह, दीवान-ए-आम,दीवान-ए-खास, जोधाबाई महल और जामा मस्जिद की खूबसूरती को देखकर दंग रह जाएंगे। यहां के भव्य महल आपको इतिहास के गलियारों में झांकने का एक सुनहरा अवसर प्रदान करता है। इसकी भव्यता, शैली और डिजाइन में आपको इस्लामी और हिंदू तत्वों का एक अलग ही मिश्रण देखने को मिलेगा।
बादशाह अकबर ने इस शहर को 11 किलोमीटर लंबी दीवार से किलेबंदी किया था। इसमें कई दरवाजे या द्वार हैं। दिल्ली दरवाजा, ग्वालियर दरवाजा जैसे कई द्वार हैं। यहां एक द्वार है बुलंद दरवाजा, यह भारत का सबसे ऊंचा और भव्य प्रवेश द्वार है। इतना सब कुछ करने के बाद भी अकबर ने इस शहर को बनाने-बसाने का क्रम बीच में ही छोड़ दिया था। जिसके बाद यह खंडहर में तब्दील होने लगा, लेकिन अब इसका संरक्षण किया जा रहा है और यह विश्व संरक्षित इमारतों में है।
फतेहपुर सीकरी खंडहरों का शहर बनने के बाद भी आपके लिए काफी कुछ संजोए हुए हैं। आगरा आने के बाद यहां आकर आप एक असीम शांति का अनुभव करेंगे। फतेहपुर सीकरी आने पर यहां का सूर्योदय या सूर्यास्त जरूर देखें। ये आपके लिए जीवन पर्यंत संजोकर रखने वाला पल होगा।
फतेहपुर सीकरी में जाने पर ताजमहल की तरह ही आपके टिकट लेने होंगे। भारतीय नागरिकों के साथ सार्क देशों के लोगों के लिए टिकट के दाम 50 रुपये है जबकि अन्य विदेशी लोगों के लिए 610 रुपये हैं। आगरा के पास होने के कारण यहां आना-जाना भी काफी आसान है। आगरा रेल, सड़क और वायु तीनों से जुड़ा हुआ है। आप आगरा से बस, ऑटो या टैक्सी लेकर यहां पहुंच सकते हैं।
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