राजस्थान भारत का क्षेत्रफल के मामले मे सबसे बड़ा राज्य तो है ही साथ ही इसके प्रत्येक शहर मे कुछ ना कुछ अनोखा देखने लायक है
( झालावाड )
कोटा शहर से 80 किलोमीटर दूर एक शांत ओर खूबसूरत जगह
जहा देखने के लिए कई ऐसी खूबसूरत जगह है ओर पर्यटक कि भीड़ से भी बचा हुआ है
अक्टूबर के माह मे अपनी व्यस्त ज़िन्दगी से कुछ समय निकलकर मैंने कही घूमने जाने का सोचा पर के काम के चलते ज्यादा लम्बी छुट्टी लेना संभव नहीं था इसलिए बॉस से मैंने दो 4 दिन कि छुट्टी ली अब मन मे एक और सवाल था कि जाऊ तो कहा जाऊ तभी एक बार झालावाड का ज़िक्र किया था मेरे दोस्त ने वो बात याद आयी वैसे तो राजस्थान कि इस जगह के बारे मे मैंने पहले कही नहीं सुना था पर जब गूगल पे इस जगह के बारे मे देखा तो अपने आप को इस जगह पे जाने से रोक नहीं पाया
झालावाड जयपुर से 340किलोमीटर कि दुरी पर स्थित है
झालावाड कोटा से 80 किलोमीटर कि दुरी पे स्थित है
यहाँ आप कोटा से बस लेके या प्राइवेट टैक्सी से pauch सकते है
झालावाड मे कोई एयरपोर्ट ना होने के कारण निकटतम हवाईअड्डा कोटा एयरपोर्ट ही है जहा से आपको नियमित फ्लाइट मिल जाएंगी
झालावाड मे नया रेलवे स्टेशन बना है जहा से कोटा देहरादून मुंबई आदि जगह के लिए रेल सेवाएं उपलब्ध है
सफर कि थकान से चूर झालावाड स्टेशन पे जब मै उतरा तो चेहरे पर एक हलकी सी स्माइल के साथ स्टेशन से बाहर निकला ओर टैक्सी पकड़ के ढूंढ़ने लगा एक रहने कि मस्त जगह
कहा रुके
टूरिस्ट कि भीड़ भाड़ से दूर होने के कारण आपको बहोत ही कम दामों मे बहोत ही अच्छे होटल मिल जायेंगे
KYA KHAYE - राजस्थान आये ओर राजस्थान के खास पकवान ना खाये ऐसा तो हो ही नहीं सकता झालावाड़ मे आप दाल बाटी खाना ना भूले और यहाँ को स्पेशल फिनि भी खाना ना भूले
MR पराठा नाम कि दुकान यहाँ फेमस राजस्थानी पराठा 30 rs मे जो कि यहाँ का मुख्य आकर्षक पकवान है
इसके साथ ही सरोवर कि कचोरी रोडूलाल कि राबड़ी खाना ना भूले
अगले दिन राजस्थान कि सुहानी सुबह मे उठकर निकल पड़ा झालावाड़ का दीदार करने
कहा घूमे
GAGRON FORT - राजस्थान का शायद ही ऐसा कोई ऐसा शहर होगा जहा किला ना हो
झालावाड से 12 km दूर स्थित है गागरोन का किला
यहाँ आप झालावाड से टैक्सी से आराम से पहुँच सकते है UNESCO के विश्व धरोहर को सूची मे शामिल इस किले कि खास बात यह है कि यह किला सिंध नदी और आहु नदी के संगम के स्थान पे बना हुआ होने के कारण 3 किनारो से पानी से घिरा हुआ है किले से आपको 4 ओर का मनमोहक खूबसूरत नज़ारा दिखाई देगा
इस किले कि एक ओर खास बात यह है कि ये पसम्पूर्ण भारत का एकमात्र ऐसा किला है जिसकी नीव नहीं है
अलाउद्दीन स लेके अकबर तक इस किले को फतह कर चुके है
यहाँ आप सुबह 9 बजे से शाम के 5 बजे तक ही घूम सकते है
ENTRY FEES - 50
MEETHE SHAH KA MAKBARA - यह मकबरा गागरोन किले के गेट के बाहर ही थोड़ी दूर पे स्थित है स्थानीय लोगो के बीच इस मकबरे का विशेष महत्व है
GARH PALACE - शहर के बीचो बीच स्थित यह पैलेस जिसे झालावाड़ पैलेस के नाम से भी जाना जाता है आसपास से पता करने पर पता चला कि इसको राणा मदन सिंह ने बनवाया था कुछ साल पहले तक इसका उपयोग जिले के सरकारी अफसरों के आवास के रूप मे किया जाता था बाद मे इसे जनता के लिए खोल दिया गया इसकी बनावट पुराने राजपुताना कल्चर को दर्शता है
इसकी दीवारों पे शानदार चित्रकारी ओर नक्काशी की गयी है
GOVT MUSEUM - गढ़ पैलेस से बाहर कुछ ही दुरी पर स्थित है म्यूजियम जहा झालावाड ओर आस पास के क्षेत्र के इतिहास को संजोर कर रखा गया है इसको तीन हिस्सों मे बाटा गया है पहले हिस्से मे विभिन्न भगवान कि प्रतिमा देखने को मिलते है दूसरे हिस्से मे पुराने राजाओं के कपडे तलवार ओर उनकी अन्य चीज़ो को रखा गया है तीसरे हिस्से मे इस म्यूजियम कि सबसे ख़ास चीज शीश महल के दर्शन होते है जो इस म्यूजियम का मुख्य आकर्षण का केंद्र भी है इस म्यूजियम की दीवारों पे अनेक पेंटिंग भी लगी हुई है ENTRY FEES - 03 INR
BHAVANI NATYA SHALA - गढ़ किले से कुछ ही दुरी पर स्तिथ है भवानी नाट्य शाला राजाओं के समय मे इसका उपयोग मनोरंजन के लिए किया जाता था ओर यही विभिन्न नाट्य क्रम आयोजित कोई जाते थे आज भी यहाँ ओर कई नाट्य क्रम आयोजित किये जाते है
और रात के समय झालावाड़ कि लोकल गलियों मे घूम के खरीदारी करना ना भूले यहाँ के मार्केट मे आपको बहुत सी अनोखी चीज़े देखने को मिलेंगी
रात मे शहर कि गलियों और मार्केट मे घूमने के बाद मै थका हुआ होटल मे आया और सो गया
अगले दिन सुबह उठकर मैंने डैम कि और रुख किया
BHEEMSAGAR DAM - झालावाड से 24 किलोमीटर दूर स्तिथ यह dam एक प्रमुख पिकनिक स्पॉट है आस पास कि हरयाली से भरा हुई इस जगह पे एक व्यू पॉइंट भी है
यहाँ मे एक मंदिर मस्जित और एक किला भी है वो भी आप जाके देख सकते है
JHALARA PATAN - झालावाड से 7 km दूर स्थित यह जगह एक नदी के किनारे बसी हुई है जो कि दीवारों से घिरी हुई है यहाँ बहुत सारे मंदिर है जिसमे ब
बहुत सारी घंटिया लगी हुई है इन मंदिरो के खूबसूरत नक्काशी ओर इतने सारे मंदिर एक साथ आपने शायद ही कही देखे होंगे पूछने पर लोगो ने बताया कि या पर कुल 108 मंदिर है जिसमे से मुख्य आक्रषण का केंद्र सूर्य मंदिर है धार्मिक दृष्टि से इस जगह का एक विशेष महत्व है मंदिर के दर्शन करने के साथ ही तालाब और गार्डन कि सैर करें
NOLKHA KILA - झालरा पाटन के पास ही ये शानदार किला जहाँ से आप पुरे झालावाड़ सिटी को देख सकते है ओर यहाँ से ढलता हुआ सूरज देखना एक मनमोहक दृश्य था झालावाड से आपको यहाँ के लिए आर से टैक्सी या शेयरिंग ऑटो मिल जयेगा
झालावाड घूमते हुए कब 2 दिन निकल गए पता ही नहीं चला और अगले दिन मै चल दिया अपनी पुरानी दुनिया मे वापिस झालावाड़ कि ढेर सारी याद लेकर और यकीन माने जैसा मेरा दोस्त ने मुझे इस जगह के बारे मे बताया था इससे कही ज्यादा ये जगह मुझे पसंद आयी