
महाराष्ट्र नासिक निवासी 44 वर्षीय डाक्टर महेंद्र महाजन ने लेह मनाली का 430 किलोमीटर सफर दौड़कर 4 दिन 21 घंटे 18 मिनट में तय कर रिकार्ड बना डाला है। उनका यह कारनामा गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज हुआ है। उनकी लगातार चार दिन 21 घंटे की कड़ी मेहनत व हिम्मत रंग लाई है। इससे पहले सोनीपत की महिला सोफिया खान भी छह दिन 12 घंटे छह मिनट में इस दूरी को तय कर गिनीज बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड में अपना नाम दर्ज कर चुकी है। डाक्टर महेंद्र महाजन सुबह चार बजे उठकर दौड़ना शुरू करते थे और रात नौ बजे तक दौड़ते थे।

महेंद्र महाजन ने बताया कि सात जुलाई को लेह से सुबह 6.12 बजे रवाना हुए। एडीजीपी लद्दाख पुलिस एसएस खंडारे और लद्दाख के इंजीनियर व विज्ञानी सोनम वांगचुक ने हरी झंडी देकर रवाना किया। पहले दिन 92 किलोमीटर दौड़ने के बाद तांगलांगला दर्रे के नीचे पहुंचे।
दूसरे दिन चार बजे चलना शुरू किया और 17600 फीट उंचे तंगलंगला दर्रे को पार कर 86 किमी दौड़ते हुए पांग पहुंचे। यहां ठंडी बर्फीली हवाओं का भी सामना करना पड़ा और बारिश में भी भीगना पड़ा।
तीसरे दिन 77 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए लाचुंग ला 16597 फीट और नकीला 15547 फीट के दो दर्रे पार कर सरचू पहुंचे।
चौथे दिन बारालाचा जैसे कठिन दर्रे को पार करते हुए 76 किमी की दूरी तय कर ज़िंगज़िंग बार पतसेउ होते हुए और दारचा पहुंचे।
पांचवें व अंतिम दिन सुबह दारचा से चलना शुरू किया। 11 बजे तांदी पुल और शाम सात बजे अटल टनल के नार्थ पोर्टल पहुंचे। लगातार दौड़ने के बाद सुबह 3.30 बजे 96 किलोमीटर दौड़ पूरी कर चार दिन 21 घंटे और 18 मिनट में मनाली पहुंचे।

मनाली में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि हम फिट तो देश फिट के नारे को बल देते हुए यह नई पहल की है। उन्होंने बताया कि टीम ने उनका हौसला बढ़ाया और सफलता दिलाने में यथसंभव मदद की। उन्होंने टीम के सदस्य सुमीत पारिंगे, नितिन वानखेड़े और भतीजे ओम महाजन का आभार जताया।

महाजन अपने बड़े भाई हितेंद्र के साथ ‘रेस एक्रॉस अमेरिका' प्रतियोगिता में अपनी श्रेणी का पुरस्कार जीत चुके हैं। वह कश्मीर से कन्याकुमारी तक सबसे तेज गति से साइकिल चलाने का कीर्तिमान बना चुके हैं और माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई भी कर चुके हैं।
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