महाराष्ट्र राज्य के दक्षिण पश्चिम भाग में स्थित रत्नागिरी अरब सागर के किनारे बसा एक छोटा परंतु सुंदर शहर है। भारत के इस क्षेत्र में शिवाजी महाराज के शासन के बाद रत्नागिरी 1731 में सात्र राजाओं के अधिकार में आ गया और 1818 में ब्रिटिश लोगों ने इस पर अधिकार कर लिया। पौराणिक कथाएँ यह दावा करती हैं कि 12 वर्षों के देश निकाले के बाद महाभारत के प्रसिद्द पांडवों ने इस स्थान पर कुछ समय बिताया था। उस समय जो राजा यहाँ राज्य करता था उसने स्वयं कौरवों के विरुद्ध पांडवों की सहायता की तथा महाभारत के युद्ध में भाग लिया।
रत्नागिरी के अन्य महत्वपूर्ण स्थान
जयगढ़ किला अपनी उदारता के कारण पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। रत्नागिरी के प्रायद्वीपीय छोर पर स्थित यह किला चमत्कार है। इसके पास की जयगढ़ लाइटहाउस है। इसके पास ही
रत्नादुर्ग किला है जो लगभग 600 साल पुराना है। यदि आप छुट्टियों के लिए बीच (समुद्र तट) पर जाने की योजना बना रहें हैं तो आप यहाँ के कई बीचों में से किसी एक को चुन सकते हैं।
मांडवी बीच एक शानदार बीच है जहाँ की रेत काली है जबकि गणपतिपुले बीच और गणेशघुले अन्य दो स्थान जिन्हें अवश्य देखना और सराहना चाहिए। गणपतिपुले बीच के पास स्वयंभू गणपति का प्राचीन मंदिर है तथा यह इसी नाम से प्रसिद्द है। यह स्थान लगभग 400 साल पुराना है – एक शानदार स्थान जो सर्वोच्च शक्ति में आपका विश्वास फिर से पैदा कर देगा।
यहाँ रहते हुए आप मछली के स्थानीय व्यंजनों और कोकम कढी का स्वाद लेना न भूलें – जो यहाँ के स्थानीय लोगों को बहुत प्रिय है। यदि आपको खरीददारी करने की बीमारी है तो रत्नागिरी आपके लिए उपयुक्त स्थान है। इस स्थान पर प्राचीन वस्तुओं से लेकर याद रखने योग्य वस्तुएँ मिलती हैं जो एक यादगार के रूप में घर ले जाने के लिए उपयुक्त हैं। यदि आप सौभाग्य से गर्मियों के दिनों में यहाँ जाते हैं तो देवगढ़ हापुस – अल्फांसो आम को बिना चूकें खाएं। यहाँ मिलने वाले आम के विभिन्न व्यंजनों जैसे अम्बापोली आदि से अपनी बैग और कार भर लें।
कैसे और कब घूमें रत्नागिरी
रत्नागिरी में गर्मियों का मौसम थोडा गर्म होता है जिसे सहन करना थोडा मुश्किल हो सकता है। सामान्यतः इस दौरान यहाँ की यात्रा नही की जाती क्योंकि ज़्यादा स्थान नही देखे जा सकते। यदि आप रसीले अल्फांसो आमों का स्वाद लेने के लिए यहाँ आना चाहते हैं तो गर्मी का समय उपयुक्त है। मानसून इस स्थान को जादुई रूप से बदल देता है हालांकि ठंड का समय इस जगह की सैर के लिए उपयुक्त है। एक बड़ा शहर होने के कारण रत्नागिरी परिवहन के सभी साधनों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।
यहाँ एक घरेलू हवाई अड्डा है जो यहाँ आने वाले पर्यटकों की देखभाल करता है। रेल द्वारा भी रत्नागिरी कोंकण लाइन पर पड़ता है तथा महाराष्ट्र और महाराष्ट्र के बाहर के सभी प्रमुख शहरों और कस्बों से नियमित रेलसेवा द्वारा जुड़ा हुआ है। इस शहर पर रास्ते द्वारा भी आसानी से पहुँचा जा सकता है, रत्नागिरी – नागपुर राजमार्ग एक प्रमुख तथा अच्छा बना हुआ रास्ता है।
रत्नागिरी एक ऐसा स्थान है जहाँ इतिहास, धर्म, प्रकृति और आनंद सभी कुछ हैं। मराठा संस्कृति में डूब जाने के लिए रत्नागिरी एक उपयुक्त स्थान है। वास्तुकला में प्रवीण किलों से लेकर इसके शांत समुद्र तट, अल्फांसों आम आपको अपनी ओर आकर्षित करते हैं। निश्चित ही यह जगह घूमने के लायक है।