
साफ और सीधी बात त्रिउंद और मक्लेओडगंज के बारे में काफी कुछ tripoto पे लिखा जा चुका है तो फिर से उन्हीं बातों को दोहराना की बजाय थोड़े काम की चीज़ शेयर करूंगा।।
1. त्रिउंद ट्रेक को पूरा करने के लिए किसी गाइड या ट्रेवेललिंग कंपनी की जरूरत नहीं, ये काफी आसान सा ट्रेक है और सही माने तो अगर आपको भी ट्रैकिंग पसंद है तो यहां से शुरुआत करना अच्छा होगा।।
2. ये वीकेंड की लिए बेस्ट ट्रेक है,जो भी लोग दिल्ली या उसके आसपास हैं वे आराम से इस ट्रैक को पूरा कर सकते हैं,जाने का सबसे अच्छा तरीका होगा बस का सफर।
3.बसें majnu ka tila से निकलती हैं,काफ़ी संख्या में बसें हैं,कुल 12 घंटों का सफर और आप मक्लेओडगंज हैं,बस से उतर कर सीढ़ियों से ऊपर जाते ही कई ट्रेवल एजेंसी मिलेंगी,
दिसंबर में हमलोगों ने ₹800 प्रति व्यक्ति दिया था, जिसमे 3 टाइम मील औऱ टेंट, स्लीपिंग बैग वगरह चीज़ें थी।।
4.मक्लेओडगंज से त्रिउंद का कुल ट्रेक 10km का है,आप अगर इसे कम करना चाहते हों तो,मक्लेओडगंज से ganu temple तक आल्टो या मारुति बुक कर सकते हैं,जो आपसे ₹400-500 तक चार्ज करते हैं।।
5.अब आप ganu temple पहुच चुके हो,सबसे पहला काम है, जो भी दिनचर्या वाला काम करना हो अभी करलो आगे वरना दिक्कत हो जायगी।
गनु टेम्पल पहुचते ही ऊपर green कलर का एक गेस्ट हाउस है,वहां जाके और ₹20 देके अपने को एकदम फ्रेश एंड फिट करलो क्योंकि अब तो चलना है 5-7घन्टे।।
6.सबसे जरूरी बात चोरी छुपे wine ले जाना अंदर मना है,
लेकिन अगर बता दिया जाए तो हमे ले जाने की अनुमति मिल सकती है,बैग अच्छे तरीके से चेक किया जाता है।
7.अब क्या चलते रहो,गाते गुनगुनाते हस्ते हसाते,थकना तो लाज़मी है अब इससे पहले इतना तो कभी चला ही नही है, हमलोगों ने 11.30am तक सुरुआत कर दी थी,सुरुआत मुश्किल थी लेकिन redbull और gatorade ने काम आसान कर दिया।
8.जैसे जैसे आप ऊपर जाते हो चीजें महँगी होती जाती,तो अगर आप नीचे से ही एनर्जी ड्रिंक या औऱ भी खाने पीने की चीज़ें लेकर जाओ तो अच्छा होगा
9.फिर कुल 6 घँटों के शानदार सफर के बाद,हमलोग अपने कैम्प्स तक पहुँचे, और वो नज़ारा तो अभी भी जेहन में है,
वहां पहुचते ही मानो थकान ही मिट गई हो,सूर्यास्त होने वाला था बस फिर क्या! चलो कैमरा निकालो फोटोग्राफी सेशंस स्टार्ट,अंधेरा होने से पहले तक 150 पिक्स क्लिक कर चुके थे, haha थोड़ा ज्यादा है ना!
10.ठंड बढ़ रही थी,सूर्य भी अब अस्त हो चुका था,बूख अब लगनी सुरु होगयी थी, मैगी और गरम चाय की दरकार थी औऱ वो मिलने के बाद तो मज़ा ही आगया फिर थोड़ा गाना बजाना,हसी मजाक करते करते टेंट में हमलोग आगये।
11.ठंड ऐसी थी कि नींद भी ना आये, फिर bonfire का इंतेजाम हुआ, मस्ती करते करते कब 11 बज गए पता ही नही चला,फिर गरमा गरम दाल चावल अचार औऱ पापड़ परोसा गया।।
12.रात भर टेंट में ठिठुरते वक्त बस यही
सोच रहा की ये कैसे भी ये रात कटे
और स्लीपिंग बैग में करवट लेते लेते कब 6 बज गया पता ही नहीं चला
फिर धीरे धीरे अंधेरा कमजोर मालूम पड़ने लगा,फिर क्या 6.30 तक टेंट से बाहर आया,अभी भी सूर्य उदय हुआ नहीं था,पर क्षितिज से आती किरणों से ये पता चल रहा था की उदय होने वाला है।।
कुछ देर का इंतजार औऱ🌄
सूर्य नमस्कार🙏
13.सुबह चाय सुट्टा लेने के बाद असली दिक्कत आती है फ्रेश कहाँ हुआ जाए,लड़कियों के लिए टेंट की व्यवस्था तो है पर हम लड़कों का क्या!
औऱ उससे बड़ी दिक्कत है पानी की वो भी नसीब नही होता अब या तो 80 रुपया का बिसलेरी खरीदो नही तो टिश्यू पेपर औऱ सैनिटाइजर जिंदाबाद।।
14. फिर हम सबको गर्म मसाला चाय, और मैगी परोसा गया और मसाला चाय, और मैगी के साथ रविवार वाली सुबह अलग थी।
15.उतारना हमेशा आसान होता है,4 घन्टे में हम सब गनु टेम्पल थे,फिर से आल्टो किया वापस आये बैग लिया और 7 बजे वापस दिल्ली के लिए बस,सुबह 5.30 बजे तक हम सब दिल्ली पहुच गए,मेट्रो पकड़ी और अपने अपने रूम पे उन पिक्स को व्हाट्सएप औऱ इंस्टाग्राम पे शेयर यही सब और क्या!अब थक गया लिखते लिखते bye सोने जा रहा हूँ😬
Budget~3700












