अमरनाथ यात्रा

Tripoto
9th Sep 2019
Day 1

मेरी अमरनाथ यात्रा भाग-1

बाबा बर्फानी आपकी समस्त मनोकामना पूर्ण करे। आपको भी दर्शन देकर लाभान्वित करे। आपकी चिंताओं का हरण करे और आपको समस्त सुख प्रदान करे। मैं आपको टुकड़ो में इस यात्रा के अनुभव शेयर करने का प्रयास करूंगा। मुझे आशा है कि आपको यह अनुभव पसन्द आएंगे। आप जब अमरनाथ यात्रा जाएंगे तो यह अनुभव आपकी समस्या कुछ कम करेंगे।

हमारे संघ में एक जोड़ा अपने साथ एक 15 वर्षीय पुत्री और 10 वर्ष के पुत्र को साथ लाया था। जब अमरनाथ यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन का नम्बर आया तो उस 10 वर्ष के बच्चे का रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ और वह बच्चा दर्शन के लिए नहीं जा सका। मेरे सासूजी जिनकी वास्तविक आयु तो 65 वर्ष है लेकिन आधार कार्ड में 77 वर्ष दर्ज होने से उनका रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाया फिर मेरी श्रीमती ने किस प्रकार रजिस्ट्रेशन कराया यह मै बाद में शेयर करूँगा।

कहने का आशय यह है कि अगर आपको अमरनाथ की यात्रा करनी हो तो समय पर ही कर लीजिए। *नियमानुसार 13 से 75 वर्ष तक ही यह यात्रा की जा सकती है। * ध्यान रहे रजिस्ट्रेशन के वक्त उम्र 13 से कम व 75 से अधिक होने पर यात्रा नहीं की जा सकती।

(क्रमशः)

*दिनेश कुमार वैष्णव*
कृष्णापुरी किशनगढ़

Photo of अमरनाथ यात्रा by Rajeev Gupta
Day 2

*मेरी अमरनाथ यात्रा लेख क्रमांक 2*

मुझे अब आभास हुआ कि बाबा बर्फानी ने मुझ पर विशेष कृपा करते हुए मुझे अमरनाथ बुलाया है। *इसे मैं संयोग कहूँ या चमत्कार। * यह आप भी सोचे लेकिन मैं तो इसे शिव बाबा की कृपा मानते हुए चमत्कार का नाम ही देना चाहूंगा।

इस वर्ष यात्रा में जाने का मानस बनाया तो केवल वैष्णोदेवी ही जाना था। लेकिन बर्फानी बाबा को बुलाना था अतः *पहली यात्रा फेल हो गई। *

फिर दूसरी यात्रा में भी वैष्णोदेवी की यात्रा थी। यहां पर भी भोलेनाथ की कृपा देखिए सवारी पूरी न होने से यह *दूसरी यात्रा भी केंसिल हो गई* और हम हताश हो गए जबकि हम पर भोले की कृपा चल रही थी।

तीसरी यात्रा में भी केवल वैष्णोदेवी यात्रा थी। ग्रीष्म अवकाश में सभी कहीं न कहीं दर्शन के लिए जा रहे थे जबकि हमारी यात्रा बार बार स्थगित होने से श्रीमती बहुत दुखी थी लेकिन *तीसरी यात्रा भी किसी खास कारण से केंसिल हो गई। *

तीनो यात्रा में अमरनाथ यात्रा नहीं थी और तीनों यात्रा केंसिल हो गई लेकिन हम भी जिद के पक्के थे। अब चौथी यात्रा की तलाश में जुट गए। हमे जानकारी मिली कि एक यात्रा बस 1 जुलाई को वैष्णोदेवी और अमरनाथ के लिए प्रस्थान करेगी। हमने तुरन्त जाकर सीटे बुक करवा ली।

यहाँ पर बर्फानी बाबा की कृपा देखिए तीन यात्रा केंसिल करवाकर *चौथी यात्रा जिसमे अमरनाथ दर्शन भी शामिल था। यह यात्रा सफलतापूर्वक संचालित करवा दी। * जिस प्रकार भोलेनाथ ने हम पर कृपा दिखाई इसीप्रकार सभी भक्तों पर बर्फानी बाबा की खूब कृपादृष्टि बरसती रहे।

💧जय बर्फानी बाबा💧

(क्रमशः)

*दिनेश कुमार वैष्णव*
किशनगढ़ अजमेर (राज)

Day 3

*मेरी अमरनाथ यात्रा लेख क्रमांक 3*

जब हम जम्मू पहुचे तो हमे बताया गया कि शिवा मार्किट रेलवे स्टेशन जम्मू के पास ही अमरनाथ जाने वाले को टोकन दिए जा रहे हैं। हम सभी तुरन्त वहाँ पहुचे ताकि समय पर टोकन लेकर आगे की कार्यवाही कर सके।

हम सुबह 9 बजे टोकन बनाने के लिए लाइन में लग गए। वहाँ पर कई काउंटर बनाये गए थे। हमारे व्यवस्थापक ने पहले ही समझा दिया कि अमरनाथ जाने का रूट वाया बालटाल ही बताना है। हम सभी अपने आधारकार्ड के साथ लाइन में लगकर टोकन जारी करवा लिए।

साथ मे हमे एक रजिस्ट्रेशन फॉर्म और निर्देश पत्र मिला। वहां से ही हमे निर्देश मिला कि महाजन महासभा में टोकन बताने पर रजिस्ट्रेशन पत्र जारी होगा। हम बस द्वारा सभी यात्री महाजन महासभा पहुँचे तो भीड़ को देखकर चकित रह गए।

हमे तो हमारा रजिस्ट्रेशन करवाना था अतः हम भीड़ की लाइन में लग गए। हमे जो फॉर्म मिला था उसकी पूर्ण पूर्ति कर तीन फोटो सहित वहाँ दिखाना अनिवार्य था। पूरी दिनभर की भागदौड़ व स्वास्थ्य परीक्षण जिसमे बीपी व सुगर की जांच उपरांत रात्रि को 9 बजे तीन कॉपी में रजिस्ट्रेशन पत्र प्राप्त हुए।

(क्रमशः)

💧जय बाबा बर्फानी💧

*दिनेश कुमार वैष्णव*
किशनगढ़ अजमेर

Day 4

*मेरी अमरनाथ यात्रा लेख क्रमांक 4*

*एक जगह तो हम दोनों पति पत्नी के चेहरे फीके पड़ गए* जब हम मेरी सासूजी का टोकन ले रहे थे। जब टोकन लेने के लिए आधारकार्ड दिखाया गया तो उसमें उम्र 77 वर्ष दर्ज थी जबकि वास्तविक उम्र 65 वर्ष ही है।

टोकन देने वाले ने मना कर दिया कि ये अमरनाथ दर्शन के लिए नहीं जा सकते। उम्र के हिसाब से 13 से 75 वर्ष तक ही नियमानुसार दर्शन के लिए जा सकते है। यह सुनकर हमे काफी धक्का लगा। हम सभी दर्शन करे और सासूजी दर्शन बिना रहे।

हमे सासूजी का टोकन लिए बिना ही बाहर का रास्ता दिखा दिया। अब क्या किया जाए। तभी हमारे यात्रा व्यवस्थापक ने मेरी श्रीमती को सलाह दी कि *आप दोबारा लाइन में लगकर एक टोकन अपने नाम से और जारी करवा लो* और पकड़ में न आओ तो काम बन जायेगा।

श्रीमती हिम्मत करके पुनः लाइन में लग गई और लंबे इंतजार के बाद मेरी सासूजी का यात्रा टोकन लेकर ही बाहर निकली। श्रीमती ने एक विशेष सावधानी यह रखी कि जिस काउंटर पर उसने खुद का टोकन बनवाया था *इस बार उस काउंटर को छोड़ते हुए दूसरे काउंटर से बनवा लिया। *

जब श्रीमती मेरी सासूजी का टोकन लेकर बाहर निकली तो वह बहुत ही प्रसन्नचित थी। *वह एक बहुत बड़ी जंग जीतने जैसी फीलिंग कर रही थी। * मेरी सासूजी जो उदास मन से अपने टोकन का इंतजार कर रहे थे, अपने टोकन को पाकर बहुत बहुत बहुत खुश नजर आ रहे थे।

(क्रमशः)

🌻जय बर्फानी बाबा🌻

*दिनेश कुमार वैष्णव*
किशनगढ़ अजमेर

Day 5

*मेरी अमरनाथ यात्रा लेख क्रमांक 5*

जब अमरनाथ यात्रा की रजिस्ट्रेशन कॉपी मिलती है तो वहाँ 200 रुपये प्रति व्यक्ति रजिस्ट्रेशन शुल्क जमा कराना पड़ता है जिसकी कोई रसीद भी नहीं मिलती। हमारी बस में एक 10 वर्षीय बच्चे के अलावा सभी का रजिस्ट्रेशन हो चुका था।

हम 9 बजे से 11 बजे तक महाजन महासभा के बाहर हमारी बस का इंतजार करते रहे। अधिक समय लग जाने से मिनी बस वालो ने वापस छोड़ने से मना कर दिया। बस व्यवस्थापक ने अपनी बस मंगवाई लेकिन बस 10 बजे बाद सिटी में चलने की अनुमति थी 11 बजे बाद बस आई।

*यात्रा के व्यस्त शिड्यूल पर गौर फरमाएं* इस लेख के पीछे यह मकसद है कि आरामपरस्त लोग यात्रा में न जाये। सुबह से रात्रि 11 बजे तक कोई भोजन का अता पता नहीं। रात्रि 11.30 बजे हम पहुँचे तो हमे बताया गया कि पास ही भण्डारे में सभी को भोजन ग्रहण करना है।

सभी थके हारे भंडारे में जाकर अपना पेट भर लिया। तुरन्त ही घोषणा हो गई कि बस में जितना सामान है यात्री अपने सामान बस से उतार लेवे। आनन फ़ानन में बस से सामान उतारा। बस से 400 मीटर की दूरी पर सभी को सामान चेक कराना जरूरी था। बहुत लंबी लाइन थी। हम भी थके हारे अपने सामान सहित लाइन में लग गए।

करीबन सवा घण्टे की मशक्कत के बाद हम सामान चेक कराते हुए ऐसी बाड़ेबंदी की जगह पहुँच गए जहाँ से ग्रुप में बसों का प्रस्थान होना था। जब बस से सभी यात्रियों ने अपना सामान उतार लिया तो बस की भी चेकिंग की गई और बस भी हमारे कुछ देर बाद ही उस बाड़ेबंदी वाली जगह पर आ गई।

(क्रमशः)

💧जय बर्फानी बाबा💧

*🙏दिनेश कुमार वैष्णव🙏*
किशनगढ अजमेर राजस्थान

Day 6

*मेरी अमरनाथ यात्रा लेख क्रमांक 6*

जम्मू में रजिस्ट्रेशन के वक्त यात्री को विकल्प पूछा जाता है कि आप किस रूट से अमरनाथ जाना पसंद करेंगे। अमरनाथ पहुचने के दो रास्ते हैं। एक सुगम रास्ता है जो पहलगाम से अमरनाथ (36 KM) जाता है और दूसरा बालटाल से अमरनाथ (14KM) जाता है हम सबने बालटाल के रास्ते जाने का विकल्प चुनकर रजिस्ट्रेशन करवाया।

जब हम रात्रि 1 बजे बाड़ेबंदी वाली जगह पहुँचे तो हमारे बस व्यस्थापक ने हमे रात्रि में कुछ देर आराम करने की सलाह दी। ज्योहीं हमने अपनी दरिया बिछाकर मात्र 15 मिनट ही आराम किया तुरन्त माइक पर घोषणा हो गई कि बसों का जत्था ढाई बजे प्रस्थान करेगा सभी यात्री अपनी बसों पर पहुँचे।

हमने अपनी दरिया तुरन्त समेटी और सामान को लादकर बस की जगह पहुँचे लेकिन हमारी बस अभी नहीं लगी थी। सभी यात्री बस की इंतजार में वही बैठ गए। लगभग 40 बसे वहाँ लग चुकी थी जिसमे यात्री बैठ रहे थे आखिर में हमारी बस भी आई और हम तत्काल उसमे बैठ गए।

आधे घण्टे बाद तीन बजे गहन सुरक्षा के बीच एक एक करके बसों का प्रस्थान होने लगा। 40 बसों को आगे कई सुरक्षा कर्मियों का घेरा था और अंतिम बस के पीछे भी कई फौजियों को देखकर मन को बहुत ही गौरव हुआ।

रास्ते मे पग पग पर सुरक्षा कर्मियों को बन्दूक लेकर खड़ा देखा। रात हो या दिन बस वे तो हमारी सुरक्षा के लिए तैयार खड़े थे। मन मे विचार आया कि इनकी सेवा भी कितनी गजब है। ये अपनी जान जोखिम में डालकर हमारी रक्षा के लिए तत्पर रहते हैं। उनकी सेवा भावना से मन प्रफुल्लित हो गया।

वहाँ पर 290KM में बीच मे कहीं भी रुकना अपने हाथ मे नहीं होता। जम्मू से रवाना होने के बाद हम फौजियों के संरक्षण में चलते हैं अतः कहीं भी रुकने की अनुमति नहीं है। सुबह 8 बजे रास्ते मे एक भण्डारे पर मात्र 10 मिनट रुकने की अनुमति मिली। पूरा पहाड़ी इलाका और दुर्गम रास्ता होने से बस धीरे चलती है।

रास्ते मे श्रीनगर व डल झील बस में चलते चलते ही देखी। श्रीनगर में बस के कांच बन्द करने और पर्दा लगाने के लिए कहा गया। हम प्राकृतिक नजारा देखते हुए आगे लक्ष्य की ओर बढ़ रहे थे। रास्ते मे विशालकाय पहाड़ और गहरी खाइयाँ देखकर हमे काफी आश्चर्य हुआ। हम रात्रि में 9 बजे बालटाल पहुँच गए। *इस प्रकार जम्मू से बालटाल पहुँचने में हमे 18 घण्टे लग गए। *

(क्रमशः)

💧जय बर्फानी बाबा की💧

*🙏दिनेश कुमार वैष्णव🙏*
किशनगढ अजमेर राजस्थान