अछूता है, पुरातत्व भ्रमण!!

Tripoto
7th Oct 2019
Day 1

इतिहास, शब्द सुनते ही मन में एक आकृति बनने लगती है, तीर तलवारों की, जंग के मैदानों की, कलाओ की , राजा_ महाराजाओं की, आदिम समाज की और भी बहुत कुछ,मगर आपके जैसे घुमक्कड़ के लिए इतिहास के मायने कुछ ओर ही होते है।आपके ख्यालों में तो नजर आती है वो खूबसूरत विरासत जिसे हमारे पुरखे छोड़ कर गए हमारे लिए जो हमारी इन आंखो को थोड़ा सुकून दे सके।

राहुल सांकृत्यायन ने एक बहुत ही अच्छी बात कही है कि "इतिहास ओर अपकी घुमक्कड़ जिज्ञासा का एक अटूट रिश्ता है जो आपको लगातार प्रेरित करता रहता है कि आप इतिहास को अपनी आंखो से देखे" बस यही बात घर सी कर गई है मन में जो लगातार मुझे इस बात के लिए प्रेरणा दे रही है कि जितना अब तक मैने इतिहास को देखा है, उससे में आपको रूबरू कराऊ। घूमने के लिए आप दुनिया का चक्कर सात बार भी लगा लो फिर भी मन में कुछ नया तलाशने की कशक सी बनी रहती है।
   
कुछ लोगों की लिस्ट में बस उन्हीं जगहों के नाम होते है जो या तो बहुत ही फेमस है या फिर किसी दूसरे ने उन्हें वहां जाने के लिए प्रेरित किया है,मगर ध्यान देने योग्य बात यह है मुसाफिरों की हमारे देश में कुछ ऐसा भी है जो अपने आप में बहुत खूबसूरत है मगर लोगो का ध्यान अपनी ओर खींच पाने मे असफल रहा है, इनमें सबसे ज्यादा प्रभावित किसी ने अगर मुझे किया है तो वह है हमारे आस पास के कुछ छोटे-छोटे  पुरातत्व स्थल जो अपने आप में बहुत ही आदिम कहानियों का एक जत्था समेटे हुए है मगर फिर भी मुशाफिरो को अपने तक खींच लाने में उस हद तक सफल नहीं हुए है इसके पीछे सबसे बड़ा कारण है कि लोगो को या तो इनके बारे में पूरी जानकारी नहीं है या फिर बे दुर्गम स्थानों पर स्थित है।

अगर आप भी चाहते है इतिहास को जीना तो फिर बने रहिए हमारे साथ, हम ले  चलेंगे आप को पुरातत्व के उन कोनो तक जो अभी तक आपसे अछूते है....

#अनवरत यात्री..

Photo of अछूता है, पुरातत्व भ्रमण!! by munendra pratap singh

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