"हम और रेल"
तो दोस्तो यह कहानी आज की पूरी तरह रेल पर आधारित होगी,अब ये न सोचना फिर कोई घटना का किस्सा मिलेगा,बल्कि अब कुछ समझा जाएगा कही इस रेल की, जो भूमिका थी किसी समय में वो भूल तो नही गए लोग।
तो दोस्तो एक दौर था जब हम अंग्रेजी हुकूमत की गुलामी में जकड़े हुए थे। इस दौर में जहाँ भारत गरीबी से जूझ रहा था,वहीं इंग्लैंड औद्योगिकरण से,हालांकि यह उनका विकास हमारे पैसा का था। तो उस समय में जब हमारे लोगो के छोटे व्यापार,शिल्प,कृषि बर्बाद हो गया था,तो एक बड़ी संख्या में लोग भूमिहीन और बेरोजगार हो गए, उसी कुछ समय मे देश से कच्चे सामानों का निर्यात तेजी से होने लगा,और वो वापस हमारे देश मे आकर हमारे उत्पादों की बैंड बजाने लगा। चूंकि भारत एक बड़ा देश है,तो इसी समय होता है रेल का निर्माण एक तरफ उसने नकारात्मक प्रभाव दिए तो एक तरफ सकारात्मक प्रभाव को भी नजरअंदाज कतई नही किया जा सकता है। हमारे इस विविधता वाले देश मे जहाँ लोग एक दूसरे के भाषा से अपरिचित थे,संस्कृति से अपरिचित थे, रेल यात्रा के दौरान उनमे आपसी सामंजस्य बढ़ा,तो तत्कालीन समाज मे व्याप्त जातिभेद,धर्मभेद,लिंगभेद इन सब कुरीतियों ने सबको एक जगह लाकर खड़ा कर दिया। जिससे देश मे एक राष्ट्रीय भावना का जागरण हुआ। लोग अपनी प्राथमिकता समझने लगे एक दूसरे से उनकी दूरियां कम हुई,ठीक उसी तरह जैसे यूरोप में पुनर्जागरण के दौरान हुआ था। इस तरह से हमने रेल के द्वारा एक बड़ा परिवर्तन लाकर एक बड़ा प्रभाव डाला ब्रिटिश सरकार पर।
#लेकिन.....
तब ट्रेन भी कम थी,और आज तो बहुत ट्रेन चलती है फिर आज भी समाज मे जातिभेद,धर्मभेद क्यों प्रचलित है। इसका मतलब हमने अतीत को न ठीक से पढ़ा न सीखा,आज जब भी ट्रेन में बैठता उस समय की बात जहन में आ ही जाती। दुख तब होता है जब ट्रेन में लोगो की अनर्गल बाते सुनाई देती है। यह सूचक है कि शायद बौद्धिक रूप से लोगो का आज देश के प्रति रुझान कम है,हालांकि बहुत लोग है जो आज भी सफर को सार्थक उसी तरह बनाते जैसे उस समय लोगो ने बनाया था।
तो बात बस इतनी सी है कि ट्रेन में जब सफर करो और यात्रा लंबी हो तो ध्यान रखना की इस ट्रेन ने देश मे एक समय मे बहुत बड़ा सकारात्मक परिवर्तन लाया था,तो आज भी उसी भूमिका में है बस परिस्थिति अलग है। आज वैसी परिस्थिति नही लेकिन शायद विंडो सीट पर भौगोलिक दृश्यों का आनंद तो ले सकते हो,रास्ते के स्टेशन को देख तो सकते हो,सबसे बड़ी बात अपनी बोरिंग यात्रा को शानदार और यादगार तो बना सकते हो। अपने यात्रा से बहुत कुछ सीख भी सकते हो।
#तो ध्यान रहे हम और रेल परिवर्तन के दो पहिए है....❣️
#Jay gupta