दारमा वैली : उत्तराखंड की इस जगह की खूबसूरती देख आप भी हो जायेंगे मदहोश

Tripoto
23rd Mar 2024
Photo of दारमा वैली : उत्तराखंड की इस जगह की खूबसूरती देख आप भी हो जायेंगे मदहोश by Priya Yadav


            जब भी पहाड़ों और खूबसूरत वादियों का जिक्र होता है तो जेहन में सबसे पहला नाम हिमाचल और उत्तराखंड का ही आता है उत्तर भारत में स्थित इन दोनो राज्यो की खूबसूरती इस कदर प्रचलित है की केवल देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी लाखों पर्यटक इसकी खूबसूरती का दीदार करने पहुंचते हैं।देव भूमि उत्तराखंड की बात करे तो इसका उल्लेख तो हमारे धार्मिक ग्रंथों में भी मिलता है। जहां ना जाने कितने ही देवी देवताओं ने जन्म लिया और अनेकोनेक ऋषि मुनियों की तपोस्थली रहा है उत्तराखंड इसकी कारण इसे देव भूमि के नाम से जाना जाता है। आज हम उत्तराखंड की एक ऐसी ही जगह के बारे में जानेंगे जहां प्राकृतिक का अद्भुत सौंदर्य तो देखने को मिलता ही है साथ ही महाभारत काल से भी इस स्थान का गहरा नाता है।तो आइए जानते है इस स्थान के विषय में।

Photo of दारमा वैली : उत्तराखंड की इस जगह की खूबसूरती देख आप भी हो जायेंगे मदहोश by Priya Yadav


दारमा वैली

हम बात कर रहे है उत्तराखंड के एक बहुत ही खूबसूरत घाटी की जिसकी सुंदरता देख आप भी अचंभित हो जायेंगे।इस घाटी का नाम है दारमा वैली।जो उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के धारचूला में धौलीगंगा नदी के किनारे स्थित है।यह घाटी अपनी प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है।इसे न सिर्फ उत्तराखंड बल्कि हिमालय की भी सबसे सुंदर घाटियों में से एक माना जाता है। दारमा वैली भारत-चीन सीमा पर स्थित दावे गांव से शुरू होती है और यह मनमोहक घाटी चीन और तिब्बत के साथ नेपाल सीमा से भी काफी करीब है।हिमालयी क्षेत्र में स्थित दारमा घाटी में कुल चौदह गांव हैं।यह के लोग जीवन यापन के लिए फाफर, ओगल, राजमा, आलू सहित जड़ी-बूटी की खेती और पशुपालन करते हैं।घाटी के सुंदर नजारे ऊंचे हिमालय पर्वत की चोटियां,भोजपत्र के पेड़, बुरांश के फूल के पौधे आपको ऐसा प्रतीत होगा जैसे आप किसी फूलो की घाटी में पहुंच गए है।

Photo of दारमा वैली by Priya Yadav


दारमा वैली की पौराणिक कथा

उत्तराखंड को देव भूमि कहा जाता है ये तो हम सब जानते है ऐसा इस लिए क्योंकि यहां की अधिकतर स्थान किसी न किसी रूप में देवी देवताओं से संबंध रखता है यही कारण है कि यह के वातावरण में एक अलग प्रकार की सकारात्मक ऊर्जा आपको अनुभव होगी। दारमा वैली की भी एक पौराणिक कथा है कहा जाता है यही वह स्थान है जहां पाण्डव स्वर्ग जाते समय आखिरी बार भोजन पकाया और खाया था।यही पर स्थित पांडव पीक पांच पांडव के प्रतीक के रूप में आज भी हमारे साथ है।यहां जाकर आपके भीतर एक सुखद और सकारात्मक ऊर्जा स्वयं ही पैदा होने  लगेगी।

Photo of दारमा वैली : उत्तराखंड की इस जगह की खूबसूरती देख आप भी हो जायेंगे मदहोश by Priya Yadav


दारमा घाटी में दुग्तालों का गांव है बेहद ख़ास

दुग्तू गांव दारमा घाटी में स्थित एक छोटा सा गांव है। इस गांव में रं समाज के लोग रहते हैं, जिनकी परम्परा व रहन-सहन बेहद अलग है और बहुत शानदार भी।पंचाचूली की गोद में बसे इस गांव में करीब 150 परिवार रहते हैं। पहले यहां मिट्टी का घर था, जो अब धीरे-धीरे सीमेंट वाले घर में तब्दील हो रहे हैं। इसे दुग्तालों का गांव भी कहा जाता है। कुछ ऐसा ही दांतू गांव का भी नजारा देखने को मिलता है।यह दोनो ही गांव अपने संस्कृति और परंपरा को आज भी जीवित रखे हुए है।जोकि पहाड़ी क्षेत्रों की पहचान है।इस घाटी में कुल 12 आदिवासी गांव बसते हैं, जो आज भी अपनी संस्कृति व परम्परा से लगाव रखते हैं।इस घाटी के मनोरम दृश्य इस कदर खूबसूरत है की एक बार आप यहां चले जाए तो आपको यहां से आने का मन ही नही करेगा।

Photo of दारमा वैली : उत्तराखंड की इस जगह की खूबसूरती देख आप भी हो जायेंगे मदहोश by Priya Yadav


बुरांश के फूल और ट्रेकिंग के लिए है फेमस

हिमालय घाटी के सबसे सुंदर आकर्षणों में से एक है बुरांश के फूल ।आपको इस घाटी में खूबसूरत और मन को मोह लेने वाले सफेद और बैंगनी रंग के बुरांश के फूलों की खूबसूरती देखने को मिलेगी।यहां आपको वनस्पतियों और जीवों की समृद्ध विविधता भी देखने को मिलती है।साथ ही यह स्थान ट्रेकिंग के लिए भी जानी जाती है।ट्रेकिंग का मार्ग गोरी गंगा और दारमा घाटी के बीच का है, जिसे पूरा करते समय आपको रास्ते में एक सुखद अनुभव के साथ शानदार नजारें भी देखने को मिलेंगे।घाटी से पंचाचुली बेस कैंप तक का सफर भी काफी आकर्षक है जहां आप घाटी के खूबसूरत नजरो के बीच खुद को किसी जन्नत में पहुंचा हुआ पाएंगे।

Photo of दारमा वैली : उत्तराखंड की इस जगह की खूबसूरती देख आप भी हो जायेंगे मदहोश by Priya Yadav
Photo of दारमा वैली : उत्तराखंड की इस जगह की खूबसूरती देख आप भी हो जायेंगे मदहोश by Priya Yadav


दारमा घाटी घूमने का सबसे अच्छा समय

अगर आप दारमा वैली घूमने जाना चाहते है तो आपको बता दें कि यहां घूमने के लिए सबसे अच्छा समय मई-जून और सितम्बर-अक्टूबर माना जाता है। क्योंकि अक्टूबर के बाद यहां भारी बर्फबारी शुरू हो जाती है।बारिश के दौरान यहां पर हरियाली और खूबसूरती और भी अधिक मनमोहक हो जाती है।सर्दियों में बर्फबारी के कारण यातायात प्रभावित और यहां के स्थानीय लोग भी निचले इलाकों में चले जाते है इस कारण यह समय यह आना सही नही माना जाता।

कैसे पहुंचें 

हवाई मार्ग से:  अगर आप हवाई मार्ग से यहां आना चाहते है तो आपको बता दें कि यहां का सबसे नजदीकी हवाई अड्डा पंतनगर है। पंतनगर धारचूला से करीब 305 किलोमीटर दूर है। आप यहां से दारमा वैली बस, टैक्सी या किसी दूसरी सवारी से पहुंच सकते हैं।

रेल मार्ग से: यहां का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन टनकपुर है जोकि यहां से करीब 250 किलोमीटर दूर है। आप यहां से बस, टैक्सी या अन्य सवारी से दारमा वैली पहुंच सकते हैं।

सड़क मार्ग से: दारमा घाटी का सबसे नजदीकी शहर धारचूला है। धारचूला सड़क मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। आप यहां से आसानी से रोडवेज की बसों के द्वारा दारमा घाटी पहुंच सकते हैं।

Photo of दारमा वैली : उत्तराखंड की इस जगह की खूबसूरती देख आप भी हो जायेंगे मदहोश by Priya Yadav


कैसा लगा आपको यह आर्टिकल हमे कमेंट में जरुर बताए।

क्या आपने हाल में कोई की यात्रा की है? अपने अनुभव को शेयर करने के लिए यहाँ क्लिक करें

बांग्ला और गुजराती में सफ़रनामे पढ़ने और साझा करने के लिए Tripoto বাংলা और Tripoto ગુજરાતી फॉलो करें।

More By This Author

Further Reads