हम सभी उस समाज में जीना चाहते हैं जहाँ कोई पाबंदियां न हों। जहाँ कोई हमें न बताये की हमें अपना जीवन कैसे जीना है। ऐसी किसी जगह हम सभी जाना चाहते हैं जहाँ आदमी के बनाये नियम न हों।
तो दोस्तों ! मैं एक ऐसी जगह जानती हूँ जो ही दो भाइयों ने बनायीं हैं जो की समाज से दूर एक बेहतर दुनिया की तलाश में थे। ऐसी जगह मिली नहीं तो उन्होंने अपनी दुनिया खुद बना ली। अपनी पढाई ख़तम करने के बाद शहर की भाग दौड़ से दूर उन्होंने यहाँ आकर काम करना और अपने कौशल को काम में लाना ज़रूरी समझा।
हिमांचल के जीभी गांव के पास इन दो भाइयों ने नो सोसाइटी कैफ़े और होमस्टे की शुरुवात की। साथ में ट्री हाउस नो सोसाइटी भी है। यहाँ आने वालों के बीच न सिर्फ ये हसी ख़ुशी बाटते हैं बल्कि यहाँ के आस पास के लोगों को शिक्षित करने में भी सहायता करते हैं। इस शुरुवात से गांव के लोगों को भी समाज में आगे बढ़ने का मौका मिलेगा। इन दो भाइयों ने यहाँ आर्गेनिक खेती की भी शुरवात की है। इन खेतों में ऊगा जैविक खेती का खाना वो अपने होमस्टे में भी लोगों को खिलते हैं। मुझे ये बात बहुत बढ़िया लगी। यहाँ बच्चो को पढ़ने से लेकर जानवरों की देखभाल करने का काम हमेशा ही चलता रहता है। ये सभी काम प्रकृति के तरफ इनका आभार है।
इस जगह में आपको ऐसा मौहौल मिलता है की आपको आज़ादी का अनुभव होगा। आज़ादी लोगों की सोच से , आज़ादी इस समाज की सिखाई हुई हर उस बात से जिसने आपको पाबंदी में रखा हो। ये जगह आपको प्रेरणा देती है एक नए तरीके से सोचने की ताकि आप अपने जीवन को एक नयी शुरुवात दे सकें।
अपने आस पास के नज़रों से प्रेरणा लेते हुए एक ट्री हाउस बनाया गया है। यहाँ रंगों का ऐसा उपजोग किया गया है की आपको प्रकृति के करीब महसूस हो। यहाँ आपको आस पास बस ताज़गी और शांति का एहसास होग। आप पहाड़ों की सुंदरता में खो से जायेंगे। यहाँ सीढ़ियों से ऊपर जाओ तो आपको सुन्दर नज़ारे मिलेंगे और बैठने की एक बढ़िया जगह। अगर आप रोमांच के मूड में हों तो आप सीढ़ियां छोड़ कर सीधे पेड़ पर भी चढ़ सकते हैं।
इस जगह के नाम से ही पता चलता है की ये जगह उन लोगों के लिए बानी है जो समाज के नियमों से दूर जाना चाहते हों। जंगलों के बीच बानी इस जगह में आपको वो आज़ादी मिलती है जहाँ आप अपने नियम बना सकें और ज़िन्दगी के मज़े ले सकें। ये जगह ऑनलाइन बुकिंग के लिए खुली है और आप booking.com और tree house no society में इसे बुक कर सकते हैं।
तो अगली बार जब आप हिमांचल आएं तो यहाँ के ट्री हाउस में आ कर रहे और यहाँ के बच्चो को कुछ समय पढ़ाएं , अच्छा आर्गेनिक खेती का खाना खाएं , नाचे, गायें और ज़िन्दगी के मजे लें।
ये सब एक पहाड़ी ने लिखा है।
ये ब्लॉग वैशाली तंवर के ब्लॉग का हिंदी अनुवाद है। अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें।