द्वारिका धाम एक बहुचर्चित स्थान है।यहां के महत्व के बारे मेंसभी हिन्दू धर्मावलंबी अच्छी तरह जानते हैं। यह चार दामों में से एक प्रसिद्ध धाम है। यहां के दर्शन पा कर भक्त भाग्यशाली महसूस करते हैं।इस स्थान का निर्माण श्री कृष्ण के पोत्र वजरनाभ ने 2500 वर्ष पूर्व करवाया था।श्री कृष्ण मथुरा से द्वारिका गरुड़ के साथ आए थे।यह शहर काठियावाड़ पेनिसुला पर स्थित है।यह मंदिर भारतीय कलाकृति का अनूठा उदाहरण है।
मंदिर में पूजा मंगला आरती से प्रारंभ होता है।यह श्री कृष्ण की कर्म भूमि है। ऐसा माना जाता है कि श्री कृष्ण ब्रज छोड़ कर जब यहां आए तो सभी बृजवासी व्याकुल हो गए थे। वे सभी अपने संदेश उद्धव जी के द्वारा भिजवाते थे। इस स्थान के बारे में किवदंतियां तो बहुत हैं। सबसे बड़ा यहां का धार्मिक महत्व है।यह अरब सागर के किनारे बसा शहर है।यहां की भूमि मरू भूमि है। अतः यहां पर अन्न दन का महत्व है।प्रत्येक व्यक्ति जो हिन्दू मान्यता में आस्था रखता है ,कम से कम एक बार तो आना चाहता है यहां।