जम्मू-कश्मीर में चेनाब नदी पर दुनिया का सबसे ऊंचे रेलवे ब्रिज का आर्क वाला हिस्सा लगभग बनकर तैयार हो गया है। इसकी जानकारी माननीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने 25 फरवरी को इंद्रधनुष के आकार वाले ब्रिज की तस्वीर अपने ट्विटर टाइमलाइन पर चस्पा कर दी। 'इन्फ्रास्ट्रक्चर मार्बल इन मेकिंग' कैप्शन के साथ साझा की गई इंद्रधनुष के आकार वाले रेलवे ब्रिज की तस्वीर की भव्यता को देखकर यह तो साफ हो गया है कि धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की खूबसूरती में चार चांद लगाने जा रहे हैं। साथ ही यहां घूमने आने वाले पर्यटकों को कश्मीर आने का एक और नया बहाना भी मिल गया है।
करीब 476 मीटर लंबाई और 359 मीटर ऊंचाई वाले इस स्टील आर्क ब्रिज के निर्माण की शुरुआत नवंबर, 2017 में शुरू हुई थी, जो कि वर्तमान में अपने अंतिम चरण में पहुंच गई है। मार्च खत्म होते-होते बाकी बचे हुए काम के खत्म हो जाने की भी संभावना है। चेनाब नदी पर बना दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे ब्रिज मशहूर एफिल टॉवर से भी करीब 35 मीटर अधिक ऊंचा है। नायाब इंजीनियरिंग के इस नए चमत्कार को खड़ा करने में भारत सरकार को तकरीबन 1250 करोड़ का खर्च आया है। सबसे सुखद बात यह है कि इस रेलवे ब्रिज के शुरू हो जाने के बाद कश्मीर घाटी को भारतीय रेल नेटवर्क के साथ जोड़ने का वर्षों पुराना सपना साकार हो जाएगा।
आपको बता दें कि दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे ब्रिज सिर्फ दिखने में ही दमदार नहीं है। यह रेलवे ब्रिज 8 तीव्रता वाले भूकंप के झटकों को सहने की ताकत रखता है। इतना ही नहीं तो इस ब्रिज में भयंकर धमाके को भी झेल सकने की शक्ति है। रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, ब्रिज पर आतंकी खतरों और भूकंप के झटकों को देखते हुए इसे सुरक्षा प्रणाली से लैस किया गया है। शेष भारत को रेल मार्ग के जरिए कश्मीर से जोड़ने के उद्देश्य से बनाए गए इस बेहद महत्वकांक्षी रेलवे ब्रिज की कुल लंबाई 1315 मीटर होगी। यह ब्रिज उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला सेक्शन के 111 किमी लंबे कटरा-बनिहाल स्ट्रैच का मुख्य लिंक होगा।
अधिकारिक जानकारी के अनुसार, इस साल के अंत तक चेनाब रेलवे ब्रिज के पूरी तरह तैयार होने की संभावना है। और अगले साल तक इस ब्रिज से रेल सेवा की शुरुआत हो जाने के भी पूरे आसार है। ब्रिज के दोनों छोर पर रेलवे स्टेशन बनाया जाएगा। स्टील के ढांचों से निर्मित रेलवे का यह आर्क ब्रिज इतना शक्तिशाली होगा कि इस पर से ट्रेन 100 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से गुजर सकेगी। इतना ही नहीं तो गहरी खाई पर खड़ा यह ब्रिज करीब 266 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बहने वाली हवाओं के दबाव तक को झेल सकता है। विशेषज्ञों ने इस ब्रिज के लाइफस्पैन का अनुमान करीब 120 साल लगाया गया है।