राह आसान हो तो वो राह किसी तेज धड़कनों के साथ मंजिल पर ना पहुंचे, तो वो मंजिल कैसीThese pictures are enough to tell the whole story but instead of that i had decided to write and share that story so i can relive each and every moment.आसमान से जन्नत शायद ऐसी ही नजर आती होगी. यकीनन हम आसमान पर नहीं थे लेकिन धरती पर पांव भी ना थे. चेहरे को छूं कर गुजरती हवा, बालों से खेलती हवा बीच-बीच में आकर कानों में फुसफुसा भी रही थी. शुरुवात में लगा था क्या है कुछ भी तो नहीं लेकिन दिल की धड़कने साफ बता रही थी होंठों की मुस्कुराहट झूठी हैं. आंखोसफर का आगाज होते ही दिल ने एक बार फिर कहा चल सुमन वापिस चल, लेकिन कांपते पांव वापिस जाने को राज़ी ना थे. दिल को समझा एक-एक कदम आगे बढ़ाया खुद को अपने डर से मिलवाया. उस दिन पहली बार एहसास हुआ हाईट से डरती हूं मैं, फिर भी क्या बात है इतनी हाईट पर हूं मैं. यकीन मानिए डर बड़ा था लेकिन उस डर के साथ मंजिलशुरुवात की वो मुस्कुराहट अब मंजिल पर गायब थी, लेकिन हां होंठों पर मुस्कुराहट तो अब भी थी, फर्क यह था यह सच्ची थी अच्छी थी बड़ी थी डर की नहीं थी.experience the iconic Nepalese Bridge in the Vallee des Couleurs Nature Park mauritius. its a 350m long walk. you’ll walk along the longest suspended bridge in the Indian Ocean, 350 meters of pure joy.