परसोन मंदिर, फरीदाबाद

Tripoto
5th Jul 2021
Day 1

परसोन मंदिर :

फरीदाबाद की अनछुई तपोभूमि

-सुनील शर्मा

शनिवार, 3 जुलाई को सुबह योग करने के बाद अचानक कुछ दोस्तों का परसोन मंदिर जाने का प्रोग्राम बन गया और अगले दिन रविवार की सुबह हम पांच जने जा पहुंचे फरीदाबाद की उस अनदेखी जगह (जिन्हें पता है वही जाते हैं बस), जहां मन और तन को अनोखा सुकून मिलता है.

वैसे, फरीदाबाद का नाम जेहन में आते ही बड़खल झील और सूरजकुंड आंखों के आगे नाचने लगते हैं, लेकिन बड़खल झील से कुछ ही दूर अरावली की पहाड़ियों में बने नैसर्गिक कुंड और पाराशर ऋषि की तपोभूमि भी बरबस ही आपका ध्यान खींचने के लिए काफी हैं.

ऋषि पाराशर की तपोभूमि होने के कारण ही इस क्षेत्र का नाम परसोन पड़ा है. मान्यता है कि महर्षि वेद व्यास का जन्म इसी जगह पर हुआ था. यहां पर महर्षि पाराशर का प्राचीन धूना अब भी सुरक्षित रखा है, जिसमें यहां रहने वाला साधु लगातार अग्नि प्रज्ज्वलित रखता है.

एक मान्यता के अनुसार, ऋषि पाराशर ने बाण चलाकर अमृत कुंड, हथिया कुंड और ब्रह्मकुंड नामक 3 सरोवर बनाए थे, जिनमें वे स्नान करने के बाद नित्य पूजा-कर्म आदि करते थे.

कैसे जाएं

परसोन मंदिर बड़खल झील के निकट है. यहां पहुंचने के बाद किसी से भी पूछने पर परसोन मंदिर का रास्ता पता चल जाता है. पक्की सड़क से मंदिर जाने का तकरीबन दो किलोमीटर लंबा रास्ता पथरीला और ऊबड़खाबड़ है, लेकिन उस पर कार, दोपहिया वाहन और पैदल भी जाया जा सकता है. बड़खल झील परिसर से इस रास्ते पर जाने के लिए एक बोर्ड भी लगा है.

लंगूरों से सावधान

पहाड़ी से घिरे इस हरे-भरे मंदिर परिसर में खजूर के पेड़ों के झुरमुट में लंगूर भी खूब रहते हैं जिन्हें लोग फलों खासकर केलों से रिझाते हैं. ऐसा करते हुए सावधान रहें और अपने साथ लाए पॉलीथिन और दूसरे सामान को कचरा समझकर यहां-वहां न फेंकें, क्योंकि इससे मंदिर परिसर की खूबसूरती खराब होती है और पर्यावरण को भी नुकसान होता है.

ट्रैकिंग का भी मजा

मंदिर देखने के अलावा जो लोग ट्रैकिंग के दीवाने हैं वे आस-पास के इलाके को एक्सप्लोर कर सकते हैं और फोटोग्राफी का लुत्फ ले सकते हैं. सुबह के समय प्राकृतिक सुंदरता देखने की चाह इस जगह पर पूरी हो जाती है. पक्षियों का चहचहाना मन को तृप्त कर देता है. तीन तरफ से पहाड़ी से घिरा यह मंदिर तकरीबन 250 फुट नीचे तलहटी में बना हुआ है और हर तरह के शोर-शराबे से दूर है.

जाने का सही समय

मंदिर होने के कारण वैसे तो आप कभी भी यहां आ सकते हैं, पर अक्तूबर से फरवरी के बीच का समय सबसे ज्यादा उपयुक्त है. बारिश होने के बाद यहां की हरियाली देखते ही बनती है. ज्यादा कोहरे में भी दिक्कत हो सकती है.

परसोन परिसर का एक मंदिर

Photo of परसोन मंदिर, फरीदाबाद by Sunil Sharma

मनमोहक हरियाली

Photo of परसोन मंदिर, फरीदाबाद by Sunil Sharma

प्राचीन कुंड

Photo of परसोन मंदिर, फरीदाबाद by Sunil Sharma

ट्रेकिंग का मजा

Photo of परसोन मंदिर, फरीदाबाद by Sunil Sharma

प्राकृतिक छटा

Photo of परसोन मंदिर, फरीदाबाद by Sunil Sharma

शिव मंदिर

Photo of परसोन मंदिर, फरीदाबाद by Sunil Sharma

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