श्री त्र्यंबकेश्‍वर ज्योतिर्लिंग- एकमात्र ज्योतिर्लिंग जहां होते हैं तीनों देव के दर्शन

Tripoto
Photo of श्री त्र्यंबकेश्‍वर ज्योतिर्लिंग- एकमात्र ज्योतिर्लिंग जहां होते हैं तीनों देव के दर्शन by Hitendra Gupta

हिंदू धर्म के 12 ज्योतिर्लिंग में से एक त्र्यंबकेश्‍वर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र में नासिक के पास है। त्र्यंबकेश्‍वर मंदिर ब्रह्मगिरी पर्वत की तलहटी में स्थित है। हर ज्योतिर्लिंग में भगवान शिव जहां लिंग स्वरूप में विराजमान हैं, वहीं त्र्यंबकेश्‍वर ज्योतिर्लिंग में भगवान ब्रह्मा, विष्‍णु और महेश तीनों स्वरूप में विराजमान हैं। एक ज्योतिर्लिंग में ही तीनों देव के दर्शन का सौभाग्य सिर्फ यहीं मिल सकता है।

Photo of श्री त्र्यंबकेश्‍वर ज्योतिर्लिंग- एकमात्र ज्योतिर्लिंग जहां होते हैं तीनों देव के दर्शन by Hitendra Gupta

काले पत्थर से बना मंदिर बहुत ही भव्य और दिव्य है। यहां त्र्यंबकेश्‍वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन मात्र से ही लोगों के सभी पाप मिट जाते हैं। आप मंदिर परिसर में निजी तौर पर पूजा-अभिषेक भी करा सकते हैं। लेकिन भक्तों को गर्भगृह के भीतर जाकर लिंग को स्पर्श करने की अनुमति नहीं है। आप सिर्फ ज्योतिर्लिंग के दिव्य दर्शन कर सकते हैं। परिसर के भीतर और बाहर भी टीवी स्क्रीन लगाए गए हैं जहां से भी भी आप हर वक्त ज्योतिर्लिंग के दर्शन कर सकते हैं।

श्री त्र्यंबकेश्‍वर ज्योतिर्लिंग के बारे में कहा जाता है कि एक बार कुछ ऋषियों के कारण गौतम ऋषि पर गौ-हत्या का पाप लग गया। इस पाप को मिटाने के उपाय के रूप में उन्हें वहां गंगा लाकर स्नान करने और पार्थिव शिवलिंग बनाकर पूजा-अर्चना करने को कहा गया। इसके बाद गौतम ऋषि ने वहां घोर तपस्या की जिसके बाद प्रसन्न होकर भगवान शिव माता पार्वती के साथ प्रकट हुए और वरदान मांगने को कहा। साथ ही उन्होंने गौतम ऋषि को बताया कि दूसरे ऋषियों ने उनके साथ छल किया है। उस पर गौतम ऋषि ने कहा कि अच्छा हुआ कि उनके छल के कारण आपके दर्शन हो गए। वरदान के स्वरूप उन्होंने भगवान शिव से त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग के रूप में वहीं वास करने के लिए कहा। जिसके बाद से यह पवित्र स्थल त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग के रूप में प्रसिद्ध हुआ। इसके साथ ही गंगा माता पास में गोदावरी नदी के रूप में प्रवाहित होने लगी।

Photo of श्री त्र्यंबकेश्‍वर ज्योतिर्लिंग- एकमात्र ज्योतिर्लिंग जहां होते हैं तीनों देव के दर्शन by Hitendra Gupta

मंदिर के पास एक कुशावर्त तीर्थ कुंड है। कुशावर्त तीर्थ कुंड घाट पर स्नान कर श्रद्धालु श्री त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में दर्शन के लिए जाते हैं। यहां कुंभ मेला भी लगता है। कुंभ स्नान के समय संन्यासी इसी कुंड में शाही स्नान करते हैं। कुशावर्त तीर्थ कुंड में पानी को जल्दी-जल्दी बदलने की जरूरत है। जब मैं होली के अगले दिन यहां पहुंचा तो स्थानीय लोगों का कहना था कि काफी दिनों से पानी नहीं बदला गया है।

मंदिर के पास ही ब्रह्मगिरी पर्वत है जहां से गोदावरी नदी निकलती है। पर्वत के ऊपर मंदिर भी बना हुई है। श्रद्धालु करीब सात सौ सीढ़ी चढ़कर वहां पहुंचते हैं। ब्रह्मगिरी पर्वत से त्र्यंबकेश्वर का भव्य दृश्य देखने को मिलता है। यहां जाने के लिए आप या तो पैदल जा सकते हैं या फिर पहाड़ी पर स्थित मंदिर के पास तक ऑटो से जा सकते हैं। ऑटो वाला मनमाना पैसा मांगता है। उससे मोल-तोल कराने की जरूरत है।

Photo of श्री त्र्यंबकेश्‍वर ज्योतिर्लिंग- एकमात्र ज्योतिर्लिंग जहां होते हैं तीनों देव के दर्शन by Hitendra Gupta

श्री त्र्यंबकेश्‍वर ज्योतिर्लिंग में आम तौर पर रविवार और सोमवार के दिन भीड़ कुछ ज्यादा रहती है। वैसे श्रावण के महीने और शिवरात्रि के समय तो यहां काफी भीड़ होती है। इस अवसर पर यहां देश दुनिया से हिंदू धर्म के श्रद्धालु आते हैं। अगर आप आसानी से दर्शन करना चाहते हैं तो कोशिश कीजिए कि सुबह 9-10 बजे से पहले दर्शन हो जाए। इसके बाद बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ने लगती है।

Photo of श्री त्र्यंबकेश्‍वर ज्योतिर्लिंग- एकमात्र ज्योतिर्लिंग जहां होते हैं तीनों देव के दर्शन by Hitendra Gupta

इसके साथ ही नासिक से श्री त्र्यंबकेश्‍वर ज्योतिर्लिंग मंदिर आते वक्त रास्ते में अंजनेरी पर्वत है। बताया जाता है कि अंजनेरी पर्वत पर ही हनुमान जी का अवतरण हुआ था। वैसे मुख्य मंदिर तो पर्वत के काफी ऊपर है लेकिन अंजनेरी पर्वत के नीचे भी हनुमान जी का एक मंदिर है। इस मंदिर में हनुमान जी की एक भव्य प्रतिमा है। जो लोग पर्वत पर चढ़ नहीं सकते वो यहीं हनुमान जी का दर्शन कर लेते हैं।

त्र्यंबकेश्‍वर मंदिर के सामने नीलपर्वत है। यहां माता निलांबिका देवी मंदिर, माता मटंबा देवी मंदिर, भगवान दत्तागुरू मंदिर के साथ कई और मंदिर हैं। यहां एक विशाल त्रिशूल और शिवपिंडी बनाया गया है। विशाल त्रिशूल काफी दूर से ही दिखाई देता है और लोग इसे देखने भी यहां तक आते हैं। आप मंदिर से यहां पैदल, ऑटो रिक्शा या अपनी गाड़ी से भी आ सकते हैं। नीलपर्वत से शहर का अद्भुत दृश्य दिखाई देता है।

Photo of श्री त्र्यंबकेश्‍वर ज्योतिर्लिंग- एकमात्र ज्योतिर्लिंग जहां होते हैं तीनों देव के दर्शन by Hitendra Gupta

ठहरने और खाने-पीने की व्यवस्था

मंदिर के आसपास रहने और खाने-पीने की बढ़िया व्यवस्था है। आप 300 से लेकर 2000 रुपये तक के कमरे ले सकते है। कई होटल, लॉज के साथ रहने की उत्तम व्यवस्था यहां श्री गजानन महाराज संस्थान में भी है। मंदिर के मुश्किल से चार-पांच सौ मीटर की दूरी पर स्थित श्री गजानन महाराज संस्थान ठहरने के लिए सबसे बढ़िया विकल्प है। त्र्यंबकेश्वर में रहने के साथ खाने के मामले में भी कोई दिक्कत नहीं है। यहां 20 रुपये के बड़ा पाव से लेकर 100-150 रुपये की थाली भी आप खाने में ले सकते हैं।

Photo of श्री त्र्यंबकेश्‍वर ज्योतिर्लिंग- एकमात्र ज्योतिर्लिंग जहां होते हैं तीनों देव के दर्शन by Hitendra Gupta
Photo of श्री त्र्यंबकेश्‍वर ज्योतिर्लिंग- एकमात्र ज्योतिर्लिंग जहां होते हैं तीनों देव के दर्शन by Hitendra Gupta

कैसे पहुंचे

श्री त्र्यंबकेश्‍वर ज्योतिर्लिंग मंदिर पहुंचना भी काफी आसान है। यह नासिक शहर से करीब 28 किलोमीटर की दूरी पर है। नासिक देश के तकरीबन सभी इलाके से रेल, सड़क और वायुमार्ग से जुड़ा हुआ है। नासिक से मंदिर के बीच बस सर्विस काफी अच्छी है। 45 रुपये प्रति व्यक्ति के हिसाब से बस टिकट लेकर आप 20 से 25 मिनट में यहां पहुंच जाएंगे। बस से अलावा आप ऑटो- टैक्सी से भी यहां पहुंच सकते हैं।

Photo of श्री त्र्यंबकेश्‍वर ज्योतिर्लिंग- एकमात्र ज्योतिर्लिंग जहां होते हैं तीनों देव के दर्शन by Hitendra Gupta
Photo of श्री त्र्यंबकेश्‍वर ज्योतिर्लिंग- एकमात्र ज्योतिर्लिंग जहां होते हैं तीनों देव के दर्शन by Hitendra Gupta

कब पहुंचे-

भगवान के भक्तों के लिए श्री त्र्यंबकेश्‍वर ज्योतिर्लिंग मंदिर का दरबार सालों पर खुला रहता है। लेकिन आपको यहां गर्मी और बरसात में आने से बचना चाहिए। पहाड़ी इलाका होने के कारण तीखी गर्मी में आप परेशान हो सकते हैं। अगर आपको वर्षा से परेशानी नहीं है तो आप बरसात में भी आ सकते हैं। सावन के महीने में यहां काफी भीड़ रहती है लेकिन बरसात में कम लोगों के आने के कारण आप यहां श्री त्र्यंबकेश्‍वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में आसानी से दर्शन पूजा-अर्चना कर सकते हैं।

सभी फोटो- हितेन्द्र गुप्ता

Photo of श्री त्र्यंबकेश्‍वर ज्योतिर्लिंग- एकमात्र ज्योतिर्लिंग जहां होते हैं तीनों देव के दर्शन by Hitendra Gupta

आप सभी को श्री त्र्यंबकेश्‍वर ज्योतिर्लिंग मंदिर की दर्शन यात्रा के लिए शुभकामनाएं। आपकी यात्रा शुभ और मंगलमय हो। अपनी यात्रा के बारे में सलाह-सुझाव हो तो कमेंट में जरूर बताइएगा। धन्यवाद।

-हितेन्द्र गुप्ता

Keywords- तीर्थराज कुशावर्त, नासिक त्र्यंबकेश्‍वर ,Kushawarta Theeth Nasik Tryambakeshwar Jyotirling Temple, #Kushawarta #KushawartaTheeth #TheethrajKushawarta #tryambakeshwar #trimbakeshwar #nashik #nasik #templetourism #templeTown #temple #jyotirling #shivatemple #templesofindia #incredibleindia #maharashtra #shivmandir #Dekhoapnadesh #Mahadev #trimbak #jyotirlinga #hindutemple