उस रात चांद को भी जागना पड़ा।।।
दिनांक 11-4-22 की शाम को मैंने ये फैसला लिया एक बार पूर्वोत्तर क्षेत्र में रिवर साइड टेंट में नाइट् आउट करना हैं फिर क्या शिलांग से 80 किलोमीटर दूर सीनांगपेडेंग ( मेघालय, dowki River जयंतीया हिल्स)
के
लिए निकल पड़े बादलों के बीच से होते हुए लोकल लोगों से बातें सुनते करते हुए रात 9 बजे नदी के किनारे पहुचना हुआ भूख नहीं थी क्यूँ कि खुले आसमान के नीचे रहने के साथ साथ चांद को पूरी रात निहारने का मौका था ।।
फिर क्या टेंट में बैठे बैठे निहारते रहे चांद को और नदी अपनी धुन रात भर सुनाती रहीं पहाड़ों ने संगीत देने मे कोई कसर नहीं छोड़ी।।।।
आज की रात चांद भी जगा रहा मेरे लिए ही शायद ।।।
बाकी सब दिल में इक कोना बना के पूरे रात की याद हैं जो ता उम्र रहेगी,
घुमक्कड़ी आपको सिखाती हैं हर वस्तु से मोहब्बत करना और अपने साथ अनेकों लोगों के सपनों को जिंदा करने का काम कर देती है ।।
याद नहीं कइयों के नाम पर हर घुमक्कड़ी मे मुलाकात होती ही है फकीरी से ,दुनिया से ,
प्रकृति तो साथ ही चलती ही है इठलाते हुए ।।
बाकी मोहब्बत जिंदाबाद रहे ये दुनिया आबाद रहे ❣
आपके प्यार से और भी सपनों को पूरा कर लूँगा। ।।
पूरे टूर में खूब सारा प्यार देने के लिए सबको बहुत बहुत धन्यवाद। ।।
फिर लिखूँगा कभी खूब ज्यादा हर तस्वीर की कहानी सुनाऊँगा ।।
आप सुनेंगे ना।।।❣❣
केशरी नंदन पांडेय 😊🙏