राजस्थान का गौरव - चितौड़गढ़ किला

Tripoto
Photo of राजस्थान का गौरव - चितौड़गढ़ किला by Dr. Yadwinder Singh
Day 1

चितौड़गढ़ किला
दोस्तों वैसे तो सारा राजस्थान ही घूमने लायक हैं, यह धरती वीरों बहादुरों की हैं, जो अपनी मिट्टी के लिए लड़ते हुए जान तक दे देते थे। राजस्थान भारत का सबसे बड़ा राज्य हैं। चितौड़गढ़ किला राजस्थान की शान हैं।
एक ऊँची पहाड़ी पर बना हुआ यह किला अपने अंदर बहुत पुराने मंदिर, ईमारतें, महल, खंडर और मीनारें समेटे हुए है। यह मेवाड़ के सिसोदिया वंश की राजधानी रहा, 12 वी सदी से 16 वी सदी तक। यह राजस्थान के सबसे बड़े किला होने की वजह से आक्रमणकारियों के निशाने पर रहा। इस किले पर पहला घेरा 1303 ईसवी में अलायूदीन खिलजी ने डाला जिसका मकसद रानी पदमिनी को हासिल करना था। उस समय रानी पदमिनी के साथ 13000 औरतों ने जौहर किया।
दूसरा घेरा गुजरात के सुल्तान बहादुर शाह के समय 1535 में हुआ, उस समय किले में दूसरा जौहर हुआ।
तीसरा घेरा अकबर के समय 1567 में पड़ा। मेवाड़ के शेर महाराणा प्रताप आखरी दम तक अकबर के साथ संघर्ष करते रहे।
अब बात मेरी चितौड़गढ़ यात्रा की, मैं घर से हनुमानगढ़ पहुंचा| वहाँ से रात को सलीपर बस लेकर सूबह आठ बजे चितौड़गढ़ पहुंच गया| 
चितौड़गढ़ में मैंने एक आटो से बात की 300 रुपये में किला घूमाना और वापिस बस सटैंड पर छोड़ देना। चितौडग़ढ़ का किला राजस्थान का सबसे बड़ा किला हैं, भारत के भी बडे़ किलो में इसका नाम आता है। यह किला विश्व विरासत सथल भी हैं ।
आटो में बैठ कर अब मैं चितौड़गढ़ किला घूमने चल पड़ा। बहुत सारे दरवाजे पार करके मैं किले के अंदर पहुंच गया। सबसे पहले राना कुम्भा महल आया।
#राना कुम्भा महल
यह महल राना कुम्भा के नाम पर बना हुआ है, लेकिन उन्होंने इसे बनाया नहीं हैं, पहले से बने हुए इस महल का रख रखाव किया और इसे अच्छी तरह से विकसित किया।इस महल में बैठ कर ही वह सूर्य की पूजा करते थे और सूर्य उदय को देखते थे। यह महल अब खंडर की तरह बन चुका हैं। मैंने भी इस महल को देखा, थोड़ी फोटो खींची।
#जैन मंदिर
चितौड़गढ़ किले के अंदर बहुत खूबसूरत जैन मंदिर बना हुआ है जिसे राणा कुम्भा के खजांची ने 1448 ईसवी में बनाया था। जैन मंदिर की कलाकारी और नककाशी लाजवाब है। जैन मंदिर में दर्शन करके मन निहाल हो गया।
#विजय सतंभ
इसको टावर आफ विकटरी भी कहते हैं, इसका निर्माण राणा कुम्भा ने 1458 से 1468 ईसवीं के बीच करवाया।
उन्होंने इसे मालवा ( मांडू) के सुल्तान के ऊपर विजय की याद में बनाया। यह सतंभ नौ मंजिला हैं और ऊपर चढ़ने के लिए अंदर छोटी 157 सीढियां बनी हुई हैं। मैं भी विजय सतंभ के ऊपर गया, टाप से चितौडग़ढ़ किले का खूबसूरत नजारा दिखाई देता हैं।
सतंभ की दीवारों पर नीचे से लेकर ऊपर तक पत्थर की नककाशी से फूल बूटे, हिन्दू देवी देवताओं और पशु पक्षियों के चित्र बने हुए हैं, जिनकी कलाकृतियों से यह सतंभ लाजवाब बना हुआ है। तीसरी और आठवीं मंजिल पर अल्लाह  नाम भी लिखा हुआ है अरबी में।
सतंभ के थोड़ा दक्षिण में महासती जगह है, जहां पर राजपूताना की बहादुर औरतों ने जौहर किया था।
#गौमुख तालाब
चितौड़गढ़ के किले में कुदरती पानी का सौमा हैं, गौमुख तालाब जिसमें जल एक पहाड़ी में कुदरती झरने से निकलता हैं, जिसका आकार गौमुख की तरह हैं, इसीलिए इस तालाब का नाम गौमुख तालाब हैं।
विजय सतंभ देखने के बाद मैं गोमुख तालाब देखने गया, वहां कुछ लोग तालाब में तैर रहे थे।

राना कुम्भा महल

Photo of Chittorgarh Fort by Dr. Yadwinder Singh

जैन मंदिर चितौड़गढ़ किला

Photo of Chittorgarh Fort by Dr. Yadwinder Singh

मैं जैन मंदिर चितौड़गढ़ किले को घूमते हुए

Photo of Chittorgarh Fort by Dr. Yadwinder Singh

विजय सतंभ

Photo of Chittorgarh Fort by Dr. Yadwinder Singh

विजय सतंभ का खूबसूरत दृश्य

Photo of Chittorgarh Fort by Dr. Yadwinder Singh

गौमुख तालाब

Photo of Chittorgarh Fort by Dr. Yadwinder Singh
Day 2

विजय सतंभ देखने के बाद मैं कुम्भा शयाम मंदिर और मीराबाई मंदिर के दर्शन करने गया।
#कुम्भा शयाम मंदिर
कुम्भा शयाम मंदिर का निर्माण राणा कुम्भा ने करवाया, यह मंदिर भगवान विशनु को समर्पित हैं, जो उनके वराह अवतार की मूर्ति बनी हुई है। यह मंदिर बहुत ही बड़ा और शानदार हैं, मैंने इस भव्य मंदिर में दर्शन किए।
#मीराबाई मंदिर
मीराबाई भगवान कृष्ण की बहुत बड़ी भक्त थी, वह राजस्थान के मेड़ता की रहने वाली थी, उनकी शादी चितौड़गढ़ के युवराज भोज राज से हुई थी, छोटी उमर में ही मीरा जी विधवा हो गई थी, उन्होंने अपनी सारी उमर भगवान कृष्ण की भक्ति में लगा दी। कुम्भा शयाम मंदिर के बिल्कुल साथ ही मीराबाई मंदिर बना हुआ है, यह मंदिर कुम्भा शयाम मंदिर से छोटा हैं, इसी मंदिर में ही वह 
भगवान कृष्ण की भक्ति और कीरतन करती थी। यहां पर ही मीराबाई को उसके देवर ने वृष दे दिया था, जो भगवान कृष्ण की कृपा से अमृत बन गया था। इस मंदिर के दर्शन करके मन निहाल हो गया। मीराबाई जैसी पवित्र भक्त को शत शत नमन

#पदमिनी महल
रानी पदमिनी मेवाड़ की बहुत खूबसूरत और मशहूर रानी थी उनकी शादी रावल रतन सिंह से हुई थी। यह बात हैं 1303 ईसवी की जब दिल्ली के सुलतान जालिम अलायूदीन खिलजी ने चितौड़गढ़ को 6 महीने तक घेर रखा और किले की खाने पीने की सपलाई बंद कर दी, रावल रतन सिंह खिलजी के आगे झुकना नहीं चाहते थे, खिलजी ने कहा अगर रानी पदमिनी की एक झलक देखने को मिल जाए तो वह वापस चला जाएगा, तब खिलजी ने रानी पदमिनी के प्रतिबिंब को शीशे में देखा, वह शीशा रानी पदमिनी के महल में लगा हुआ था, जब राणा खिलजी को किले के गेट तक छोड़ने आया तो, खिलजी ने धोखे से राणा रावल रतन सिंह को कैद कर लिया, और खिलजी ने मांग रखी, राणा को तबी छोडूंगा अगर रानी पदमिनी मुझे दी जाएगी, फिर रानी पदमिनी नै बहुत सूझबूझ से बोला मेरे साथ मेरी सहेलियों की 700 पालकी जाएगी, उन 700 पालकीयों में सत्री कपड़ो में 700 बहादुर सिपाहियों को हथियारों के साथ बिठा दिया गया और राणा रावल रतन सिंह को आजाद करवा लिया गया, खिलजी दिल्ली भाग गया। खिलजी गुस्से में था, फिर उसने दुबारा चितौड़गढ़ पर हमला किया,  30,000 लोगों को मार गिराया। रानी पदमिनी ने अपनी सहेलियों के साथ जौहर किया। यह थी कहानी रानी पदमिनी की,
मैंने पदमिनी महल को देखा और कुछ फोटोज खींचने के बाद मैं आगे बढ़ गया।
#कालिका माता मंदिर
पदमिनी महल से 250 मीटर की दूरी पर कालिका माता का भव्य मंदिर बना हुआ है, फिर मैंने माता के मंदिर में माथा टेकने के बाद माँ का आशीर्वाद लिया, कुछ भक्त वहां हलवा बाँट रहे थे, मैंने भी हलवा खाया।

#कीरती सतंभ
कीरती सतंभ 7 मंजिला हैं, इसे एक जैन वयापारी ने जैन धर्म के पहले तीथंकर आदीनाथ जी की याद में बनाया  1301 ईसवी में बनाया था, यह सतंभ विजय सतंभ से जयादा पुराना है। मैंने भी सारा चितौड़गढ़ किला देख कर आखिर में कीरती सतंभ को देखा, कीरती सतंभ के बगल में ही एक शानदार जैन मंदिर बना हुआ है, जिसके मैने दर्शन किए।
#सूरजपोल
चितौड़गढ़ किले की पूर्व दिशा में किले का एक महत्वपूर्ण गेट बना हुआ है जिसे सूरजपोल कहते हैं। सूरजपोल से चढ़ते हुए सूरज का खूबसूरत दृश्य दिखाई देता है। मैनें सूरजपोल की कुछ फोटोज खींची, सूरजपोल के बाहर दिखने वाले नजारे को देखा, फिर मेरा चितौड़गढ़ किले का सफर पूरा हो गया, आटो वाले भाई ने अंत में चितौड़गढ़ किले की परिक्रमा करवाई, बाद में मुझे चितौड़गढ़ के बस स्टैंड पर छोड़ दिया, जहां से मैं आगे उदयपुर के लिए बस लेकर आगे बढ़ गया।

कुम्भा शयाम मंदिर

Photo of Chittorgarh Fort by Dr. Yadwinder Singh

मैं मीराबाई मंदिर के सामने

Photo of Chittorgarh Fort by Dr. Yadwinder Singh

मीराबाई का भजन

Photo of Chittorgarh Fort by Dr. Yadwinder Singh

पदमिनी महल

Photo of Chittorgarh Fort by Dr. Yadwinder Singh

कालिका मंदिर चितौड़गढ़ किला

Photo of Chittorgarh Fort by Dr. Yadwinder Singh

कीरती सतंभ

Photo of Chittorgarh Fort by Dr. Yadwinder Singh

कीरती सतंभ के सामने मेरी तसवीर

Photo of Chittorgarh Fort by Dr. Yadwinder Singh

सूरजपोल

Photo of Chittorgarh Fort by Dr. Yadwinder Singh