
#सोनागिर ,दतिया(म.प्र.)
दतिया रेलवे स्टेशन से महज 15 km की दूरी पर स्थित सोनागिर एक बहुत ही प्रसिद्ध जैन तीर्थ क्षेत्र है जिसे श्रवनगिरी या स्वर्ण गिरी भी कहते है। यह स्थान लघु संवेद शिखर के नाम से भी प्रसिद्ध है। जहां आचार्य शिव चंद्र एवम भृतहरि ऋषि ने निवास करके आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त किया और कुछ ग्रंथो की रचना भी की। सोनागिरि पर्वत पर भगवान चन्द्रप्रभु भी लगभग17 बार आये।
सोनागिरी पर्वत लगभग 132 एकड़ में फैला हुआ है जिस पर 77 बड़े एवम भव्य मंदिरो की एक श्रंखला है। जिनमे से अधिकांश मंदिर अत्यंत प्राचीन है। सभी मंदिरों में मंदिर क्रमांक 57 सबसे बड़ा एवम भव्य है जिसमें भगवान चन्द्रप्रभु की 11 फ़ीट ऊंची प्रतिमा स्थापित है इस मंदिर के निकट ही 43 फ़ीट ऊंचा पवित्र स्तंभ भी है। सोनागिर मे इन 77 मंदिरों के अतिरिक्त 26 मंदिर और भी है जिनमे से कुछ अति प्राचीन है।
एक ही पर्वत पर इतने सारे भव्य मंदिरों का समूह आने वालों को अत्यधिक आकर्षित और मंत्र मुग्ध करता है मानसून के समय और शर्दियों में पहाड़ी से चारो ओर जंगल, खेत और हरियाली ही हरियाली नजर आती है। जो मन को मोह लेती है। मैं भी अक्सर यहां प्रभु जी के दर्शन करने जाता रहता हूँ।
सोनागिरि में रेलवे स्टेशन भी है जिस पर कुछ ट्रेनें रुकती है और होली की दोज पर यहां 3 दिवसीय मेले का आयोजन किया जाता है। जिसमे हज़ारो की संख्या में लोग आते है और लगभग सभी ट्रेनें यहां रुकती भी है। साथ ही यहां पर ठहरने के लिए होटल एवम अनेक धर्मशालाएं भी है जिनमे हज़ारो लोग एक साथ ठहर सकते है। यह स्थान पर्यटन और धार्मिक दोनो दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है।
कैसे पहुंचें - वैसे तो सोनागिर में रेलवे स्टेशन है परन्तु यहां बहुत कम गाडियां रुकती है। इसलिए नजदीक स्टेशन दतिया पहुंचना ज्यादा उचित है।
ठहरने की व्यवस्था- सोनागिर में ठहरने के लिए अनेक होटल एवं धर्मशालाऐ है जहां आसानी से कमरे मिल जाते हैं।



